
एक साल से ज्यादा वक्त से चल रहे किसान आंदोलन की अब घर वापसी होगी जिसको लेकर दिल्ली के अलग-अलग बॉर्डर पर किसानों ने तैयारी भी शुरू कर दी है. लेकिन मोर्चा खत्म होने से एक रात पहले आंदोलनकारी किसान देशभक्ति गानों की धुनों पर गाजीपुर बॉर्डर पर जश्न मनाते नजर आये.
किसान घर लौटने से पहले शनिवार को विजय दिवस मनाएंगे और इस दौरान खाने के लिए तमाम व्यंजन और पकवान की व्यवस्था भी की गई है.
किसान आंदोलन का शुक्रवार को आखिरी दिन था. अब किसान अपने घरों की ओर वापसी करेंगे. ऐसे में किसान घर लौटने से पहले कृषि कानूनों को वापस लिए जाने का जश्न मनाते हुए नजर आए. इस खुशी में क्या बुजुर्ग, क्या जवान, हर कोई देशभक्ति गीतों पर झूमता नजर आया.
देशभक्ति गीतों पर नाचे किसान
आंदोलनकारी किसान हाथों में तिरंगा झंडा लिए भाईचारे और एकता की मिसाल पेश करते हुए नजर आए. किसानों की माने तो पिछले 1 साल से ज्यादा वक्त से वो ये लड़ाई लड़ रहे थे जिसमें अब जीत हासिल हुई है जिसके बाद अब वो अपने घर को लौटेंगे, ये घर वापसी का जश्न है.
हालांकि किसानों ने यह भी साफ कर दिया कि शनिवार को इस दौरान किसी प्रकार का कोई जुलूस नहीं निकालेंगे और बहुत ही साधारण तरीके से अपने ट्रैक्टरों पर सामान लादकर घर वापसी करेंगे. लेकिन घर लौटने से पहले किसान विजय दिवस जरूर मनाएंगे जिसमें तमाम तरह की मिठाई से लेकर लंगर तक का इंतजाम किया गया है.
सबसे अंत में अपना मोर्चा खाली करेंगे टिकैत
दिल्ली के गाजीपुर बॉर्डर पर सबसे आखिर में किसान नेता राकेश टिकैत अपना मोर्चा खाली करेंगे. उन्होंने पहले ही यह बयान देकर साफ कर दिया था. वहीं दिल्ली के सिंघु बॉर्डर पर जहां सबसे पहले किसान आंदोलन करने के लिए मोर्चा लेकर पहुंचे थे वहां पर भी धीरे-धीरे किसान अपने समान और टेंट तंबू को बांधना शुरू कर चुके हैं.
कुछ ऐसा ही नजारा टिकरी बॉर्डर का भी दिखा जहां कई किलोमीटर तक फैले टेंट और सामान को किसानों ने समेटना शुरू कर दिया था.
किसान सिंघु और टिकरी बॉर्डर से अब घर वापसी करेंगे. बता दें कि लंबे वक्त से सड़कों पर डटे किसानों के परिजन उनके लौटने का घरों में इंतजार कर रहे थे.
गाजीपुर में जीत की खुशी मनाते हुए किसान हरविंदर ने बताया कि परिवार वाले भी लंबे वक्त से इंतजार कर रहे हैं. हमने बारिश हो, धूप हो, तूफान हो या फिर कड़ाके की ठंड अपने मोर्चे को कभी वापस नहीं लिया, यह जीत किसान की है और इसका जश्न हम इसी तरीके से मनाएंगे.
किसान अपने घर लौटने से पहले सिंघु, टिकरी और ग़ाज़ीपुर बॉर्डर पर विजय दिवस मनाएंगे. गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों ने विजय दिवस के लिए खास मेन्यू तैयार कर रखा है. यहां अलग-अलग लंगर में कई तरह के पकवान बनाने की तैयारी की जा रही है.
'24 घंटे बनेगी जलेबी'
बिजनौर से आए किसानों ने आज से ही जश्न मनाना शुरू कर दिया. इस लंगर में सुबह से ही जलेबी बनाई जा रही है जो कि विजय दिवस तक यानी लगभग 24 घंटे लगातार बनती रहेगी. किसानों का कहना है कि जलेबी के अलावा कई तरह के पकवान का भी इंतजाम किया गया है.
'शादी जैसा खाना बनाएंगे'
शामली से आये किसान विजय दिवस पर देसी घी का हलवा बनाएंगे.. धुली उड़द की दाल भी कल बनाई जाएगी. यहां के लंगर में मौजूद किसान बताते हैं कि उनके गांव में शादी के पहले हल्दी और दूसरे रीति रिवाज में जिस तरह का खाना बनाया जाता है विजय दिवस पर उसी तरह का खाना तैयार किया जाएगा.
डीजे बजेगा, पार्टी होगी
ग़ाज़ीपुर बॉर्डर पर ही गुरुद्वारा लंगर साहिब श्री हुज़ूर साहिब नाम से एक लंगर चल रहा है. यहां के सेवादार एसपी सिंह बताते हैं कि विजय दिवस के लिए गुलाब जामुन तैयार किए जा रहे हैं. इसके अलावा खाने में छोले और कुलचे की व्यवस्था भी की जाएगी अब क्योंकि जश्न है इसलिए विजय दिवस पर डीजे की व्यवस्था भी की जा रही है. इसके अलावा लंगर में चाऊमीन,चाट, टिक्की की भी व्यवस्था होगी.
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