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आंबेडकर पर सियासी संग्राम: शाह के बयान पर कांग्रेस का देशभर में प्रोटेस्ट, UP में BSP का हल्लाबोल

इस विवाद की शुरूआत 17 दिसंबर को अमित शाह के संसद में दिए एक भाषण के बाद हुई. राज्यसभा में संविधान पर चर्चा के दौरान बोलते हुए केंद्रीय गृह मंत्री ने आंबेडकर को लेकर विपक्षी पार्टियों पर निशाना साधा था.

अमित शाह के बयान पर कांग्रेस का प्रोटेस्ट (फाइल फोटो/PTI) अमित शाह के बयान पर कांग्रेस का प्रोटेस्ट (फाइल फोटो/PTI)
अरविंद ओझा/समर्थ श्रीवास्तव
  • नई दिल्ली,
  • 24 दिसंबर 2024,
  • अपडेटेड 2:34 PM IST

संसद में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) के द्वारा आंबेडकर पर दिए गए बयान को लेकर शुरू हुआ विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. इस मुद्दे को लेकर पिछले दिनों संसद परिसर में हंगामा भी हुआ. अब सड़क पर विरोध प्रदर्शन की तैयारी है. मायावती की पार्टी बीएसपी आज उत्तर प्रदेश में विरोध प्रदर्शन कर रही है, तो वहीं कांग्रेस ने भी देश भर में प्रोटेस्ट का ऐलान किया है. बहुजन समाज पार्टी के कार्यकर्ताओं ने मायावती के अह्वान के बाद लखनऊ में प्रदर्शन किया. दफ्तर से प्रदर्शन की शुरुआत करने के बाद कार्यकर्ता हजरतगंज तक पैदल कूच कर रहे हैं.

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बीएसपी ने दिल्ली में भी प्रदर्शन की तैयारी की है.

बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, "केंद्रीय गृह मंत्री से संसद में बाबा साहेब विरोधी टिप्पणी को वापस लेने की मांग को लेकर बीएसपी द्वारा देश भर के जिला मुख्यालयों पर शांतिपूर्ण धरना-प्रदर्शन को सफल बनाने की सर्वसमाज से अपील."

वेणुगोपाल ने बताया कांग्रेस का प्लान

वहीं, कांग्रेस ने भी देश भर में अमित शाह के बयान के खिलाफ प्रोटेस्ट का ऐलान किया है. कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल ने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, "डॉ. आंबेडकर सम्मान सप्ताह मनाने और बाबा साहब आंबेडकर की विरासत का जश्न मनाने के लिए जिला कांग्रेस कमेटियां जिला स्तरीय मार्च निकालेंगी. इन मार्चों में डॉ. आंबेडकर की तस्वीरें और गृह मंत्री अमित शाह के इस्तीफे की मांग वाली तख्तियां होंगी." 

उन्होंने आगे कहा कि इस्तीफे की मांग वाले ज्ञापन संबंधित जिला कलेक्टरों के जरिए भारत के राष्ट्रपति को सौंपे जाएंगे. हम किसी भी परिस्थिति में बाबा साहब आंबेडकर का अपमान बर्दाश्त नहीं करेंगे.

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'100 से ज्यादा प्रेस कॉन्फ्रेंस'

कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में दो प्रस्ताव पारित किए जाएंगे, जिसमें देश को अगले एक साल के लिए हमारे रोडमैप के बारे में बताया जाएगा. आंबेडकर के अपमान को लेकर 100 से ज्यादा प्रेस कॉन्फ्रेंस की जा चुकी हैं. आज कांग्रेस पूरे देश में विरोध प्रदर्शन कर रही है. वे इस मुद्दे पर राष्ट्रपति के लिए मजिस्ट्रेट को ज्ञापन भी सौंपेंगे.

यह भी पढ़ें: 'अमित शाह के बयान का एक हिस्सा निकालकर राजनीति करना चाहती है कांग्रेस', आंबेडकर विवाद पर रविशंकर प्रसाद ने घेरा

राहुल और प्रियंका पर बीएसपी के आरोप

बीएसपी नेशनल को-ऑर्डिनेटर और मायावती के भतीजे आकाश आनंद ने सोशल मीडिया पोस्ट करते हुए प्रियंका गांधी और राहुल गांधी पर हमला बोला है. उन्होंने कहा, "पहले देश के गृह मंत्री अमित शाह जी ने संसद में उनका अपमान किया, फिर राहुल गांधी जी और प्रियंका गांधी जी ने हमारी नीली क्रांति को फैशन शो बनाया और उसके बाद अरविंद केजरीवाल जी ने बाबा साहेब की छवि के साथ छेड़छाड़ की."

उन्होंने आगे कहा कि देश के दलित, शोषित, वंचित  उपेक्षितों के आत्म-सम्मान के लिए बीएसपी का मिशन जारी रहेगा. गृहमंत्री अमित शाह जी को पश्चाताप करना ही पड़ेगा.

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अमित शाह ने असल में क्या कहा था?

विवाद की शुरूआत 17 दिसंबर को अमित शाह के संसद में दिए एक भाषण के बाद हुई. राज्यसभा में संविधान पर चर्चा के दौरान बोलते हुए केंद्रीय गृह मंत्री, जवाहरलाल नेहरू की कैबिनेट से आंबेडकर के इस्तीफे के बारे में बात कर रहे थे. करीब डेढ़ घंटे की स्पीच में 1 घंटा 7 मिनट के आसपास अमित शाह ने कहा, “अभी एक फैशन हो गया है.. आंबेडकर, आंबेडकर, आंबेडकर, आंबेडकर, आंबेडकर, आंबेडकर. इतना नाम अगर भगवान का लेते तो सात जन्मों तक स्वर्ग मिल जाता.” 

उन्होंने कांग्रेस पार्टी पर हमला करते हुए कहा, “हमें तो आनंद है कि आंबेडकर का नाम लेते हैं. आंबेडकर का नाम अभी सौ बार ज्यादा लो. परंतु आंबेडकर जी के प्रति आपका भाव क्या है ये मैं बताता हूं. आंबेडकर जी को देश कि पहली कैबिनेट से इस्तीफा क्यों दे दिया”.

गृह मंत्री अमित शाह ने आगे कहा, "उन्होंने (आंबेडकर) कई बार कहा कि वह अनुसूचित जातियों और जनजातियों के साथ होने वाले व्यवहार से असंतुष्ट हैं. उन्होंने सरकार की विदेश नीति से असहमति जताई थी, अनुच्छेद 370 से भी सहमत नहीं थे. आंबेडकर को आश्वासन दिया गया था, जो पूरा नहीं हुआ, इसलिए उन्होंने कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया था." 

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