
जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक-2023 और जम्मू कश्मीर आरक्षण (संशोधन) विधेयक-2023 पर राज्यसभा में बहस जारी है. यह बिल ध्वनिमत से लोकसभा में पारित हो चुका है. अब राज्यसभा में इस पर चर्चा की जा रही है. सोमवार को इस पर चर्चा के दौरान केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने विपक्ष के सवालों के जवाब दिए.
केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा कि ये बिल उन लोगों को अधिकार दिलाने का बिल है, जिन लोगों के साथ 70 सालों से अन्याय हुआ है और जो लोग अपमानित हुए हैं. गृहमंत्री ने आगे कहा कि उनकी सरकार ने बिल लाकर दो सीटें कश्मीरी विस्थापितों के लिए आरक्षित करने का फैसला किया. इसके अलावा एक सीट पाक अधिकृत कश्मीर के लोगों के लिए अधिकृत की जाएगी.
J-k: हमारा अभिन्न अंग है POK
गृहमंत्री ने आगे कहा कि जम्मू में पहले 37 सीटें थीं, जो अब बढ़कर 43 हो गई हैं. कश्मीर में पहले 46 थीं, जो अब 47 हो गईं है. पाक अधिकृत कश्मीर के लिए 24 सीटें रिजर्व रखी हैं. क्योंकि वह हमारा अभिन्न अंग है. इस तरह पहले जम्मू-कश्मीर विधानसभा में 107 सीटें थीं, जो अब 114 हो गई हैं. पहले दो मनोनीत सदस्य हुआ करते थे. अब बढ़कर 5 हो जाएंगे. इनमें दो महिलाओं को राज्यपाल मनोनीत करेंगी.
लाल चौक पर तिरंगे का किया था जिक्र
इससे पहले अमित शाह ने लोकसभा में भी इस बिल पर चर्चा करते हुए कई बातें कहीं थीं. उन्होंने कहा था कि कश्मीर पर बात करते हुए शाह ने कहा कि लाल चौक पर तिरंगा फहराने हम भी गए थे, लेकिन हमें रोक दिया गया था. तब तिरंगा फहराने के लिए जद्दोजहद करनी पड़ती थी. आज हर घर तिरंगा है. घाटी का एक भी ऐसा घर नहीं जहा तिरंगा नहीं हो. शाह ने आगे बताया कि J-K में 3 साल से जीरो टेरर प्लान लागू है और यह 2026 तक पूरी तरह से लागू हो जाएगा.