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'ईद पर गाय की न दें कुर्बानी', AIUDF चीफ बदरुद्दीन अजमल की मुस्लिमों से अपील

ऑल इंडिया डेमोक्रेटिक फ्रंट (AIUDF) के चीफ बदरुद्दीन अजमल ने मुस्लिम समुदाय से ईद पर गायों की कुर्बानी न देने की अपील की है. उन्होंने कहा, हिंदू गाय को मां के समान मानता है और सनातन धर्म इसकी पूजा करता है. ऐसे में मुस्लिम समुदाय के लोग बकरीद पर गाय की कुर्बानी न दें.

बदरुद्दीन अजमल बदरुद्दीन अजमल
aajtak.in
  • गुवाहाटी,
  • 04 जुलाई 2022,
  • अपडेटेड 11:12 AM IST
  • असम के धुबरी से तीन बार के सांसद हैं अजमल
  • अजमल ने कहा- हिंदू गाय को मां का दर्जा देते हैं

देशभर में 10 तारीख को ईद उल अजहा (बकरीद) मनाई जानी है. इससे पहले ऑल इंडिया डेमोक्रेटिक फ्रंट (AIUDF) के चीफ बदरुद्दीन अजमल ने मुस्लिमों से खास अपील की है. असम के धुबरी से सांसद बदरुद्दीन अजमल ने अपील की है कि मुस्लिम ईद उल अजहा पर गाय की कुर्बानी न दें. 

बदरुद्दीन अजमल ने मुस्लिम समुदाय से ईद पर गायों की कुर्बानी न देने की अपील की है. उन्होंने कहा, हिंदू गाय को मां के समान मानता है और सनातन धर्म इसकी पूजा करता है. ऐसे में मुस्लिम समुदाय के लोग बकरीद पर गाय की कुर्बानी न दें. 

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जमीयत उलमा के अध्यक्ष के तौर पर अजमल ने कहा, ''भारत कई धर्मों के लोगों वाला देश है. इस देश में अधिकांश सनातनी हिंदू हैं. हिंदू गायों की पूजा करते हैं.  गायों को अधिकांश लोगों द्वारा मां माना जाता है. बहुसंख्यकों की भावनाएं गायों से जुड़ी होती हैं, इसलिए किसी और पशु की बलि देना अच्छा फैसला है.''

कुर्बानी मुसलमानों की जिम्मेदारी है और ऊंट, बकरी, गाय और भेड़ की बलि दी जाती है. अजमल ने दारुल उलुम देवबंद की 2008 की एक अपील का हवाला दिया, जिसमें मुसलमानों से गोवंश की बलि से बचने के लिए कहा गया है. इसमें आगे कहा कि ईद के दौरान गाय की कुर्बानी अनिवार्य नहीं है, ऐसे में यह सुनिश्चित करने के लिए गायों की बलि से बचना ताकि, कि हिंदुओं की भावनाओं को ठेस न पहुंचे. 

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असम में बीजेपी सरकार ने मवेशी संरक्षण अधिनियम में संशोधन किया है. इसके तहत मंदिरों के पांच किलोमीटर के दायरे में बीफ और बीफ उत्पादों की बिक्री और खाने पर रोक लगा दी है. अजमल तीन बार से सांसद हैं. उनकी पार्टी ऑल इंडिया डेमोक्रेटिक फ्रंट (AIUDF) मुस्लिमों की पार्टी कही जाती है. AIUDF के 13 विधायक हैं. 

(रिपोर्ट- पल्लव बोरा)
 

 

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