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कोलकाता कांड: प्रदर्शन के बीच डॉक्टरों ने खोले 'अभया क्लीनिक', मरीजों को दे रहे मुफ्त इलाज

सूत्रों ने कहा कि जूनियर डॉक्टरों के आंदोलन का रुख अगले हफ्ते सुप्रीम कोर्ट में पेश की जाने वाली सीबीआई की रिपोर्ट पर निर्भर करेगा. बता दें कि इस मामले में सीबीआई संजय रॉय का पॉलीग्राफ टेस्ट करा चुकी ​है. केंद्रीय जांच एजेंसी आरजी कर मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष से भी कई दौर की पूछताछ कर चुकी है.

आरजी कर घटना के विरोध में जूनियर डॉक्टरों ने लोगों को मुफ्त सेवा देने के लिए 'अभया क्लिनिक' खोला. (PTI Photo) आरजी कर घटना के विरोध में जूनियर डॉक्टरों ने लोगों को मुफ्त सेवा देने के लिए 'अभया क्लिनिक' खोला. (PTI Photo)
राजेश साहा
  • कोलकाता,
  • 01 सितंबर 2024,
  • अपडेटेड 5:03 PM IST

आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में महिला ट्रेनी डॉक्टर के साथ हुई वीभत्स घटना के खिलाफ चल रहे प्रोटेस्ट के बीच कोलकाता के जूनियर डॉक्टरों ने मरीजों को स्वास्थ्य सेवाएं देने के लिए टेलीमेडिसिन सर्विस शुरू की है. इस पहल पर अच्छी प्रतिक्रिया मिलने के बाद आज से प्रदर्शनकारी डॉक्टरों ने मरीजों को देखने के लिए शहर के विभिन्न हिस्सों में अस्थायी हेल्प कैम्प खोले हैं. अपने विरोध प्रदर्शन के बीच जूनियर डॉक्टर आम लोगों को मुफ्त चिकित्सा सेवा प्रदान कर रहे हैं. 

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पीड़िता को न्याय दिलाने के प्रयास में अपने विरोध प्रदर्शन को आम लोगों तक पहुंचाने के लिए जूनियर डॉक्टरों के द्वारा मुफ्त इलाज मुहैया कराया जा रहा है. पश्चिम बंगाल जूनियर डॉक्टर फ्रंट ने कोलकाता में 6 जगहों पर अस्थायी हेल्थ कैम्प लगाए हैं, जहां कलकत्ता मेडिकल कॉलेज, आरजी कर मेडिकल कॉलेज, नेशनल मेडिकल कॉलेज सहित कई मेडिकल कॉलेजों के जूनियर डॉक्टर मरीजों को अटेंड कर रहे हैं. डॉक्टरों ने हेल्थ कैम्प को 'अभया क्लीनिक' नाम दिया है. 

पश्चिम बंगाल जूनियर डॉक्टर फ्रंट ने बताया कि ये कैम्प प्रत्येक रविवार को कुमारटुली, एस्प्लेनेड क्रॉसिंग, रानुचया मंच, नेशनल मेडिकल के गेट नंबर 2, एनआरएस मेडिकल के गेट नंबर 1 पर आयोजित किए जाएंगे. केपीसी मेडिकल कॉलेज के छात्र जादवपुर के 8बी बस स्टैंड पर मरीजों को देखेंगे. जोका ईएसआई अस्पताल के जूनियर डॉक्टर बेहाला में स्वास्थ्य शिविर लगाएंगे. हेल्थ कैम्प सुबह 10 बजे से दोपहर 2 बजे तक खुले रहेंगे. मरीजों को डॉक्टरों की ओर से दिए जा रहे ​प्रिस्क्रिप्शन (पर्ची) में लिखा है 'हम आरजी कर की पीड़िता के लिए न्याय चाहते हैं.'

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जूनियर डॉक्टरों ने पहले दिन 500 मरीजों को अटेंड किया

बता दें कि आरजी कर की पीड़िता की पहचान उजागर न हो इसलिए मीडिया और प्रदर्शनकारी डॉक्टरों ने उसे 'अभया' नाम दिया है. आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के आंदोलनकारी जूनियर डॉक्टरों ने बताया कि उन्होंने हेल्थ कैम्प के पहले दिन टेलीमेडिसिन सर्विस के जरिये लगभग 500 मरीजों को अटेंड किया. टेलीमेडिसिन सर्विस के लिए चार नए सिम कार्ड रजिस्टर कराए गए हैं और नंबर सभी के साथ साझा किए गए हैं. प्रदर्शनकारी डॉक्टरों ने कहा, 'आंदोलन की राह से हटने का सवाल ही नहीं है. हम अपनी बहन को न्याय दिलाने के लिए संघर्ष जारी रखेंगे. हम आने वाले दिनों में भी इसी तरह काम करते रहेंगे, जब तक हमारी मांगें पूरी नहीं हो जातीं.'

कोलकाता के जूनियर डॉक्टर 10 अगस्त से कर रहे प्रदर्शन

बता दें कि कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के सेमिनार हॉल में 9 अगस्त की सुबह एक महिला ट्रेनी डॉक्टर का शव मिला था. उसकी रेप के बाद हत्या कर दी गई थी, जिसकी पुष्टि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी हो चकी है. यह ट्रेनी डॉक्टर आरजी कर मेडिकल कॉलेज में ही पीजी की स्टूडेंट थी. इस बर्बर घटना के बाद से ही जूनियर डॉक्टर अपनी सहकर्मी के लिए न्याय की मांग पर अड़े हुए हैं और कामकाज का बहिष्कार कर दिया है. कोलकाता हाई कोर्ट के निर्देश के बाद इस केस की जांच सीबीआई ने अपने हाथों में ली ली है. 

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आरजी कर के पूर्व प्रिंसिपल समेत 7 लोगों से हो रही पूछताछ

कोलकाता पुलिस ने इस मामले में संजय रॉय नाम के एक सिविल वॉलंटियर को गिरफ्तार किया है, जिसे घटना का मुख्य आरोपी बताया गया है. सूत्रों ने कहा कि जूनियर डॉक्टरों के आंदोलन का रुख अगले हफ्ते सुप्रीम कोर्ट में पेश की जाने वाली सीबीआई की रिपोर्ट पर निर्भर करेगा. बता दें कि इस मामले में सीबीआई संजय रॉय का पॉलीग्राफ टेस्ट करा चुकी ​है. केंद्रीय जांच एजेंसी आरजी कर मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष से भी कई दौर की पूछताछ कर चुकी है. सीबीआई संदीप घोष, संजय रॉय और उसके एक करीबी सहयोगी और आरजी कर के 4 मेडिकल छात्रों से इस मामले में पूछताछ कर रही है, जो 8-9 अगस्त की रात को अस्पताल में ड्यूटी पर थे.

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