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'वंशवादी राजनीति और भ्रष्टाचार से मुक्त होने का समय', कर्नाटक में कांग्रेस और JDS पर जमकर बरसे अमित शाह

अमित शाह ने शुक्रवार को जमकर कांग्रेस और जनता दल (सेक्युलर) पर जमकर निशाना साधा. मांड्या में जनसभा को संबोधित करते हुए अमित शाह ने कांग्रेस और जेडी (एस) को "परिवारवादी" और "भ्रष्ट" बताया. उन्होंने राज्य में बहुमत से सरकार बनाने के लिए लोगों से बीजेपी का समर्थन करने का आग्रह किया.

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह (File Photo) केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह (File Photo)
aajtak.in
  • बेंगलुरु,
  • 30 दिसंबर 2022,
  • अपडेटेड 7:03 PM IST

कर्नाटक में अगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर राज्य में बीजेपी 'जनसंकल्प यात्रा' कर रही. इसमें शामिल होने पहुंचे केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को जमकर कांग्रेस और जनता दल (सेक्युलर) पर जमकर निशाना साधा. मांड्या में जनसभा को संबोधित करते हुए अमित शाह ने कांग्रेस और जेडी (एस) को "परिवारवादी" और "भ्रष्ट" बताया. उन्होंने राज्य में बहुमत से सरकार बनाने के लिए लोगों से बीजेपी का समर्थन करने का आग्रह किया. वहीं इस पर कांग्रेस ने भी पलटवार किया.

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अमित शाह ने अपने संबोधन  में कहा कि जेडी (एस)-कांग्रेस, कांग्रेस-जेडी(एस) बहुत हो गया. इस बार मांड्या, मैसूर क्षेत्र को बीजेपी को पूर्ण बहुमत से जीत दिलानी चाहिए. कांग्रेस और जेडी(एस) दोनों परिवारवादी और भ्रष्ट पार्टियां हैं.

उन्होंने कहा कि हमने दोनों दलों का प्रशासन देखा है. जब कांग्रेस आएगी, कर्नाटक दिल्ली का एटीएम बनेगा और जब जेडी (एस) आती है तो यह परिवार के लिए एटीएम बन जाता है. इन दोनों पार्टियों ने बार-बार भ्रष्टाचार के जरिए कर्नाटक की प्रगति को रोका है. यह कहते हुए कि वंशवादी राजनीति और भ्रष्टाचार से मुक्त होने का समय आ गया है, शाह ने लोगों से बीजेपी को एक बार पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बनाने और राज्य में "डबल इंजन" सरकार लाने का अवसर देने को कहा.

उन्होंने कहा, "मोदीजी के नेतृत्व में अगले पांच वर्षों में हम कर्नाटक को प्रगति के पथ पर आगे ले जाएंगे. उन्होंने कांग्रेस और जेडी (एस) दोनों पर "भ्रष्ट, सांप्रदायिक और अपराधियों के संरक्षक" होने का आरोप लगाया.

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बता दें कि 224 सदस्यीय कर्नाटक विधानसभा में बीजेपी को कभी भी पूर्ण बहुमत नहीं मिला है. उसने या तो जेडी (एस) के समर्थन से या अन्य दलों से दलबदल करके गठबंधन की सरकारें बनाई हैं.

इस बात पर प्रकाश डालते हुए कि 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले, कर्नाटक में चुनाव होने जा रहे हैं, शाह ने मांड्या और मैसूर क्षेत्र के लोगों से आग्रह किया कि वे बीजेपी को अपने क्षेत्र की सभी सीटों पर जीत दिलाएं और स्पष्ट बहुमत के साथ सरकार बनाने में मदद करें.

यह याद दिलाते हुए कि उन्होंने मांड्या से 2018 के विधानसभा चुनावों के लिए प्रचार शुरू किया था, शाह ने कहा कि कर्नाटक के लोगों ने भाजपा को सरकार बनाने का मौका दिया, जिससे वह राज्य में सबसे बड़ी पार्टी बन गई. बाद में, 2019 के लोकसभा चुनावों में मोदी के नेतृत्व में 52 प्रतिशत वोट शेयर के साथ, कर्नाटक को कर्नाटक की 28 में से 25 सीटें भाजपा के लिए मिलीं.

यह आरोप लगाते हुए कि कांग्रेस जिसने लंबे समय तक दलितों और आदिवासियों के साथ अन्याय किया, देश पर शासन किया, शाह ने भारत के राष्ट्रपति के रूप में राम नाथ कोविंद, एक दलित और आदिवासी के रूप में द्रौपदी मुर्मू को नामित करने का श्रेय का दावा किया. उन्होंने कहा कि कर्टनाटक में बोम्मई सरकार की सिफारिश पर मोदी सरकार ने 'बेट्टा-कुरुबा' समुदाय को अनुसूचित जानजाति की सूची में शामिल किया है.

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उन्होंने कहा कि सिद्धारमैया सरकार ने 1700 पीएफआई सदस्यों के खिलाफ मामले वापस ले लिए, लेकिन मोदी सरकार ने पीएफआई पर प्रतिबंध लगा दिया और सभी राष्ट्र विरोधी तत्वों को सलाखों के पीछे डाल दिया.

कांग्रेस ने किया पलटवार

अमित शाह के हमले के बाद कांग्रेस की प्रतिक्रिया भी सामने आई है. कांग्रेस के प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, "प्रिय अमित शाह,कृपया 2018 के विधानसभा चुनाव में जारी किए गए बीजेपी के घोषणापत्र को देखें. कन्नड़ लोग आज जवाब चाहते हैं. 2023 तक सभी सिंचाई परियोजनाओं को पूरा करने के लिए ₹1.5 लाख सीआर "सुजलाम सुफलम कर्नाटक योजना" कहां है?"

(न्यूज एजेंसी के इनपुट के साथ)

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