
केरल में निपाह वायरस (Nipah Virus) के प्रकोप के बीच महाराष्ट्र मे जीका वायरस ने दस्तक दे दी है. महाराष्ट्र के कोल्हापुर के इचलकरंजी में जीका वायरस के दो मामले सामने आए हैं. राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि जीका से संक्रमित एक मरीज 78 साल का जबकि दूसरा 75 साल का है.
महाराष्ट्र स्वास्थ्य निगरानी अधिकारी प्रताप सिंह सार्निकर ने बताया कि दोनों मामले पिछले 15 दिन में मिले हैं. इनमें एक मरीज में बुखार, शरीर में दर्द और चकत्ते जैसे लक्षण मिले थे. इसके बाद उसकी जांच की गई, तो वह जीका वायरस से संक्रमित पाया गया. उसके सैंपल नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ इम्यूनोलॉजी, पुणे भेजे गए थे.
संपर्क में आया व्यक्ति भी संक्रमित
इसके अलावा शख्स के संपर्क में आए, कुछ व्यक्तियों में भी लक्षण पाए गए थे. संपर्क में आए व्यक्तिों के सैंपल भी लैब में भेजे गए थे. संपर्क में आए व्यक्तियों में एक और संक्रमित पाया गया था. हालांकि, अब दोनों मरीज संक्रमण से ठीक हो गए हैं. जीका वायरस एडीज मच्छर के काटने से फैलने वाली बीमारी है. इसका सबसे पहले मामला 1947 में युगांडा में मिला था.
क्या है जीका वायरस?
वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (डब्ल्यूएचओ) के मुताबिक, जीका वायरस एडीज मच्छर के काटने से फैलता है. एडीज मच्छरों के काटने से ही डेंगू, चिकनगुनिया और येलो फीवर भी फैलता है. ये तीनों वायरस लगभग एक जैसे ही हैं. इन तीनों के फैलने की शुरुआत पश्चिम, मध्य अफ्रीका और दक्षिणपूर्व एशिया से हुई. जीका वायरस गर्भवती महिला से गर्भ मे पल रहे बच्चे में फैलता है.
जीका वायरस के लक्षण
जीका वायरस के लक्षण बेहद आम हैं. इनमें शरीर पर लाल चिकत्ते पड़ना, बुखार, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द और सिर में दर्द शामिल है. जीका वायरस से संक्रमित ज्यादातर लोगों में इसके लक्षण नहीं मिलते.
जीका से कैसे किया जा सकता है बचाव
अमेरिका के सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) के मुताबिक, जीका की कोई वैक्सीन या कोई इलाज नहीं है. एक्सपर्ट्स का कहना है कि जीका से संक्रमित होने के बाद पर्याप्त मात्रा में आराम और लगातार पानी पीते रहना बहुत जरूरी है. अधिक मात्रा में पानी पीने से शरीर हाइड्रेटेड रहता है और आराम करने से शरीर को ऊर्जा मिलती है. इससे संक्रमित होने पर लक्षणों और इलाज के बारे में जागरूकता जरूरी है. अधिकांश लोगों में जीका एक हल्का संक्रमण है. इसमें सामान्य लक्षणों में बुखार, दाने, सिरदर्द, जोड़ों में दर्द, लाल आंखें और मांसपेशियों में दर्द शामिल है. इन लक्षणों को कम करने के लिए डॉक्टर्स दवा प्रिस्क्राइब करते हैं. यह महत्वपूर्ण है कि ली गई किसी भी दवा को डॉक्टर द्वारा प्रिस्क्राइब जरूर होना चाहिए, आप अपनी मर्जी से कोई दवा न लें. इसके साथ ही भरपूर आराम, पानी और हल्का आहार भी ठीक होने में मदद करता है. डॉक्टर कई तरह की दवाओं से बचने की सलाह भी देते हैं.
केरल में निपाह वायरस का कहर
केरल में लगातार सामने आ रहे निपाह वायरस ने सरकार को चिंता में डाल दिया है. यहां के कोझिकोड में तेजी से संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं. अब तक 6 लोग निपाह वायरस से संक्रमित पाए जा चुके हैं. इनमें से 2 की मौत भी हो गई है. कोझिकोड में निपाह के चार एक्टिव केस हैं.
कैसे फैलता है निपाह वायरस?
निपाह वायरस एक नया वायरस है जो जानवरों के जरिए इंसानों में फैलता है. इसका सबसे पहला मामला मलेशिया में साल 1999 में पाया गया था. इसके बाद सिंगापुर और बांग्लादेश में भी इस वायरस के मामले दर्ज किए गए. ये वायरस चमगादड़ों और सूअर के जरिए इंसानों तक फैलता है. वहीं अगर इस वायरस से संक्रमित कोई चमगादड़ या सूअर किसी फल का सेवन करता है, तो उस फल के जरिए भी निपाह वायरस का प्रसार इंसानों में हो सकता है. अगर किसी शख्स की निपाह वायरस की वजह से जान गई, तो उस परिवार के दूसरे सदस्य भी इसकी चपेट में आ सकते हैं. ऐसे में किसी भी निपाह संक्रमित व्यक्ति का अंतिम संस्कार करते समय जरूरत से ज्यादा सावधानी बरतनी होगी. ये वायरस इतना खतरनाक बताया गया है कि इससे किसी की जान भी जा सकती है.