
एअर इंडिया की इंटरनेशनल फ्लाइट में एक यात्री द्वारा एक महिला पर पेशाब करने के मामले में टाटा ग्रुप के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा है कि इस मामले में एअर इंडिया का रिस्पॉन्स और तेज होना चाहिए था. एक बयान में एन चंद्रशेखरन ने कहा है कि हम इस स्थिति को उस तरह से संबोधित करने से चूक गए जिस तरह से हमें करना चाहिए था. इस स्थिति में हमें जिस तरह से प्रतिक्रिया देनी चाहिए थी वैसा हम नहीं कर पाए.
इससे पहले एविएशन इंडस्ट्री पर नजर रखने वाली सरकारी संस्था DGCA ने इस मामले में एअर इंडिया को फटकार लगाई थी. इसके बाद टाटा ग्रुप के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन का ये बयान आया है. उन्होंने कहा कि इस मामले में एअर इंडिया की प्रतिक्रिया तेज और तत्काल होनी चाहिए थी.
बता दें कि पिछले साल 26 नवंबर को एअर इंडिया की न्यूयॉर्क से नई दिल्ली की फ्लाइट में शराब के नशे में एक शख्स ने कथित रूप से एक महिला सहयात्री पर पेशाब कर दिया था. पीड़िता सीनियर सिटीजन हैं और उनकी उम्र 70 पार थी. ये घटना बिजनेस क्लास में हुई थी. इस मामले में आरोपी शंकर मिश्रा को दिल्ली पुलिस ने शनिवार को बैंगलुरु से गिरफ्तार किया था.
मीडिया में इस घटना के आते ही खूब हंगामा हुआ. इस पूरे घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए टाटा ग्रुप के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने कहा, "26 नवंबर, 2022 को एअर इंडिया की उड़ान AI102 की घटना, मेरे और एअर इंडिया के मेरे सहयोगियों के लिए व्यक्तिगत पीड़ा का विषय रही है. एअर इंडिया की प्रतिक्रिया बहुत तेज होनी चाहिए थी. हम इस स्थिति को उस तरह से संबोधित करने में विफल रहे, जिस तरह से इसे करना चाहिए था."
बता दें कि कभी सरकारी क्षेत्र की विमानन कंपनी रही एअर इंडिया को कुछ ही महीने पहले टाटा ग्रुप ने भारत सरकार से खरीदा है. एन चंद्रशेखरन ने कहा कि टाटा ग्रुप और एअर इंडिया पूरी निष्ठा के साथ अपने यात्रियों और क्रू की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है. हम ऐसी वाहियात किस्म की किसी भी घटना को रोकने या उसका समाधान करने के लिए प्रत्येक प्रक्रिया की समीक्षा करेंगे.
एअरलाइंस ने बुधवार को कहा था कि उसने आरोपी यात्री पर 30 दिनों के लिए उड़ान प्रतिबंध लगाया था और यह जांच करने के लिए एक आंतरिक पैनल का गठन किया था कि क्या स्थिति से निपटने में क्रू की ओर से चूक हुई थी.
बता दें कि डीजीसीए ने इस घटना की निंदा की थी और कहा था कि घटना से निपटने में एअर इंडिया का आचरण "गैर-पेशेवर" था. डीजीसीए ने एयरलाइन, इसके इन-फ्लाइट सेवाओं के निदेशक और उड़ान संचालित करने वाले चालक दल को कारण बताओ नोटिस जारी किया है.
इस मामले का खुलासा तब हुआ था जब पीड़ित मिला ने टाटा ग्रुप के चेयरमैन चंद्रशेखरन को एक पत्र लिखकर उस फ्लाइट के दौरान अपने डरावने अनुभव को साझा किया था.