
बेंगलुरु के बाद गुजरात के अहमदाबाद में भी ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) का एक मामला सामने आया है. अहमदाबाद के चांदखेडा इलाके में 2 महीने के बच्चे में इस वायरस का संक्रमण पाया गया है. नवजात का यहां के एक प्राइवेट हॉस्पिटल में इलाज चल रहा है. यह परिवार राजस्थान के डुंगरपुर से बच्चे का इलाज कराने के लिए अहमदाबाद पहुंचा था. बच्चे की स्थिति अभी स्टेबल है. बेंगलुरु के बैपटिस्ट अस्पताल में एक 8 महीने के लड़के और 3 महीने की लड़की में सांस लेने में दिक्कत पैदा करने वाले वायरस एचएमपीवी का पता चला है. अधिकारियों ने बताया कि इन दोनों मरीजों या उनके परिजनों की कोई इंटरनेशनल ट्रैवल हिस्ट्री नहीं थी.
चीन में वायरल इंफेक्शन में वृद्धि की रिपोर्ट के बीच ये मामले सामने आए हैं, जो ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) से जुड़े हैं. यह वायरस श्वसन तंत्र को प्रभावित करता है, जिसके बारे में पहली बार 2001 में पता चला था. एचएमपीवी बुजुर्गों और बच्चों को खासकर प्रभावित करता है. बेंगलुरु में पाए गए दोनों मामलों में ब्रोन्कोपमोनिया की मेडिकल हिस्ट्री थी, जो निमोनिया का एक रूप है. तीन महीने के बच्चे को पहले ही छुट्टी दे दी गई है, जबकि 8 महीने का बच्चा रविवार को वायरस से संक्रमित पाया गया और ठीक हो रहा है. भारत सरकार ने लोगों से न घबराने की अपील करते हुए कहा है कि एचएमपीवी कोई नया वायरस नहीं है. यह विश्व स्तर पर और देश के भीतर पहले से ही मौजूद है. सर्दियों के मौसम में यह वायरस लोगों को ज्यादा प्रभावित करता है.
दिल्ली में अस्पतालों को अलर्ट पर रखा गया
दिल्ली के स्वास्थ्य अधिकारियों ने एक एडवाजरी जारी करके अस्पतालों को आईएचआईपी पोर्टल (Integrated Health Information Platform) के माध्यम से इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारी (Influenza Like Illness) और सांस संबंधित गंभीर संक्रमण के मामलों (Severe Acute Respiratory Illness) को तुरंत रिपोर्ट करने का निर्देश दिया है. सांस संबंधी समस्याओं से ग्रसित मरीजों के लिए आइसोलेशन अनिवार्य कर दिया गया है. सटीक निगरानी सुनिश्चित करने के लिए अस्पतालों को सीवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी इलनेस और इन्फ्लूएंजा से संबंधित मामलों का डॉक्यूमेंटेशन करना होगा. अस्पतालों को ऑक्सीजन के साथ-साथ पेरासिटामोल, एंटीहिस्टामाइन, ब्रोन्कोडायलेटर्स और कफ सिरप की उपलब्धता सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है.
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एचएमपीवी वायरस से संक्रमण के लक्षण
ब्रोन्कोपमोनिया, जिसे ब्रोन्कियल निमोनिया के रूप में भी जाना जाता है, एक प्रकार का निमोनिया है जिसमें फेफड़ों में ब्रांकाई (बड़ी नलिकाएं होती जो श्वासनली से जुड़ी होती हैं) और एल्वियोली (फेफड़ों में मौजूद छोटी-छोटी हवा की थैलियां) में की सूजन हो जाती है. ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस से संक्रमित व्यक्ति में बुखार, खांसी, सांस लेने में तकलीफ, तेजी से सांस लेना, पसीना आना और ठंड लगना, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, थकान और भूख न लगना जैसे लक्षण दिख सकते हैं. ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस का संक्रमण आमतौर पर 11 वर्ष से कम उम्र के बच्चों में पाया जाता है.
घबराने जैसी कोई बात नहीं: हेल्थ मिनिस्ट्री
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च देश भर में सांस संबंधी बीमारियों की मॉनिटरिंग कर रहा है. गुजरात और कर्नाटक में सामने आए एचएमपीवी के मामलों के बारे मेंकेंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा- आईसीएमआर (ICMR) और इंटीग्रेटेड डिजीज सर्विलांस प्रोग्राम (IDSP) मॉनिटरिंग नटवर्क के वर्तमान आंकड़ों से पता चलता है कि देश में इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारी (Influenza-Like Illness) या सांस संबंधी गंभीर या तीव्र बीमारी (Severe Acute Respiratory Illness) के मामलों में कोई असामान्य वृद्धि नहीं हुई है. बेंगलुरु में दो एचएमपीवी मामलों की पहचान आईसीएमआर की मॉनिटरिंग के माध्यम से ही हुई है.
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बच्चों में HMPV संक्रमण चिंता की बात नहीं
कर्नाटक के हेल्थ कमिश्नर हर्ष गुप्ता ने कहा कि शिशुओं में एचएमपीवी संक्रमण मिलना असामान्य नहीं. उन्होंने लोगों से अपील की कि उन्हें घबराने जैसी कोई बात नहीं है. उन्होंने कहा, 'पहले भी हमने कई मरीजों में एचएमपीवी से संबंधित मामलों की पहचान की है. इसमें कोई चिंताजनक बात नहीं है और किसी को भी घबराने की जरूरत नहीं है. अगर एचएमपीवी का कोई नया स्ट्रेन है, तो आईसीएमआर हमें निर्देश भेजेगा. अब तक, इसके लिए कोई विशिष्ट प्रोटोकॉल जारी नहीं किया गया है. बेंगलुरु में जिन शिशुओं में एचएमपीवी संक्रमण पाया गया है, उनकी कोई लोकल या इंटरनेशनल ट्रैवल हिस्ट्री नहीं है. इस वायरस के बारे में चिंता की कोई बात नहीं है.'
क्या एचएमपीवी कोविड-19 के समान है?
एचएमपीवी फ्लू जैसे लक्षणों का कारण बनता है. वायरस आमतौर पर ऊपरी श्वसन तंत्र को प्रभावित करता है लेकिन कभी-कभी श्वसन तंत्र के निचले हिस्से में संक्रमण का कारण बन सकता है. सर्दियों और वसंत ऋतु की शुरुआती में एचएमपीवी संक्रमण होना अधिक आम बात है. जबकि HMPV और SARS-CoV-2 (कोविड-19 के लिए जिम्मेदार वायरस) अलग-अलग वायरल फैमिली से संबंधित हैं, उनमें आश्चर्यजनक समानताएं हैं. दोनों वायरस मुख्य रूप से इंसान के श्वसन प्रणाली को टारगेट करते हैं, जिससे हल्के से गंभीर संक्रमण होते हैं. एचएमपीवी भी कोविड-19 की तरह रेस्पिरेटरी ड्रॉपलेट्स (बोलते या खांसते वक्त मुंह से निकलने वाली बूंदें) और प्रदूषित सतहों के संपर्क में आने से फैलता है. दोनों वायरस से संक्रमण के लक्षण समान हैं, जैसे- बुखार, खांसी, गले में खराश, घरघराहट और सांस लेने में तकलीफ होना. एचएमपीवी भी कोरोना वायरस की तरह बच्चों, बुजुर्गों और कमजोर इम्युनिटी वाले व्यक्तियों को अपनी चपेट में लेता है.
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एचएमपीवी संक्रमण की रोकथाम कैसे करें?
एचएमपीवी के संक्रमण से बचने के लिए, स्वास्थ्य अधिकारी बार-बार साबुन और पानी से कम से कम 20 सेकंड तक हाथ धोने का सुझाव देते हैं. बिना धोए हाथों से आंखों, नाक या मुंह को छूने से बचें और जिन लोगों में सर्दी-जुकाम, सांस लेने में तकलीफ, बुखार जैसे लक्षण हों उनके क्लोज कॉन्टैक्ट में आने से बचें. जिन लोगों में सर्दी जैसे लक्षण हैं उन्हें मास्क पहनना चाहिए. छींकते या खांसते समय अपने मुंह और नाक को ढकें और हैंडवॉश करें या सैनिटाइजर का इस्तेमाल करें.
एचएमपीवी संक्रमण के लिए उपचार या टीका
वर्तमान में, एचएमपीवी के लिए कोई विशिष्ट एंटीवायरल उपचार नहीं है. कोई टीका भी विकसित नहीं हुआ है. अगर किसी व्यक्ति में एचएमपीवी संक्रमण के लक्षण हैं तो उसे खुद को आइसोलेट करने और सामान्य देखभाल करने की सलाह दी जाती है.
क्या एचएमपीवी नई महामारी बनने जा रहा है?
जबकि कई सोशल मीडिया पोस्ट और रिपोर्ट में दावा किया गया है कि चीन एक और महामारी से जूझ रहा है, वहां स्वास्थ्य अधिकारियों की ओर से किसी संभावित आपातकाल की स्थिति के बारे में कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है. एचएमपीवी के लिए कोई विशिष्ट उपचार या टीका उपलब्ध नहीं होने के कारण, वायरस के बारे में जागरूकता और सावधानी इसके प्रसार को रोकने में मदद कर सकती है.
भारत एचएमपीवी से निपटने के लिए तैयार है?
राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (NCDC) ने भारत में ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) का कोई मामला नहीं होने की पुष्टि की है. एनसीडीसी के निदेशक डॉ. अतुल गोयल ने बताया कि एचएमपीवी सामान्य सर्दी के वायरस जैसा दिखता है, जिससे बच्चों और बुजुर्गों में फ्लू जैसे लक्षण होते हैं. उन्होंने लोगों से स्टैंडर्ड प्रोटोकॉल का पालन करने का आग्रह किया, जैसे किसी में सर्दी-खांसी और बुखार जैसे लक्षण हैं तो उसके संपर्क में आने से बचना. उन्होंने आश्वासन दिया कि घबराने की बात नहीं है और नियमित सर्दी या बुखार की दवाएं पर्याप्त मात्रा में मौजूद हैं.