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सर्वदलीय बैठक में विपक्ष बोला- किसानों को न समझा जाए देश विरोधी

संसद के बजट सत्र से पहले हुई सर्वदलीय बैठक में शनिवार को किसानों का मुद्दा उठा. विपक्षी दलों ने केंद्र सरकार से अपील की कि किसानों को देश विरोधी न समझा जाए. सूत्रों ने बताया कि सर्वदलीय बैठक में अकाली दल के बलविंदर सिंह बुंडर सहित कई विपक्षी दलों के सांसदों ने कहा कि किसानों को देश-विरोधी नहीं मानना चाहिए.

गाजीपुर बॉर्डर पर जमे किसान (फोटो-PTI) गाजीपुर बॉर्डर पर जमे किसान (फोटो-PTI)
हिमांशु मिश्रा
  • नई दिल्ली,
  • 30 जनवरी 2021,
  • अपडेटेड 4:50 PM IST
  • 'किसानों को देश-विरोधी नहीं मानना चाहिए'
  • सर्वदीय बैठक में किसानों का मुद्दा उठा गया
  • सभी मुद्दों पर सरकार चर्चा को तैयार- मोदी

संसद के बजट सत्र से पहले हुई सर्वदलीय बैठक में शनिवार को किसानों का मुद्दा उठा. विपक्षी दलों ने केंद्र सरकार से अपील की कि किसानों को देश विरोधी न समझा जाए. सूत्रों ने बताया कि सर्वदलीय बैठक में अकाली दल के बलविंदर सिंह बुंडर सहित कई विपक्षी दलों के सांसदों ने कहा कि किसानों को देश-विरोधी नहीं मानना चाहिए. 

सूत्रों ने बताया कि इस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि कानून अपना काम करेगा. सर्वदलीय बैठक में पीएम मोदी ने कहा कि सरकार सभी मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार है, और इस चर्चा में सभी विषयों पर चर्चा होगी और सभी पार्टियों को बोलने का मौका मिलेगा. पीएम मोदी ने कहा कि कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर की ओर से किसानों को दिया गया ऑफर अभी भी है. सरकार किसानों से बातचीत के लिए हमेशा तैयार है. 

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मोदी ने शनिवार को विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं से कहा कि उनकी सरकार लगातार वार्ता के माध्यम से प्रदर्शनकारियों के मुद्दों को हल करने की कोशिश कर रही है. सूत्रों के मुताबिक बजट सत्र के सुचारू संचालन के लिए सरकार द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर सिर्फ एक फोन कॉल पर उपलब्ध हैं. 

सूत्रों ने बताया कि शुक्रवार की बैठक में कांग्रेस के गुलाम नबी आजाद, तृणमूल कांग्रेस के सुदीप बंद्योपाध्याय, शिरोमणि अकाली दल के बलविंदर सिंह भुंडर और शिवसेना के विनायक राउत सहित कई नेताओं ने किसान आंदोलन का मुद्दा उठाया.

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इस बीच, दिल्ली बॉर्डर पर प्रदर्शनकारी किसानों की तादाद बढ़ती जा रही है. केंद्र के तीन नए कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग करते हुए किसान डटे हुए हैं. प्रदर्शनकारी किसान नेता शनिवार को महात्मा गांधी की पुण्यतिथि को 'सद्भावना दिवस' के रूप में मना रहे हैं. किसानों ने एक दिन का उपवास रखा हुआ है. मुजफ्फरनगर में महापंचायत के बाद पश्चिमी यूपी से भारी संख्‍या में किसानों ने दिल्‍ली कूच किया है.

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