अमित शाह ने कहा- 5 ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी के लिए कॉपरेटिव सेक्टर एड़ी-चोटी का जोर लगा देगा

गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि देश के विकास के अंदर सहकारिता बहुत महत्वपूर्ण योगदान दे सकती है. देश के विकास के अंदर सहकारिता का योगदान आज भी है. हमें नए सिरे से सोचना पड़ेगा, नए सिरे से रेखांकित करना पड़ेगा, काम का दायरा बढ़ाना पड़ेगा, पारदर्शिता लानी पड़ेगी.

Advertisement
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह.
श्रेया चटर्जी
  • नई दिल्ली,
  • 25 सितंबर 2021,
  • अपडेटेड 2:17 PM IST
  • सहकारिता बहुत महत्वपूर्ण योगदान दे सकती है- शाह
  • पीएम मोदी की गृह मंत्री शाह ने की तारीफ

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को राष्ट्रीय सहकारिता सम्मेलन को संबोधित किया. अपने संबोधन के दौरान उन्होंने पीएम मोदी की तारीफ की. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि ''आजादी के 75 वर्ष के बाद और ऐसे समय पर जब सहकारिता आंदोलन को सबसे ज्यादा जरूरत थी तब देश के प्रधानमंत्री जी ने स्वतंत्र सहकारिता मंत्रालय बनाया, मैं आप सभी की ओर से उनको बहुत-बहुत धन्यवाद देता हूं.''

Advertisement

उन्होंने कहा कि देश के विकास के अंदर सहकारिता बहुत महत्वपूर्ण योगदान दे सकती है. देश के विकास के अंदर सहकारिता का योगदान आज भी है. हमें नए सिरे से सोचना पड़ेगा, नए सिरे से रेखांकित करना पड़ेगा, काम का दायरा बढ़ाना पड़ेगा, पारदर्शिता लानी पड़ेगी. उन्होंने कहा कि सहकारिता आंदोलन सबसे ज्यादा प्रासंगिक है, तो आज ही के दिनों में है. हर गांव को कॉ-ऑपरेटिव के साथ जोड़कर, सहकार से समृद्धि के मंत्र साथ हर गांव को समृद्ध बनाना और उसके बाद देश को समृद्ध बनाना, यही सहकार की भूमिका होती है.

गृह मंत्री ने कहा कि 'मोदी जी ने एक मंत्र दिया है- सहकार से समृद्धि तक. मैं आज मोदी जी को आश्वस्त करना चाहता हूं कि सहकारिता क्षेत्र भी आपके 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी को पूरा करने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा देगी.'' उन्होंने आगे कहा कि सहकारिता आंदोलन भारत के ग्रामीण समाज की प्रगति भी करेगा और नई सामाजिक पूंजी का कंसेप्ट भी तैयार करेगा. भारत की जनता के स्वभाव में सहकारिता घुली-मिली है. इसलिए भारत में सहकारिता आंदोलन कभी अप्रासंगिक नहीं हो सकता.

Advertisement

उन्होंने कहा कि आज देश में लगभग 91% गांव ऐसे हैं जहां छोटी-बड़ी कोई न कोई सहकारी संस्था काम करती है. दुनिया में कोई ऐसा देश नहीं होगा जिसके 91% गांव में सहकारिता उपस्थित हो. सहकारिता मंत्रालय कॉ-ऑपरेटिव संस्थाओं को मजबूत करने, उन्हें आगे बढ़ाने, उन्हें आधुनिक बनाने, उन्हें पारदर्शी बनाने, उन्हें प्रतिस्पर्धा में टिके रखने के लिए ही बनाया गया है.

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement