
एक पिता के लिए इससे बड़ी बात और क्या होगी कि उसके बच्चे सफलता की ऊंचाइयों को छुएं. इसमें भी सफलता की ऊंचाई जब बेटी छुए तो बात ही कुछ और होती है. पिता और बेटी की जोड़ी की एक ऐसी ही कहानी है, जिन्होंने न सिर्फ सफलता की उड़ान भरी, बल्कि इतिहास भी रच दिया.
हम बात कर रहे हैं एयर कमोडोर संजय शर्मा और उनकी फ्लाइंग ऑफिसर बेटी अनन्या शर्मा की. पिता और बेटी की इस जोड़ी ने साथ मिलकर लड़ाकू विमान उड़ाया है. लड़ाकू विमान साथ में उड़ाने वाली ये पिता और बेटी की पहली जोड़ी है. वायुसेना में ऐसा कोई पिछला उदाहरण नहीं है, जिसमें पिता और बेटी एक मिशन में एक ही फाइटर फॉर्मेशन का हिस्सा रहे हों.
पिता संजय और बेटी अनन्या ने ये इतिहास 30 मई को रचा था. दोनों की तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है. दोनों ने बीदर एयरफोर्स स्टेशन पर Hawk-132 लड़ाकू विमान में उड़ान भरी थी. ये एक ऐसा मिशन था, जहां एयर कमोडोर संजय शर्मा और फ्लाइंग ऑफिसर अनन्या सिर्फ पिता-बेटी ही नहीं, बल्कि साथी भी थे.
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अनन्या के पिता एयर कमोडोर संजय शर्मा 1989 में वायुसेना में फाइटर स्ट्रीम में कमीशन हुए थे. उनके पास फाइटर ऑपरेशन का एक लंबा अनुभव है. उन्होंने Mig-21 स्क्वाड्रन की कमान भी संभाली है.
अनन्या जब बड़ी हो रही थीं, तब उन्होंने अपने पिता को एक फाइटर पायलट के तौर पर देखा था. पिता को देखकर ही अनन्या का सपना भी वायुसेना में जाने का था.
2016 में वायुसेना में जब पहली महिला फाइटर पायलट की एंट्री हुई, तो अनन्या को लगा कि उनका सपना भी अब सच हो सकता है. इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन में बीटेक करने के बाद उनका सिलेक्शन वायुसेना की फ्लाइंग ब्रांच में ट्रेनिंग के लिए हुआ. दिसंबर 2021 में अनन्या फाइटर पायलट के तौर पर कमीशन हुईं.