Advertisement

अग्निपथ स्कीम: अगले 10 साल में तीन लाख तक घट जाएगी आर्मी में जवानों की संख्या

अग्निपथ योजना को लेकर सरकार की तरफ से लंबी प्लानिंग की गई है. कहा जा रहा है कि आने वाले सालों में आर्मी में जवानों की संख्या को कम करने पर जोर दिया जा रहा है.

अग्निपथ योजना पर सरकार की प्लानिंग अग्निपथ योजना पर सरकार की प्लानिंग
अभिषेक भल्ला
  • नई दिल्ली,
  • 24 जून 2022,
  • अपडेटेड 11:34 PM IST
  • वर्तमान में 11 लाख से ज्यादा जवान आर्मी में
  • औसत उम्र 30 से 25 साल करने पर जोर

देश में अग्निपथ योजना को लेकर बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है. बिहार, यूपी जैसे राज्यों में कई युवा अभी भी इस योजना का विरोध कर रहे हैं. लेकिन भारत सरकार ने अग्निपथ योजना लाने से पहले कई सालों की प्लानिंग की है. उनकी तरफ से एक्सपर्ट से बात की गई है और एक रोडमैप तैयार किया है.

अब आजतक को मिली जानकारी के मुताबिक अग्निपथ योजना के जरिए सरकार सिर्फ पेंशन को कम नहीं करना चाहती है, बल्कि आने वाले समय में आर्मी में जवानों की संख्या को कम करने पर भी जोर है. कहा जा रहा है कि वर्तमान में सेना में जवानों की संख्या 13 लाख से ज्यादा है.  लेकिन इसी आंकड़े को अब आने वाले सालों में 11 लाख के अंदर में लाने की कोशिश की जाएगी. इस बारे में एक सरकारी अधिकारी बताते हैं कि आने वाले दस साल में एक तय प्रक्रिया के तहत इसे किया जाएगा. ऐसा देखा गया है कि अगर देश की सेना को मॉर्डन बनना है, अगर टेक्नोलॉजी में एंडवास होना है, तो ऐसे में मैनपॉवर इंटेनसिव नहीं बन सकते हैं.

Advertisement

अनुमान तो ये भी लगाया गया है कि आज से 10 से 15 साल बाद भारतीय सेना में जवानों की संख्या 10 से 10.5 लाख पर पहुंच जाएगी और फिर कई सालों तक इसे इसी आंकड़े के इर्द-गिर्द रखा जा सकेगा. खास बात ये भी रहेगी कि अग्निपथ की वजह से चार साल के अंदर 75 फीसदी से ज्यादा जवान सेना छोड़ जाएंगे, ऐसे में लंबे समय में पेंशन का बोझ भी कम होता जाएगा. इन्हीं मुद्दों को ध्यान में रखते हुए सरकार ये अग्निपथ योजना लेकर आई है.

वर्तमान में सरकार की सबसे बड़ी चुनौती ये भी है कि डिफेंस बजट बढ़ाने के बावजूद भी सेना के पास नए और ताकतवर हथियारों की कमी रहती है. इसका कारण ये है कि अभी भी रक्षा बजट का बड़ा हिस्सा पेंशन देने में निकल जाता है. आंकड़े भी इस बात की तस्दीक करते हैं. साल 2022 में रक्षा बजट के लिए  5,25,166.15 करोड़ रुपये दिए गए थे. लेकिन इसमें नए हथियारों की खरीदारी के लिए सिर्फ 1,52,369.61 करोड़ रुपये ही बचे हैं.

Advertisement

अग्निपथ योजना के जरिए एक और पहलू पर भी सरकार काम कर रही है. अभी इस समय सेना में जवानों की औसतन उम्र ज्यादा चल रही है. समय के साथ इसे भी कम करना एक चुनौती के तौर पर देखा जा रहा है. सरकार मानकर चल रही है कि अग्निपथ योजना इस दिशा में भी कारगर सिद्ध हो सकती है. कहा जा रहा है कि आने वाले सालों में औसतन उम्र 30 से कम होकर 25 तक पहुंच जाएगी.


 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement