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अ‍फगानिस्‍तान में फंसे नागरिक, परेशान परिजनों ने सुरक्षित वतन वापसी के लिए सरकार से लगाई गुहार

गोरखपुर के शैलेन्‍द्र शुक्ल काबुल की एक स्टील फैक्ट्री में मशीन इंस्टाल करने गए थे. शैलेन्द्र के साथ गोरखपुर के दो और युवक भी उसी फैक्ट्री में काम कर रहे थे. तालिबान के कब्जे के बाद सभी खौफ में हैं.

तालिबान के कब्जे से खौफ में हैं अफगानिस्तान में फंसे भारतीय (प्रतीकात्मक तस्वीरः पीटीआई) तालिबान के कब्जे से खौफ में हैं अफगानिस्तान में फंसे भारतीय (प्रतीकात्मक तस्वीरः पीटीआई)
गजेंद्र त्रिपाठी
  • गोरखपुर,
  • 20 अगस्त 2021,
  • अपडेटेड 5:55 PM IST
  • काबुल में फंसे हैं गोरखपुर के शैलेन्द्र
  • नादिया बंगाल के भी दो युवक फंसे 

अफगानिस्‍तान में तालिबान के कब्जे के बीच कई भारतीय अब भी वहां फंसे हैं. जो लोग अफगानिस्तान में फंसे हैं, उनके परिजन परेशान हैं. परेशान परिजनों ने अपने परिवार के सदस्य उनकी जल्द वतन वापसी सुनिश्चित कराने की गुहार लगाई है. गोरखपुर के शैलेन्‍द्र शुक्ल काबुल की एक स्टील फैक्ट्री में मशीन इंस्टाल करने गए थे. शैलेन्द्र के साथ गोरखपुर के दो और युवक भी उसी फैक्ट्री में काम कर रहे थे. तालिबान के कब्जे के बाद सभी खौफ में हैं.

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शैलेन्द्र के परिजनों की मानें तो उन्हें वहां रहने या खाने की कोई दिक्कत नहीं है, लेकिन वे डरे हुए हैं और जल्द से जल्द स्वदेश लौटना चाहते हैं. चौरीचौरा के दुबौली के रहने वाले शैलेन्‍द्र का परिवार राघवपट्टी पड़री में रहता है. उनके बड़े भाई उमेश शुक्‍ल ने सरकार से मांग की है कि काबुल में फंसे भाई को जल्‍द से जल्‍द स्वदेश वापस लाया जाए. वे कहते हैं कि उनसे लगातार बात हो रही है लेकिन इससे संतोष नहीं हो रहा.

शैलेन्द्र के घर पहुंचे स्‍थानीय निवासी अमरीश यादव कहते हैं कि शैलेन्‍द्र भी वहां परेशान हैं. वहां हालत बहुत खराब हैं. उन्होंने स्‍थानीय प्रशासन और सरकार से शैलेन्द्र के साथ ही अफगानिस्तान में फंसे अन्य भारतीयों को सुरक्षित स्वदेश लाने की मांग की. गौरतलब है कि गोरखपुर के जिला प्रशासन को ये जानकारी मंगलवार को ही हो गई थी कि जिले का युवक अफगानिस्तान में फंसा है लेकिन उसके परिवार के लोग परेशान हो जाएंगे, इसलिए वह अपने गांव का नाम नहीं बता रहा था.

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एसडीएम के आदेश पर तहसीलदार ने शैलेन्द्र के परिजनों से मुलाकात कर उसे हर संभव सहायता देने का वादा किया था. शैलेन्द्र के घर पर उनकी मां इन्‍दु देवी, पत्नी कालिंदी और दो बच्‍चे नौ साल का विपुल और सात साल का दीपांजल है. प्रशासन की ओर से तहसीलदार वीरेंद्र गुप्ता ने शैलेन्द्र शुक्ल से भी सकुशल वापसी के लिए बात की है.

बंगालः नादिया के भी दो युवक फंसे

पश्चिम बंगाल के नादिया जिले के दो युवक भी अफगानिस्तान में फंसे हैं. परिवार के लोग अपने बच्चों की सलामती के लिए प्रार्थना कर रहे हैं, साथ ही सरकार से सुरक्षित वतन वापसी सुनिश्चित करने की गुहार भी लगा रहे हैं. जानकारी के मुताबिक ताहिरपुर म्यूनिसिपैलिटी के जे ब्लॉक निवासी कृष्णा दास अफगानिस्तान में कुक का काम करते थे. करीब पांच साल से अफगानिस्तान में रह रहे कृष्णा ने देश पर तालिबान के कब्जे के बाद लगातार वहां से निकलने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन दो दफे फ्लाइट कैंसिल होने के बाद वे हाउस अरेस्ट चल रहे हैं. कृष्णा की पत्नी मौमिता दास लगातार उनके संपर्क में हैं लेकिन वे भी परेशान हैं कि उनके पति किस तरह स्वदेश वापस आएंगे. कृष्णा के साथ ही अशोक घोष भी अफगानिस्तान में फंसे हैं.

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(नादिया से बिस्वजीत बनर्जी के इनपुट के साथ)

 

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