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Criminal procedure bill: अमित शाह ने कहा- अपराधियों से दो कदम आगे रहेगी पुलिस, विपक्ष को करारा जवाब

क्रिमिनल प्रोसीजर बिल 2022 में बायोमेट्रिक सैंपल के साथ बायोलॉजिकल सैंपल लेने का भी प्रावधान है. सरकार के मुताबिक, अपराधियों पर लगाम लगाने और उनसे दो कदम आगे रहने के लिए यह बिल लाया गया है. इससे जांच एजेंसियों की शक्ति बढ़ेगी, अपराधियों पर अंकुश लग सकेगा.

क्रिमिनल प्रोसीजर बिल पर लोकसभा में चर्चा के दौरान अमित शाह क्रिमिनल प्रोसीजर बिल पर लोकसभा में चर्चा के दौरान अमित शाह
कमलजीत संधू/अशोक सिंघल
  • नई दिल्ली,
  • 05 अप्रैल 2022,
  • अपडेटेड 10:14 AM IST
  • क्रिमिनल प्रोसीजर बिल लोकसभा में पास
  • बायोलॉजिकल सैंपल लेने का भी प्रावधान

अपराधियों की हर पहचान का रिकॉर्ड रखने से जुड़ा क्रिमिनल प्रोसीजर बिल (Criminal Procedure (Identification) Bill) लोकसभा से पारित हो गया है. बिल पर चर्चा के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दावा किया है कि क्रिमिनल प्रोसीजर बिल से पुलिस अपराधियों से दो कदम आगे रहेगी. साथ ही इससे पीड़ितों के अधिकारों की भी रक्षा हो सकेगी. 

दरअसल, चर्चा के दौरान विपक्ष ने बिल को स्टेंडिंग कमेटी के पास भेजने की मांग की. इस पर अमित शाह ने जवाब देते हुए कहा कि यह बिल अपराधों के पीड़ितों के मानवाधिकारों की रक्षा करने के बारे में है, न कि सिर्फ अपराधियों के बारे में है. 

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शाह ने विपक्ष पर साधा निशाना

इस दौरान अमित शाह ने विपक्ष पर भी निशाना साधा. अमित शाह ने कहा, विपक्षी सांसद इस बिल को लेकर मानवाधिकारों की बात कर रहे हैं, लेकिन उन्हें आपराधिक मामलों में पीड़ितों के मानवाधिकारों को लेकर भी चिंता दिखानी चाहिए. उन्होंने कहा कि यह विधेयक कानून का पालन करने वाले करोड़ों नागरिकों के मानवाधिकारों के रक्षक के रूप में काम करेगा. 

अमित शाह ने डेटा के दुरुपयोग को लेकर कहा कि पूरी दुनिया डेटाबेस का इस्तेमाल कर रही है, हमें भी समय के साथ आगे बढ़ते हुए इसका इस्तेमाल करना चाहिए. उन्होंने कहा, पिछले 2.5 साल से डेटाबेस का इस्तेमाल मामलों को सुलझाने के लिए हो रहा है. 

अमित शाह ने कहा, अपराधियों का डेटा हार्डवेयर में सुरक्षित रखा जाएगा, जो भी डेटा को मिलान के लिए भेजेगा, उन्हें रिजल्ट दिए जाएंगे. डेटा शेयर नहीं किया जाएगा. उन्होंने कहा, यह नया बिल यह सुनिश्चित करेगा कि पुलिस अपराधियों से दो कदम आगे रहे. इसमें कोई आशंका नहीं है कि नए और तकनीकी अपराधों को पुराने तरीके से हल नहीं किया जा सकता. 
 

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