
मध्य प्रदेश में शिवराज सरकार ने साम्प्रदायिक दंगे, जुलूस या धरना-प्रदर्शन के दौरान पत्थरबाजी करने या शासकीय और प्राइवेट प्रॉपर्टी को नुकसान पहुंचाने वालों के खिलाफ कार्रवाई के लिए अधिनियम बना लिया है. गुरुवार को शिवराज कैबिनेट ने लोक एवं निजी संपत्ति को नुकसान निवारक व नुकसानी की वसूली अधिनियम-2021 को मंजूरी दे दी है. इससे पहले यूपी और हरियाणा में इस कानून को मंजूरी मिल चुकी है.
अब अगले विधानसभा सत्र में इस अधिनियम को पेश किया जाएगा, यहां से पास होने के बाद यह कानून बन जाएगा. इसके तहत अब धरना, प्रदर्शन, जुलूस या साम्प्रदायिक हिंसा के दौरान पत्थरबाजी से नुकसान या शासकीय-निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों से ही उस नुकसान की वसूली की जाएगी और वसूली के लिए जरूरत पड़ने पर उसकी संपत्ति भी कुर्क की जाएगी.
ऐसा होगा वसूली विधेयक, 2021
- इस विधेयक में ऐसी समस्त सरकारी और निजी संपत्ति की नुकसानी की वसूली की जा सकेगी जो साम्प्रदायिक दंगों, हड़ताल, बंद, प्रदर्शन, जुलूस या व्यक्तियों के समूह द्वारा की गई है. इनमें केन्द्र सरकार, राज्य सरकार स्थानीय निकाय के साथ ही सहकारी संस्थाओं कंपनियों आदि की सम्पत्ति नुकसान भी शामिल है. राज्य सरकार नुकसान वाली जगह पर Claims Tribunal का गठन कर सकेगी, जो इस विधेयक के तहत सरकारी-निजी संपत्ति के नुकसान करने वालों से वसूली के लिए उत्तरदायी होगी.
- राज्य सरकार रिटायर जिला जज और राज्य सरकार से सेवानिवृत्त सचिव को Claims Tribunal में नियुक्त कर सकेगी. सरकारी संपत्ति के लिए जिला अधिकारी या दफ्तर प्रमुख और निजी संपत्ति के लिए मालिक या संपत्ति की देखरेख करने वाला Claims Tribunal के सामने 30 दिन में आवेदन कर सकेगा.
- Claims Tribunal ऐसे Claims Commissioner को नियुक्त कर सकेगा जो उसे नुकसान के संबंध में जांच में मददगार हो सके. Claims Tribunal नुकसान की वसूली संपत्ति नुकसान करने वाले व्यक्ति के साथ ही ऐसे नुकसान पहुंचाने वाले, नुकसान के लिए उकसाने वाले व्यक्तियों से वसूली के लिए कहेगा. 15 दिन में भुगतान नहीं होने पर ब्याज और आवेदनकर्ता को Claims Tribunal में प्रकरण में हुए खर्चे की वसूली के आदेश भी देने के अधिकार होंगे.
15 दिन तक नुकसान की तय राशि जमा न करने पर जिला कलेक्टर को वसूली के लिए आरोपी की चल-अचल संपत्ति की कुर्की और नीलामी का अधिकार होगा. इसके बाद नुकसान का भुगतान किया जाएगा.