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फ्यूचर ग्रुप के खिलाफ अमेजन ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. अमेजन ने रिलायंस और फ्यूचर ग्रुप के सौदे पर दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती दी है. अमेजन सूत्रों के मुताबिक फ्यूचर ग्रुप ने पिछले वर्ष अगस्त में रिलायंस के साथ अपनी कारोबारी कम्पनी का सौदा 24, 713 करोड़ रुपए में किया था.
अपनी आपत्ति दर्ज करते हुए अमेजन ने इस सौदे को रोकने के लिए दिल्ली हाईकोर्ट में गुहार लगाई थी. दिल्ली हाईकोर्ट के एकल जज पीठ का फैसला अमेजन के पक्ष में आया, जिसे फ्यूचर ग्रुप ने हाईकोर्ट में चुनौती दी.
दिल्ली हाईकोर्ट ने एकल जज की पीठ के फैसले पर रोक लगा दी. खंडपीठ ने कहा था कि वैधानिक अधिकारियों को कानून के मुताबिक काम करने से रोका नहीं जा सकता. रिलायंस और फ्यूचर के इस सौदे को भारतीय प्रतिस्पर्द्धा आयोग यानी सीसीआई से मंजूरी मिल चुकी है. साथ ही सेबी और सरकार को भी इससे कोई आपत्ति नहीं हुई.
हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि राष्ट्रीय कम्पनी विधि न्यायाधिकरण सीसीआई बाजार और नियामक सेबी के हवाले से इन संस्थाओं की ओर से हुई कार्रवाई को विधि सम्मत बताया. इसी आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है.
दरअसल रिलायंस-फ्यूचर ग्रुप के बीच अगस्त में 24,713 करोड़ रुपए का सौदा हुआ था, इसके तहत फ्यूचर ग्रुप का रिटेल, होलसेल और लॉजिस्टिक्स कारोबार रिलायंस रिटेल वेंचर्स लिमिटेड को बेचा जाएगा. लेकिन अमेजन को इस सौदे को लेकर आपत्ति थी. इसलिए अमेजन ने सिंगापुर की कोर्ट में रिलायंस-फ्यूचर ग्रुप को लेकर याचिका दाख़िल की थी.
अमेजन के रिलायंस-फ्यूचर ग्रुप के सौदे के विरोध का कारण है कि अगस्त 2019 में अमेजन ने फ्यूचर कूपंस में 49% हिस्सेदारी खरीदी थी. इसके लिए अमेजन ने 1,500 करोड़ रुपए का पेमेंट भी किया था. इस डील में शर्त थी कि अमेजन को तीन से 10 साल की अवधि के बाद फ्यूचर रिटेल लिमिटेड की हिस्सेदारी खरीदने का अधिकार होगा. अमेजन के मुताबिक, इस डील में एक शर्त यह भी थी कि फ्यूचर ग्रुप मुकेश अंबानी के रिलायंस ग्रुप की किसी भी कंपनी को अपने रिटेल असेट्स नहीं बेचेगा.