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जनगणना-परिसीमन के बिना क्यों लागू नहीं हो सकता महिला आरक्षण बिल? अमित शाह ने समझाया

अमित शाह ने परिसीमन कमीशन को लेकर कहा कि ये हमारे देश की चुनाव प्रक्रिया को निर्धारित करने वाली एक महत्वपूर्ण इकाई का कानूनी प्रावधान है. इसकी अध्यक्षता सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज करते हैं. इसमें चुनाव आयोग के प्रतिनिधि भी होते हैं. साथ ही अन्य संस्थाओं के प्रतिनिधि होते हैं.

लोकसभा में महिला आरक्षण बिल पर चर्चा करते अमित शाह लोकसभा में महिला आरक्षण बिल पर चर्चा करते अमित शाह
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 20 सितंबर 2023,
  • अपडेटेड 11:44 PM IST

लोकसभा में गृहमंत्री अमित शाह ने बताया कि जनगणना-परिसीमन के बिना महिला आरक्षण बिल क्यों लागू नहीं किया जा सकता. उन्होंने बताया कि पार्लियामेंट में रिजर्वेशन का प्रावधान आर्टिकल 330 में है, इसी तरह विधानसभाओ में आरक्षण का प्रावधान आर्टिकल 332 में है. ये दोनों रिजर्वेशन अनुसूचित जाति और जनजाति पर लागू होते हैं. उन्होंने कहा कि अगर एक तहाई सीटों का रिजर्वेशन करना है, तो ये कौन तय करेगा. इसके लिए जनगणना और परिसीमन जरूरी है. साथ ही कहा कि 2024 में चुनाव के बाद तुरंत मतगणना और परिसीमन होगा. 

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अमित शाह ने कहा कि विपक्ष ने सवाल उठाए कि परिसीमन कमीशन क्यों और जनगणना में देरी क्यों हो रही है. उन्होंने जवाब देते हुए कहा कि अभी जो विद्यमान संविधान है, उसमें तीन कैटेगरी के सांसद चुनकर आते हैं. पहली- सामान्य कैटेगरी है, जिसमें हमारे ओबीसी भी शामिल हैं. दूसरी- एससी और तीसरी कैटेगरी- एसटी है. इन तीनों कैटेगरी में 33 फीसदी रिजर्वेशन महिलाओं का कर दिया है. 

उन्होंने कहा कि संविधान संशोधन आर्टिकल 330-A और आर्टिकल 332-A के तहत हमने महिला आरक्षण का प्रावधान किया गया है. इसी के साथ तीनों कैटेगरी में वर्टिकल रिजर्वेशन देकर एक तिहाई सीटों को महिलाओं के लिए आरक्षित किया गया है.

क्या है परिसीमन कमीशन? 

अमित शाह ने परिसीमन कमीशन को लेकर कहा कि ये हमारे देश की चुनाव प्रक्रिया को निर्धारित करने वाली एक महत्वपूर्ण इकाई का कानूनी प्रावधान है. इसकी अध्यक्षता सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज करते हैं. इसमें चुनाव आयोग के प्रतिनिधि भी होते हैं. साथ ही अन्य संस्थाओं के प्रतिनिधि होते हैं. इसके कानून के तहत सभी मान्य राजनीतिक दलों के एक-एक सदस्य उस समिति के सदस्य होते हैं. उन्होंने कहा कि अगर एक तहाई सीटों का रिजर्वेशन करना है, तो ये कौन तय करेगा. उन्होंने कहा कि परिसीमन आयोग क्वासा ज्यूडिशयल हर राज्य में जाकर पारदर्शिता से इसका नीति निर्धारण करता है. अमित शाह ने कहा कि इससे कोई देरी नहीं होगी. 2024 में चुनाव के बाद तुरंत मतगणना और परिसीमन होगा. 

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अमित शाह ने बताया प्रक्रिया शुरू होने का समय

गृहमंत्री अमित शाह ने प्रस्तावित कानून के कार्यान्वयन में देरी की आशंकाओं को खारिज कर दिया और कहा कि अगली सरकार चुनाव के तुरंत बाद जनगणना और परिसीमन करेगी. जिससे महिला आरक्षण बनाने की प्रक्रिया शुरू होगी. हालांकि अमति शाह ने संकेत दिया कि 2029 के बाद महिला आरक्षण हकीकत बन जाएगा. अमित शाह ने कहा कि परिसीमन आयोग महिलाओं के लिए आरक्षित निर्वाचन क्षेत्रों के सीमांकन के लिए एक उपयुक्त मंच है. 

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