Advertisement

'कॉलेज में काफी आक्रामक थीं रेखा गुप्ता, लेकिन अब...', अलका लांबा ने सुनाया साल 1995 का वो किस्सा

अलका लांबा ने कहा कि जब बीजेपी ने दिल्ली की मुख्यमंत्री के तौर पर रेखा गुप्ता के नाम का ऐलान किया तो मैं सीधे 30 साल पीछे चली गई. अभी 2025 है लेकिन वो समय था 1995 का. तब हमारे पास मोबाइल फोन नहीं थे. अल्बम हुआ करती थी तो मैंने अल्बम खोजकर उसमें से एक बेहद खूबसूरत तस्वीर निकाली. 

अलका लांबा ने सुनाया 30 साल पुराना किस्सा अलका लांबा ने सुनाया 30 साल पुराना किस्सा
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 20 फरवरी 2025,
  • अपडेटेड 4:22 PM IST

दिल्ली को नई मुख्यमंत्री मिल गई है. रेखा गुप्ता ने दिल्ली सीएम के तौर पर आज पद की शपथ ली. उन्हें उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई. रेखा गुप्ता की इस उपलब्धि पर कांग्रेस नेता अलका लांबा ने कॉलेज के दिनों का 1995 का पुराना किस्सा याद किया.

अलका लांबा ने कहा कि जब बीजेपी ने दिल्ली की मुख्यमंत्री के तौर पर रेखा गुप्ता के नाम का ऐलान किया तो मैं सीधे 30 साल पीछे चली गई. अभी 2025 है लेकिन वो समय था 1995 का. तब हमारे पास मोबाइल फोन नहीं थे. अल्बम हुआ करती थी तो मैंने अल्बम खोजकर उसमें से एक बेहद खूबसूरत तस्वीर निकाली. 

Advertisement

लांबा ने कहा कि उस समय मैं एनएसयूआई से दिल्ली यूनिवर्सिटी की अध्यक्ष चुनी गई थीं. बाकी के तीनों पद उपाध्यक्ष, सचिव और संयुक्त सचिव एबीवीपी के खाते में गए थे. रेखा गुप्ता सचिव चुनी गई थीं. तब हमने मिलकर पद की शपथ ली थी. यह तस्वीर उसी शपथ ग्रहण की है. उस समय हमारी उम्र 20 साल थी. हमने एक साथ मिलकर काम किया.

अलका लांबा ने कहा कि हमारे बीच विचारधारा की लड़ाई शुरू से है. विचारधारा की ये लड़ाई थी, है और रहेगी. एबीवीपी की विचारधारा की वजह से ये लोग कॉलेज में आरएसएस के लोगों को बुलाकर लेक्चर कराया करते थे. हम गांधीवादी विचारधारा के लोग थे. हम इसके बिल्कुल विरोध में थे और अभी भी है. लेकिन हमने साथ मिलकर भी काम किया है. हम महिलाओं के मुद्दों पर डटकर खड़े हो जाया करते थे. मैं साइंस स्टूडेंट थी.

Advertisement

उन्होंने कहा कि रेखा गुप्ता उस समय भी बहुत आक्रामक थीं और आज भी हैं. अभी कुछ दिन पहले मेरे पास उनका एक वीडियो आया, जिसमें वह पार्षद रहते हुए बेहद आक्रामक नजर आ रही हैं. वह जब पार्षद थी तो मैं पार्षद नहीं थी और जब 2015 से 2020 तक मैं विधायक बनी तो वह विधायक नहीं थी तो इस तरह हम कभी एक सदन में मिलकर काम नहीं कर पाए. सदन में हमें एक साथ बैठने का मौका नहीं मिला. 

लांबा ने कहा कि लेकिन मैंने उन्हें सीएम बनने पर शुभकामनाएं दी हैं लेकिन साथ ही नसीहत भी दी है. रेखा ने भी शायद कभी नहीं सोचा होगा कि वो पार्षद से विधायक और फिर सीधे मुख्यमंत्री हो जाएंगी. लेकिन सदन में उनका जो आचरण है वह सही नहीं है. अगर सीएम के तौर पर विपक्ष का कोई सदस्य इस तरह का आचरण करेगा तो वह क्या करेंगी? उन्होंने पार्षद रहते हुए सरकारी संपत्ति तोड़ी है, माइक और पोडियम तक तोड़ डाले हैं. वो वीडियो हमारे पास है. इस वजह से हमने उन्हें नसीहत दी है कि इस तरह का व्यवहार रहा तो हम पीछा नहीं छोड़ने वाले. 

बता दें कि रेखा गुप्ता ने आज रामलीला मैदान में दिल्ली की मुख्यंत्री पद की शपथ ली. उन्हें उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई. इसके बाद उनकी कैबिनेट के मंत्रियों प्रवेश वर्मा, आशीष सूद, मनजिंदर सिंह सिरसा, रविंद्र इंद्राज, कपिल मिश्रा और पंकज सिंह ने भी शपथ ली.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement