
डिप्टी सीएम और वित्त मंत्री अजित पवार ने विधायकों को फंड आवंटन पर जवाब देते हुए उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली एमवीए सरकार पर कटाक्ष किया है. विधायकों को असमान निधि आवंटन के विपक्ष के आरोपों का जवाब देते हुए, अजित पवार ने कहा कि हमने धन आवंटन के लिए उसी फॉर्मूले का उपयोग किया है जो वर्ष 2019-20-21 (एमवीए सरकार के कार्यकाल) में इस्तेमाल किया गया था.
कांग्रेस ने सरकार पर लगाया प्रतिशोध का आरोप
विपक्ष ने आपत्ति जताई और सत्ता पक्ष और विपक्ष के विधायकों के बीच अंतर करने के लिए डीसीएम और वित्त मंत्री अजित पवार पर निशाना साधा है. कांग्रेस विधायक नाना पटोले ने सरकार पर प्रतिशोध की भावना का आरोप लगाया और आवंटन में सुधार की मांग की. वहीं, शिवसेना (यूबीटी) के भास्कर जाधव ने अजित पवार को उनके निर्वाचन क्षेत्र में विकास परियोजनाओं पर लगी रोक हटाने की याद दिलाई. इसे लेकर विपक्ष ने विधानसभा से वॉकआउट भी कर दिया.
फडणवीस ने पवार का बचाव किया
इससे पहले रविवार को उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने अजित पवार का बचाव करते हुए कहा था कि वित्त मंत्री अजित पवार ने विकास कार्यों के लिए विधायकों को धन आवंटन करते हुए एनसीपी विधायकों को कोई खास तरजीह नहीं दी है. उन्होंने कहा कि बीजेपी और शिवसेना विधायकों को भी फंड दिया गया है. यह कहना सही नहीं है कि केवल अजित पवार समर्थकों को ही धन आवंटित किया गया है.
शिंदे गुट की बगावत की वजह बना था फंड आवंटन
बता दें कि इसके पहले जब महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी सरकार थी, तो उस दौरान फंड ही को लेकर शिवसेना में टूट हुई थी. महाविकास अघाड़ी सरकार में शिवसेना विधायकों को पर्याप्त फंड नहीं देने का आरोप लगाते हुए एकनाथ शिंदे समेत 40 से ज्यादा शिवसेना विधायकों ने बगावत कर दी थी. फिर बागी विधायकों ने अलग गुट बनाकर बीजेपी से हाथ मिला लिया और सरकार बना ली, लेकिन अब जब वह खुद बीजेपी, एनसीपी (अजित पवार गुट) के साथ सत्ता में है तब भी शिवसेना (शिंदे गुट) विधायकों को फंड न मिलने का आरोप लगाया जा रहा है.