
केंद्र सरकार ने अमर जवान ज्योति को अब इंडिया गेट की वजह राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर जलाने का फैसला किया है. इसे लेकर कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी दल सरकार पर निशाना साध रहे हैं. अब ऐसे में सरकार के सूत्रों ने सफाई दी है.
सरकार के सूत्रों का कहना है कि अमर जवान ज्योति को लेकर कई तरह की अफवाहें फैलाई जा रही हैं. अमर जवान ज्योति की लौ बुझाई नहीं जा रही है. इसे नेशनल वॉर मेमोरियल की लौ के साथ मर्ज (विलय) किया जाएगा.
सूत्रों के मुताबिक, यह देखना अजीब था कि अमर जवान ज्योति की लौ ने 1971 और अन्य युद्धों के शहीदों को श्रद्धांजलि दी, लेकिन उनका कोई नाम वहां मौजूद नहीं है. इंडिया गेट पर अंकित नाम केवल उन शहीदों के हैं जिन्होंने प्रथम विश्व युद्ध और एंग्लो-अफगान युद्ध में अंग्रेजों के लिए लड़ाई लड़ी थी. ऐसे में यह हमारे औपनिवेशिक अतीत का प्रतीक हैं.
1971 समेत भारत के सभी युद्धों में शहीद जवानों के नामों को नेशनल वॉर मेमोरियल में शामिल किया गया है. यह हमारे शहीद जवानों के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि है. सरकार ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा, विडम्बना यह है कि जिन लोगों ने 7 दशकों तक राष्ट्रीय युद्ध स्मारक नहीं बनाया, वे अब हमारे शहीदों को स्थाई और उचित श्रद्धांजलि देने पर हंगामा कर रहे हैं.
क्या है मामला?
1972 में इंडिया गेट पर अमर जवान ज्योति का निर्माण हुआ था. इसका निर्माण 1971 में हुए भारत-पाकिस्तान युद्ध में सर्वोच्च बलिदान देने वाले सैनिकों की याद में किया गया था. इस युद्ध के 50 साल पूरे होने के मौके पर इसे राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर शिफ्ट करने का फैसला किया गया है. इंडिया गेट पर अमर जवान ज्योति के रूप में जलने वाली आग की लौ का गणतंत्र दिवस से पहले राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर जलने वाली लौ में विलय कर दिया जाएगा.
सरकार के फैसले पर कांग्रेस-बीजेपी आई आमने सामने
राष्ट्रीय युद्ध स्मारक में अमर जवान ज्योति की लौ को विलय करने के फैसले पर कांग्रेस ने सवाल उठाया है. राहुल गांधी ने ट्वीट कर लिखा, बहुत दुख की बात है कि हमारे वीर जवानों के लिए जो अमर ज्योति जलती थी, उसे आज बुझा दिया जाएगा. कुछ लोग देशप्रेम व बलिदान नहीं समझ सकते, कोई बात नहीं. हम अपने सैनिकों के लिए अमर जवान ज्योति एक बार फिर जलाएंगे!
कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने कहा, अमर जवान ज्योति को बुझाना इतिहास को बुझाने के बराबर है. यह 3,483 बहादुर सैनिकों के बलिदान की व्याख्या है, जिन्होंने पाकिस्तान को 2 हिस्सों में बांट दिया और दक्षिण एशिया के नक्शे को फिर से बनाया. यह विडंबना ही है कि बांग्लादेश की आजादी के 50 साल होने पर सरकार स्वतंत्रता के बाद के इतिहास में भारत के सबसे अच्छे समय को मिटाने के लिए काम कर रही है. अमर जवान ज्योति राष्ट्रीय चेतना में है. उन्होंने पूछा कि भारत में दो लौ क्यों नहीं हो सकती?
बीजेपी ने किया पलटवार
बीजेपी नेता कपिल मिश्रा ने कांग्रेस पर पलटवार किया. उन्होंने ट्वीट किया, इंडिया गेट पर अमर जवान ज्योति गांधी खानदान के निकम्मेपन और सेना के जवानों के बलिदान के प्रति लापरवाही का प्रतीक था. खुद के लिए बड़ी बड़ी समाधियां और सेना के लिए अंग्रेजो के बनाए इंडिया गेट के नीचे ज्योति रख कर काम चलाना. अब अमर जवान ज्योति को सही सम्मानजनक स्थान मिल रहा है.