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NCP नेता अजीत पवार संगठन में पद मांगकर खेल कर रहे हैं?

अजीत पवार को सदन की बजाय संगठन क्यों चाहिए, भारत इतनी ज्यादा Antibiotics क्यों खा रहा है,असम में बाढ़ के बाद स्थिति कैसी है और टाइटन पनडुब्बी क्यों नहीं मिल पा रही? सुनिए 'दिन भर' में.

Din bhar Din bhar
चेतना काला
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  • 22 जून 2023,
  • अपडेटेड 7:46 PM IST

 

एक महीने पहले तक अपनी जिम्मेदारियों से खुश एनसीपी नेता अजीत पवार अब कह रहे हैं कि वो महाराष्ट्र विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी नहीं चाहते. वो भी पार्टी के स्थापना दिवस के मौके पर और शरद पवार की मौजूदगी में. उनका ये बयान सियासी तौर पर चर्चा की वजह बना लेकिन उनकी बहन और एनसीपी की कार्यकारी अध्यक्ष सुप्रिया सुले ने इस बयान पर खुशी जताई. चुनावों से पहले वो पद छोड़कर संगठन में क्यों जाने की बात कर रहे हैं. सुनिए ‘दिन भर’ में.  

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इंटरनेशनल हेल्थ रिसर्चर्स की नई स्टडी के मुताबिक एंटीबायोटिक रेजिस्टेंस से होने वाले इंफेक्शंस में भारत तीसरे स्थान पर आता है। ये सर्वे 99 देशों में हुआ और सिर्फ भारत में ऐसी बीमारियों के 9 मिलियन केस मिले। जब हम इवोल्यूशन की स्टडी करते हैं तब अंग्रेज़ी में सर्वाइवल ऑफ द फिटेस्ट की थ्योरी पढ़ाई जाती थी। इस थ्योरी के मुताबिक लम्बे वक्त की रेस में वही टिकता है जो बदलते एनवायरमेंट के साथ खुद को बदल ले। इंसान और जानवरों के अलावा इस थ्योरी को हमारे शरीर में रहने वाले बैक्टीरिया भी फॉलो करते है। आप जब भी बीमार पड़ते हैं डॉक्टर आपको एंटीबायोटिक दवाएं खाने के लिए देते हैं। ये मेडिसिन आपके शरीर में मौजूद बैक्टीरिया को या तो मार देती है या फिर उसको बढ़ने से रोकती है। लेकिन हर छोटी - मोटी बीमारी के लिए एंटी बायोटिक का सेवन करने या उसके गलत इस्तेमाल से ये बैक्टीरिया दवाई के खिलाफ अपनी प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ा लेता है। ऐसे में एंटी बायोटिक दवा बेअसर हो जाती है - जिसे हम एंटी बायोटिक रेजिस्टेंस कहते है। एंटीबायोटिक रेसिस्टेंस के कारण ट्यूबरक्लोसिस, न्यूमोनिया, गोनोरिया जैसी बीमारियों का इलाज करने में मुश्किलें बढ़ रही। साथ ही पेशेंट्स को लंबे वक्त तक हॉस्पिटल के खर्चे और महंगे इलाज की मार झेलनी पड़ती है। 
 दवाइयों की खरीद को लेकर नियम होने के बावजूद इस रिपोर्ट में भारत तीसरे स्थान पर है। आप किसी भी केमिस्ट शॉप से  बिना prescription के दवा नहीं खरीद सकते। लेकिन ये प्रतिबंध होने के बावजूद सिस्टम में कहां चूक हो रही है? सुनिए ‘दिन भर’ में.

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 भारत के कई राज्यों में मानसून आ गया है, कई राज्यों में आने वाला है. जहां नहीं आया वहां लोग गर्मी से बेहाल हैं और जहां आ गया वहां बाढ़ से.  असम की स्थिति कुछ ऐसी ही है जहां बाढ़ से डेढ़ लाख लोग प्रभावित हैं. 20 ज़िले बाढ़ की चपेट में हैं. Assam State Disaster Management Authority का कहना है कि सबसे ज्यादा प्रभावित ज़िला नलबाड़ी है. जहां 45 हज़ार लोग जूझ रहे हैं. अभी तक रेस्क्यू टीम ने करीब 13 सौ लोगों को बचाया है लेकिन हज़ारों लोग अब भी बाढ़ में फंसे हैं.  जिला प्रशासन ने स्थिति को देखते हुए 14 राहत शिविर और 17 राहत वितरण केंद्र स्थापित किए हैं जिससे पीड़ितों को राहत देने की कोशिश है. लेकिन घर तबाह हो जाने का दुख उनके आंसू बन बह रहा है.  मौसम विभाग ने 22 से 26 जून तक असम के साथ साथ पश्चिम बंगाल, सिक्किम और मेघालय में भारी बारिश का अनुमान जताया है. तो अभी क्या हालात हैं वहां पर और लोग किन परेशानियों से जूझ रहे हैं. सुनिए ‘दिन भर’ में.  

आज से चार दिन पहले सनडे को कनाडा के न्यूफाउंडलैंड के करीब से एक सबमर्सिबल अटलांटिक ओशन में उतरी थी. इसमें ड्राइवर समेत पांच लोग मौजूद थे. इन्हें समुद्र में लगभग 3.8 किलोमीटर नीचे उस प्वाइंट तक जाना था जहां टाइटैनिक जहाज का मलबा मौजूद है। करीब पौने दो घंटे बाद ये टाइटन सबमर्सिबल राडार से गायब हो गई और तब से इसका कोई अतापता नहीं. सबमर्सिबल में ड्राइवर पॉल हेनरी के साथ बिज़नेसमैन शहजादा दाऊद, उनके बेटे सुलेमान दाऊद, एक एडवेंचरर और टाइटन सबमर्सिबल के सीईओ सवार थे. जानकारी ये है कि सबमर्सिबल में चार दिनों का ऑक्सीज़न स्टॉक रहता है जो आज कुछ घंटों में खत्म हो रहा हो जाएगा या शायद हो भी चुका हो. इसे ढूंढने के लिए अंडरवाटर रोबोट समेत अमेरिका और कनाडा ने तीन C-130 हरक्यूलस एयरक्राफ्ट भेजे हैं। इसके अलावा एक P-8 एयरक्राफ्ट और 2 कैनेडियन सर्फेस शिप्स भी सर्च ऑपरेशन में शामिल हैं। इस सर्च ऑपरेशन को लेकर काफी चर्चा हैं. सुनिए ‘दिन भर’ में.

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