
Agneepath Scheme: युवाओं को सेना से जोड़ने और सशस्त्र सेनाओं के आधुनिकीकरण के लिए केन्द्रीय रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने 14 जून को अग्निपथ स्कीम की घोषणा की है. वहीं पूर्वी कमान के चीफ ऑफ स्टाफ लेफ्टिनेंट जनरल केके रेप्सवाल ने बताया कि अग्निपथ योजना के तहत अगले तीन में महीने में युवाओं की भर्ती शुरू हो जाएगी. इसके बाद उन्हें 10 हफ्ते से लेकर 6 महीने तक का प्रशिक्षण दिया जाएगा. इसके बाद उन्हें चार साल की सेवा के लिए भेजा जाएगा.
12वीं पास ही भर्ती के लिए होंगे पात्र
सेना भर्ती के लिए निर्धाारित शैक्षणिक योग्यता पूर्ववत ही रहेगी. 12वीं पास उम्मीदवार भर्ती के लिए पात्र होंगे. फिजिकल स्टैंडर्ड और फिजिकल एफिशिएंसी टेस्ट के आधार पर ही उम्मीदवारों का चयन होगा, जो 4 वर्षों के लिए अग्निवीर के तौर पर सेना में अपनी सेवाएं दे सकेंगे.
17 से 21 साल के बीच होनी चाहिए उम्र
सेना प्रमुखों ने बताया है कि वर्तमान में सभी सेनाओं में सैनिकों की औसत आयु 32 वर्ष है. सेनाओं को यूथफुल बनाने के लिए अग्निपथ स्कीम लाई गई है. अग्निवीर बनने के लिए उम्मीदवारों की आयु साढ़े 17 साल से 21 साल के बीच होनी चाहिए.
40 हजार रुपये तक मिलेगी सैलरी
इस योजना के तहत हर साल करीब 45 हजार युवाओं को सेना में शामिल किया जाएगा. ये भर्तियां मेरिट और मेडिकल टेस्ट के आधार पर की जाएंगी. चयनित युवाओं को चार साल के लिए सेना में सेवा देने का मौका मिलेगा. इससे पहले उन्हें 6 महीने की बेसिक मिलिट्री ट्रेनिंग दी जाएगी.
अग्निवीरों को 30 हजार से 40 हजार महीना सैलरी और अन्य फायदे दिए जाएंगे. इन दौरान अग्निवीर तीनों सेनाओं के स्थायी सैनिकों की तरह अवॉर्ड, मेडल और इंश्योरेंस कवर पाएंगे. 48 लाख रुपये का बीमा कवर मिलेगा.
अगर सेवा के दौरान शहीद या दिव्यांग हो गए, तो 44 लाख रुपये तक का मुआवजा दिया जाएगा. चार साल पूरे होने के बाद 25 फीसदी को फिर सेना में 15 साल और सेवा करने का मौका मिलेगा. चार साल बाद जो अग्निवीर बाहर होंगे उन्हें सेवा निधि पैकेज के तहत टैक्स फ्री करीब 12 लाख रुपये एकमुश्त मिलेंगे.
यूपी समेत इन राज्यों से बढ़ाए हाथ
- सवाल उठ रहे थे कि चार साल पूरे होने के बाद भले ही 25 फीसदी अग्निवीरों को स्थायी काडर में भर्ती कर लिया जाएगा लेकिन शेष 75 फीसदी युवाओं के पास चार साल बाद क्या विकल्प होगा. इस पर रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा था कि मेबहुत से मंत्रालयों और राज्य सरकारों ने यह इच्छा व्यक्त की है कि उनके मंत्रालयों, कॉरपोरेशनों में अगर कोई भर्ती आती है जो उन्हें इसमें प्राथमिकता दी जाएगी.
- नई योजना ‘अग्निपथ’ को लेकर गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि गृह मंत्रालय ने इस योजना में 4 साल पूरा करने वाले अग्निवीरों को CAPFs और असम राइफल्स में भर्ती में प्राथमिकता देने का निर्णय लिया है.
- उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ऐलान किया कि अग्निपथ योजना के तहत सेवा के चार साल बाद यूपी सरकार पुलिस और अन्य संबंधित सेवाओं में प्राथमिकता देगी.
- मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने घोषणा की है कि भारतीय सेना में शॉर्ट टर्म एग्रीमेंट के आधार पर अग्निपथ योजना के तहत भर्ती किए गए जवानों को राज्य पुलिस की भर्ती में प्राथमिकता दी जाएगी.
- असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि जो लोग 4 साल बाद 'अग्निवीर' की जॉब से वापस आएंगे, उन्हें असम आरोग्य निधि पहल में प्राथमिकता दी जाएगी.
सेना में खाली हैं करीब एक लाख पद
तीनों सेनाओें में अब भी करीब एक लाख से ज्यादा पद खाली हैं. सेना में तो कोरोना के कारण दो साल से भर्ती ही नहीं हुई. इसी साल 21 मार्च को राज्यसभा में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बताया था कि 2020-21 और 2021-22 में कोरोना के कारण सेना में भर्ती नहीं हुई है. लेकिन इसी दौरान नौसेना में 8,319 और वायु सेना में 13,032 भर्तियां हुईं हैं.
पिछले साल 13 दिसंबर को रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने राज्यसभा में तीनों सेनाओं में अफसरों और जवानों की कमी की जानकारी दी थी. उन्होंने बताया था कि सेना में 53,569 अफसर और 11.35 लाख जवान मौजूद हैं. अभी भी अफसरों के 7,476 और जवानों के 97,177 पद खाली हैं.
इसी तरह वायुसेना में 12,048 अफसर और 1.38 लाख एयरमैन हैं. अभी भी वायुसेना में 621 अफसरों और 4,850 एयरमैन की जरूरत है. नौसेना में अफसरों के 11,100 पद हैं और अब भी 1,265 पद खाली हैं. इसी तरह से नौसेना में 63,515 नौसैनिक हैं और 11,166 नौसिनिकों की जरूरत और है.