
मणिपुर में भड़की हिंसा को लेकर दिल्ली में बुलाई गई गृह मंत्री की सर्वदलीय बैठक में घंटों मंथन हुआ. सरकार की ओर से विपक्षी पार्टियों को मौजूदा हालात की जानकारी दी गई. साथ ही बताया गया कि हिंसा पर विराम लगाने के लिए सरकार की ओर से क्या-क्या कदम उठाए जा रहे हैं. इस बीच सर्वदलीय बैठक में ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी के नेताओं के ओर से अगले हफ्ते मणिपुर में सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल भेजने की मांग की गई. वहीं सूत्रों की मानें तो बैठक में समाजवादी पार्टी ने राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की.
बैठक में बीजेपी समेत 18 राजनीतिक दल और पूर्वोत्तर के चार सांसद और उत्तर-पूर्व के दो मुख्यमंत्री शामिल हुए. सूत्रों के मुताबिक बैठक में सपा और आरजेडी ने मणिपुर के सीएम बिरेन सिंह के इस्तीफे की मांग की. वहीं DMK ने महिला आयोग की स्थापना का मुद्दा उठाया. साथ ही कांग्रेस ने सुझाव दिया कि लोगों को अलग-थलग करने के लिए बल का प्रयोग न किया जाए. बैठक के बाद गृह मंत्रालय की तरफ से जारी प्रेस रिलीज में अमित शाह ने कहा कि सभी राजनीतिक दलों ने संवेदनशीलता के साथ और अराजनीतिक तरीके से मणिपुर में शांति बहाली के लिए अपने सुझाव दिए और भारत सरकार खुले मन से इन सुझावों पर विचार करेगी.
दरअसल, 3 मई को मणिपुर में हिंसा भड़कने के बाद से ही विपक्ष लगातार प्रदेश की स्थिति को लेकर सवाल उठा रहा है. विपक्षी पार्टियां केंद्र सरकार और बीजेपी को निशाना बना रही हैं. कांग्रेस समेत 10 पार्टियों काफी समय से मणिपुर पर सर्वदलीय बैठक की मांग कर रही थीं. इन पार्टियों ने विदेश दौरे से पहले पीएम मोदी से भी मिलने के वक्त मांगा था. इसके बाद सभी पार्टियों ने मिलकर मणिपुर पर ज्ञापन जारी किया था. इस सबके बीच गृह मंत्री अमित शाह ने विपक्षी दलों की बैठक बुलाई. बैठक में गृहमंत्री ने विपक्षी दलों की बात सुनी और मणिपुर के हालात जल्द सामान्य होने के भरोसा दिलाया.
1800 लूटे गए हथियार जमा कराए जा चुके हैं
गृह मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पहले दिन से ही मणिपुर की स्थिति पर लगातार नज़र बनाए हुए हैं और पूरी संवेदनशीलता के साथ इस समस्या का समाधान ढूंढने के लिए निरंतर हमारा मार्गदर्शन कर रहे हैं. मोदी सरकार सबको साथ लेकर मणिपुर समस्या का समाधान निकालने के प्रति कटिबद्ध है. मोदी सरकार की प्राथमिकता है कि राज्य में अब एक भी व्यक्ति की जान हिंसा में ना जाए. मणिपुर में स्थिति धीरे-धीरे सामान्य हो रही है, 13 जून की देर रात के बाद से राज्य में एक भी व्यक्ति की जान हिंसा में नहीं गई, अब तक 1800 लूटे गए हथियार जमा कराए जा चुके हैं.
मणिपुर में 36 हजार जवान तैनात
गृह मंत्री ने कहा कि राज्य में सुरक्षाबलों के 36 हज़ार जवान तैनात हैं. 40 IPS अधिकारियों को मणिपुर भेजा गया है. 20 मेडिकल टीमें भेजी गई हैं. दवाओं सहित सभी आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति सुनिश्चित की जा रही है. म्यांमार – मणिपुर सीमा पर 10 किलोमीटर बाड़ लगाने का काम पूरा हो चुका है. 80 किलोमीटर सीमा पर बाड़ लगाने के लिए टेंडर हो चुका है और बाकी बची सीमा का सर्वेक्षण चल रहा है.
केन्द्रीय गृह मंत्री ने सभी राजनीतिक दलों से स्थिति को सामान्य करने और मणिपुर में विभिन्न समुदायों के बीच जल्द से जल्द शांति और विश्वास बहाल करने में मदद के लिए सहयोग करने का आग्रह किया. उन्होंने सभी राजनीतिक दलों का मणिपुर समस्या के समाधान के लिए उपयोगी सुझाव देने के लिए प्रधानमंत्री मोदी और भारत सरकार की ओर से आभार प्रकट किया.
मणिपुर समस्या बेहद संवेदनशील: जेपी नड्डा
वहीं भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि भारत सरकार और गृह मंत्री अमित शाह द्वारा मणिपुर समस्या के त्वरित समाधान के लिए हरसंभव कदम उठाए जा रहे हैं. मणिपुर समस्या बेहद संवेदनशील है और इसे संवेदनशीलता के साथ ही सुलझाने की आवश्यकता है. सभी राजनीतिक दलों द्वारा दिए गए उपयोगी सुझावों पर खुले मन से चर्चा कर मणिपुर समस्या के समाधान के लिए सरकार द्वारा हरसंभव कदम उठाने का आश्वासन दिया. मणिपुर समस्या की जड़ में कई पुराने कारण हैं जो वर्तमान हिंसा के भड़कने का कारण भी बने. गृह मंत्री अमित शाह खुद मणिपुर में 4 दिन वहां सभी अलग अलग ग्रुप्स से विस्तार में चर्चा की. गृह मंत्री जी ने वहां रिलीफ कैम्पस का भी दौरा किया, गृह राज्य मंत्री श्री नित्यानंद राय वहां 20 से अधिक दिन रहे.
आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति सुचारू रूप से हो: मेघालय के सीएम
एनपीपी प्रमुख और मेघालय के मुख्यमंत्री कॉनराड के. संगमा ने शनिवार को केंद्र से मणिपुर में सामान्य स्थिति बहाल करने और प्रभावित लोगों की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक उपाय करने का आग्रह किया. उन्होंने मणिपुर की चिंताजनक स्थिति से निपटने के लिए अमित शाह द्वारा बुलाई गई बैठक में यह अपील की. बैठक के दौरान नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) समेत विभिन्न राजनीतिक दलों ने मणिपुर के मौजूदा हालातों को लेकर अपनी चिंताएं व्यक्त कीं.
मेघालय के मुख्यमंत्री ने कहा, "हमने भारत सरकार से यह सुनिश्चित करने का भी आग्रह किया है कि लोगों को सभी राहत सामग्री और अन्य सभी आवश्यक वस्तुओं की आवश्यकता है, हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि इन सामग्रियों की आपूर्ति पर्याप्त और सुचारू तरीके से हो. सभी राजनीतिक दलों, विभिन्न संगठनों, धार्मिक समूहों के लिए समाज के सभी वर्गों तक पहुंचना और मणिपुर राज्य में शांति की अपील करना महत्वपूर्ण है."