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'लोगों को मरने के लिए नहीं छोड़ सकते', वायु प्रदूषण पर SC सख्त, पटाखा निर्माताओं को नोटिस

वायु प्रदूषण के मसले पर सुप्रीम कोर्ट ने एक बार फिर सख्त टिप्पणी की है. सुप्रीम कोर्ट ने करीब आधा दर्जन पटाखा निर्माताओं को कारण बताओ नोटिस भी भेजा है.

वायु प्रदूषण पर SC सख्त वायु प्रदूषण पर SC सख्त
संजय शर्मा
  • नई दिल्ली,
  • 30 सितंबर 2021,
  • अपडेटेड 9:58 AM IST
  • वायु प्रदूषण पर सुप्रीम कोर्ट सख्त
  • पटाखा निर्माताओं को कारण बताओ नोटिस भेजा

देश में बढ़ते वायु प्रदूषण (Air Pollution in India) पर सुप्रीम कोर्ट ने फिर चिंता जाहिर की है. कोर्ट ने इस बात पर आपत्ति जताई कि लोग मनाही के बावजूद आतिशबाजी करते हैं, जिससे स्थिति और ज्यादा बिगड़ती है. कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि वायु प्रदूषण की परेशानी अस्थमा के मरीज ही समझ सकते हैं. उच्चतम न्यायालय ने सख्त लहजे में यह भी कहा वह लोगों को मरने के लिए नहीं छोड़ सकते.

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पटाखों की बिक्री आदि पर कोर्ट ने कहा कि देश में हर दिन जश्न मनाए जाते हैं. जश्न मनाना अच्छी बात है, जरूर मनाना चाहिए लेकिन जश्न में आतिशबाजी की जाती है जो ठीक नहीं.

यह परेशानी पैदा करने वाली बात है. पीठ ने कहा कि हम लोगों को मरने के लिए नहीं छोड़ सकते. अस्थमा के मरीजों से पूछो, क्या परेशानी होती है। बच्चे भी प्रभावित हो रहे हैं.

वायु प्रदूषण पर कोर्ट ने जताई चिंता

पटाखा निर्माताओं को कारण बताओ नोटिस

सुप्रीम कोर्ट ने आगे कहा कि लोग अलग-अलग बीमारियों से जूझ रहे हैं. पीठ ने कहा जश्न तो ठीक है, हमें अन्य मुद्दों पर भी विचार करने की जरूरत है. इतना ही नहीं अदालती आदेश के कथित उल्लंघन पर सुप्रीम कोर्ट ने करीब आधा दर्जन पटाखा निर्माताओं को कारण बताओ नोटिस जारी कर पूछा है कि उनके खिलाफ अदालत की अवमानना की कार्रवाही क्यों नहीं करनी चाहिए?  मामले की अगली सुनवाई 6 अक्टूबर को होगी.

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दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई, चेन्नई के संयुक्त निदेशक की रिपोर्ट पर गौर करने पर पाया कि करीब एक दर्जन पटाखा निर्माताओं ने प्रतिबंधित बेरियम और बेरियम साल्ट का इस्तेमाल करके पटाखे बना रही हैं. कोर्ट ने इसपर नाराजगी जाहिर की. कोर्ट ने कहा कि यह हमारे आदेशों का उल्लंघन है. बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के तीन मार्च 2020 के आदेश के तहत सीबीआई को पटाखा निर्माताओं द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले पदार्थों की जांच करने के लिए कहा था.

 

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