
Amritpal Singh Arrest Operation: खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह अभी तक पुलिस की गिरफ्त से दूर है लेकिन पुलिस ने उसके चाचा हरजीत सिंह और ड्राइवर हरप्रीत सिंह को सरेंडर करने के बाद अरेस्ट कर लिया है. वहीं पंजाब पुलिस की एक टीम खालिस्तान समर्थक नेता हरजीत सिंह को लेकर मंगलवार सुबह डिब्रूगढ़ सेंट्रल जेल पहुंच गई है. असम पुलिस की सुरक्षा में टीम गुवाहाटी से सड़क मार्ग से सुबह 7:10 बजे जेल पहुंची. हालांकि अभी यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि पुलिस अपने साथ कितने खालिस्तान समर्थक को अपने साथ लेकर आई है.
इसके अलावा अमृतपाल सिंह के दो और सहयोगियों कुलवंत सिंह और गुर औजला पर एनएसए लगाया जाएगा. इन दोनों बंदियों को भी असम के डिब्रूगढ़ जेल भेजा जा रहा है.
शाहकोट के बुलंदी गुरुद्वारे में थे दोनों
अमृतपाल के ड्राइवर और उसके चाचा ने रविवार-सोमवार देर रात पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया था. जानकारी के मुताबिक अमृतपाल के चाचा ने पंजाब पुलिस को फोन कर बताया था कि वह शाहकोट के बुलंदी गुरुद्वारे में हैं. इसके बाद उन्हें और अमृतपाल के ड्राइवर को 12 पोस्ट मेहतपुर ले जाया गया. वहां उन्होंने सरेंडर किया.
अमृतपाल के चार करीबी भी हैं इसी जेल में
केंद्रीय जांच एजेंसियां भी एक्टिव मोड में आ गई हैं. अमृतपाल के 4 करीबी सहयोगियों से राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी (NSA) पूछताछ करेगी. इन चारों आरोपियों सरबजीत सिंह कलसी, भगवंत सिंह, गुरमीत सिंह गिल और बसंत सिंह को असम की डिब्रूगढ़ सेंट्रल जेल भेजा गया है.
100 से ज्यादा करीबी हो चुके अरेस्ट
पुलिस अब तक अमृतपाल सिंह के 100 से ज्यादा करीबियों को गिरफ्तार कर चुकी है. इतना ही नहीं पुलिस ने उस गाड़ी को भी बरामद कर लिया है, जिससे अमृतपाल फरार हुआ था. जालंधर में महतपुर के सलीना गांव से अमृतपाल की PB 10 FW6797 नंबर वाली गाड़ी लावारिस मिली थी.
इस गाड़ी से एक 315 बोर राइफल समेत 57 जिंदा कारतूस, एक तलवार और एक वॉकी-टॉकी सेट बरामद किया गया था. यह गाड़ी अनोखरवाल के मनप्रीत सिंह की है, उसे भी गिरफ्तार किया जा चुका है.
पैरामिलिट्री फोर्स कर रहे फ्लैग मार्च
सुरक्षा व्यवस्था को बनाए रखने के लिए चप्पे चप्पे पर सुरक्षाबलों की तैनाती की गई है. हर जिले में पुलिस और पैरामिलिट्री फोर्स के जवान फ्लैग मार्च निकाल रहे हैं. पंजाब पुलिस लगातार बयान जारी कर रही है कि राज्य में शान्ति और कानून व्यवस्था को भंग करने की कोशिश करने वाले व्यक्तियों को रोकने के लिए गिरफ्तारियां की जा रही हैं.
'अमृतपाल को बदनाम करने की साजिश'
वहीं अमृतपाल को लेकर उसके तरसेम सिंह ने आजतक से बातचीत में कहा है कि पंजाब पुलिस और सरकारें अमृतपाल सिंह को बदनाम करना चाहती हैं, इसलिए कभी उसका नाम पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के साथ जोड़ा जा रहा है तो कभी उस पर गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी के आरोप लगाए जा रहे हैं.
हालांकि तरसेम सिंह ने यह माना कि दुबई से लौटने के बाद अमृतपाल सिंह का व्यवहार अचानक बदल गया था और उसका स्वभाव उग्र होने लगा था. दुबई में वह किसी से ज्यादा बातचीत नहीं करता था और उसने अपने बाल भी कटवा लिए थे. बोलने पर भी गुरुद्वारा नहीं जाता था, लेकिन पंजाब में जब धार्मिक ग्रंथों की बेअदबी के मामले बढ़ने लगे तो धर्म में उसकी रुचि बढ़ गई. अमृतपाल के पिता ने शक जताया है कि पुलिस उसकी गिरफ्तारी की सूचना न देकर उसका एनकाउंटर करवा सकती है.
(रिपोर्ट: पुर्बा विकास, अफरीदा)