
प्रशासन ने गुरुवार को दक्षिण कश्मीर हिमालय में स्थित अमरनाथ गुफा मंदिर की यात्रा के लिए यहां पहुंचने वाले भक्तों के मौके पर ही पंजीकरण की प्रक्रिया शुरू कर दी. अधिकारियों ने बताया कि कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच 1600 तीर्थयात्री कश्मीर की अपनी आगे की यात्रा के लिए यहां भगवती-नगर आधार शिविर में पहुंचे हैं. उन्होंने बताया कि बेसकैंप में भीड़ उमड़ रही है. महिलाओं सहित 800 से अधिक साधु पारंपरिक राम मंदिर और गीता भवन पहुंचे हैं और दक्षिण कश्मीर हिमालय में 3,880 मीटर ऊंचे पवित्र गुफा मंदिर, में प्राकृतिक रूप से बने बर्फ के शिवलिंग के दर्शन करने के लिए उत्साहित हैं.
52 दिवसीय तीर्थयात्रा 29 जून को दो मार्गों - अनंतनाग में पारंपरिक 48 किमी लंबा नुनवान-पहलगाम मार्ग और गांदरबल में 14 किमी छोटा लेकिन कठिन बालटाल मार्ग - से शुरू होगी. तीर्थयात्रियों का पहला जत्था शुक्रवार को घाटी के लिए जम्मू के भगवती नगर बेस कैंप और राम मंदिर से रवाना होगा. अधिकारियों ने बताया कि शहर के शालीमार इलाके में अपंजीकृत तीर्थयात्रियों के लिए ऑन-द-स्पॉट पंजीकरण केंद्र स्थापित किया गया है, वहीं पुरानी मंडी स्थित राम मंदिर परिसर में साधुओं के पंजीकरण के लिए एक विशेष शिविर स्थापित किया गया है.
उपमंडल मजिस्ट्रेट (एसडीएम) और महाजन हॉल पंजीकरण केंद्र की प्रभारी सीमा परिहार ने पीटीआई-भाषा को बताया, "देश के विभिन्न हिस्सों से आने वाले अपंजीकृत तीर्थयात्रियों के लिए आज मौके पर पंजीकरण शुरू कर दिया गया है." उन्होंने कहा कि जम्मू में पंजीकरण केंद्रों के लिए एक कोटा तय किया गया है और अब तक उनके केंद्र ने दिन के लिए 600 के कुल कोटा में से यात्रा के लिए 358 अपंजीकृत तीर्थयात्रियों को पंजीकृत किया है.
उन्होंने कहा कि सुचारू पंजीकरण के लिए सभी सुविधाएं उपलब्ध करा दी गई हैं. 'बम बम भोले और जय जय बाबा बर्फानी' के जयकारों के बीच साधु-साध्वियां यात्रा शुरू होने का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं. एक अन्य अधिकारी ने कहा, "जम्मू में साधुओं का पंजीकरण आज से शुरू हो गया है. साधुओं के लिए सर्वोत्तम संभव सुविधाओं के लिए सभी इंतजाम किए गए हैं." यात्रा के लिए 170 साधुओं और साध्वियों को कल कश्मीर की उनकी आगे की यात्रा के लिए पंजीकृत किया गया है. तीर्थयात्रा के लिए यहां पहुंचे तीर्थयात्रियों और साधुओं में उत्साह देखते ही बन रहा था.
गुफा मंदिर की अपनी 7वीं तीर्थयात्रा पर, उत्तर प्रदेश के 52 वर्षीय निरोतम कुमार ने कहा, 'हर साल पहले जत्थे में यात्रा करना मेरी प्रतिज्ञा है. मैंने इस बार भी पहले जत्थे के लिए पंजीकरण कराया था और टोकन प्राप्त कर लिया है. इस यात्रा के लिए टोकन पाकर मैं खुश हूं. मैं बहुत खुश हूं.' चौथी बार अमरनाथ यात्रा पर जा रहीं अजमेर की सुनीता देवी ने कहा कि पंजीकरण प्रक्रिया मैनुअल से ऑनलाइन तक बेहतर हो गई है. उन्होंने कहा, "हर साल यात्रा व्यवस्थाओं में सुधार हो रहा है. इससे गर्म मौसम में लंबी कतारों में बैठने की प्रक्रिया खत्म हो गई है."
उत्तराखंड में यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ मंदिरों की चार धाम यात्रा पूरी करने के बाद यहां पहुंचे कुछ साधुओं ने कहा कि यह चरणबद्ध तरीके से यात्रा करने की एक वार्षिक विशेषता है और भगवान शिव के हिम-लिंगम के दर्शन के बाद समाप्त होती है. इस मंदिर में प्राकृतिक रूप से बना बर्फ का शिव लिंग है और पिछले साल 4.5 लाख से अधिक तीर्थयात्रियों ने 3,880 मीटर ऊंचे इस मंदिर में दर्शन किए.