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इंदौर: अक्षय बम को हत्या के प्रयास के मामले में नहीं मिली अग्रिम जमानत, कोर्ट ने खारिज की याचिका

इंदौर के जिला न्यायालय ने हत्या के प्रयास के 17 साल पुराने मामले में स्थानीय कारोबारी अक्षय कांति बम और उनके पिता को अग्रिम जमानत देने से इनकार कर दिया है. अदालत ने शुक्रवार को कहा कि इस प्रकरण में आरोपियों की गिरफ्तारी की आशंका प्रकट नहीं होती है.

अक्षय कांति बम (फाइल फोटो) अक्षय कांति बम (फाइल फोटो)
aajtak.in
  • भोपाल,
  • 04 मई 2024,
  • अपडेटेड 4:24 PM IST

इंदौर में अपना नामांकन वापस लेने वाले कांग्रेस के उम्मीदवार अक्षय कांति बम को हत्या के प्रयास के एक मामले में कोर्ट ने अग्रिम जमानत देने से इनकार कर दिया है. इंदौर लोकसभा सीट से कांग्रेस के उम्मीदवार अक्षय कांति बम ने पिछले दिनों अपना नामांकन वापस ले लिया था और बीजेपी का दामन थाम लिया था. 

इंदौर के जिला न्यायालय ने हत्या के प्रयास के 17 साल पुराने मामले में स्थानीय कारोबारी अक्षय कांति बम और उनके पिता को अग्रिम जमानत देने से इनकार कर दिया है. अदालत ने शुक्रवार को कहा कि इस प्रकरण में आरोपियों की गिरफ्तारी की आशंका प्रकट नहीं होती है.

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कांग्रेस ने लगाया धमकाने का आरोप

अक्षय कांति बम इंदौर लोकसभा सीट से कांग्रेस के उम्मीदवार थे. उन्होंने ऐन मौके पर अपना पर्चा वापस लेकर भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ग्रहण कर ली थी. कांग्रेस ने आरोप लगाया था कि बीजेपी ने नामांकन वापस लेने के लिए अक्षय बम को धमकाया था.

मध्य प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष जीतू पटवारी ने आरोप लगाया था कि अक्षय बम के खिलाफ एक पुराने मामले में आईपीसी की धारा 307 (हत्या का प्रयास) जोड़ी गई थी. उसे धमकाया गया. उसे पूरी रात अलग-अलग तरीकों से धमकाया गया, जिसके बाद उसने अपना नामांकन वापस ले लिया. 

17 साल पुराने केस में जोड़ी गई धारा 307

अक्षय कांति बम पर 4 अक्टूबर 2007 को यूनुस खान के साथ जमीन विवाद के दौरान हमला, मारपीट और धमकाने के मामले में एफआईआर दर्ज हुई थी. उस समय यूनुस पर गोली भी चलाई गई थी लेकिन खजराना पुलिस ने तब एफआईआर में हत्या के प्रयास की धारा नहीं जोड़ी थी.

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जिस दिन अक्षय कांति बम ने इंदौर लोकसभा से कांग्रेस प्रत्याशी के तौर पर नामांकन भरा. उसी दिन कोर्ट के आदेश पर 17 साल पुराने इस मामले में अक्षय बम पर आईपीसी की धारा 307 लगाई गई. उन्हें 10 मई को कोर्ट में पेश करने का आदेश भी दिया गया.

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