
देश के चार गैर-बीजेपी शासित राज्यों ने पुरानी पेंशन स्कीम (OPS) बहाल करने का ऐलान किया है. उधर, महाराष्ट्र में शिंदे गुट की शिवसेना-बीजेपी सरकार ने भी कहा है कि वह पुरानी पेंशन योजना को लेकर सकारात्मक है. जबकि केंद्र सरकार पुरानी पेंशन स्कीम को लागू करने से साफ इनकार कर चुकी है. लेकिन सियासी रूप से पुरानी पेंशन स्कीम देश में एक बड़ा मुद्दा बन गई है. हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने इसे बड़ा मुद्दा बनाया था. चुनाव में जीत के बाद पुरानी पेंशन स्कीम लागू करने का ऐलान भी किया है. इन सबके बीच आंध्र प्रदेश में जगन मोहन रेड्डी सरकार की गारंटिड पेंशन स्कीम चर्चा में है. यहां तक कि केंद्र का भी ध्यान इस स्कीम पर गया है.
जगन मोहन रेड्डी सरकार की गारंटिड पेंशन स्कीम पर केंद्र सरकार के अधिकारियों की भी नजर है. हालांकि, इसे लेकर कोई प्रस्ताव वित्त मंत्रालय में नहीं भेजा गया है. रेड्डी सरकार की इस पेंशन स्कीम की सबसे अच्छी बात ये है कि इसमें पुरानी पेंशन स्कीम और नई पेंशन स्कीम दोनों के एलिमेंट्स को शामिल किया गया है. केंद्र के वरिष्ठ अधिकारी का दावा है कि इस मॉडल का मूल विचार अच्छा है. लेकिन आंध्र सरकार ने जानबूझकर एनपीएस की वापसी की दर को कम आंका है.
क्या है रेड्डी सरकार की पेंशन स्कीम
रेड्डी सरकार की पेंशन स्कीम के तहत, अगर कोई कर्मचारी अपनी बेसिक सैलरी का हर महीने 10% देता है. तो वह 33% की गारंटी पेंशन प्राप्त कर सकता है. इस योजना में राज्य सरकार की ओर से 10% जमा किया जाएगा. अगर कर्मचारी हर महीने सैलरी का 14% जमा करता है, तो उसे 40% तक गारंटी पेंशन मिल सकती है.
राज्य सरकार द्वारा केंद्र सरकार के अधिकारियों को इस योजना के बारे में जानकारी दी गई है. हालांकि, इसे लेकर कोई प्रस्ताव नहीं भेजा गया है. आंध्र प्रदेश में इस योजना को लागू करने के लिए केंद्र से अनुमति की इजाजत नहीं है. केंद्र सरकार के अधिकारियों का कहना है कि मॉडल दिलचस्प है, लेकिन अभी इसमें डिटेल जानकारी की जरूरत है.
क्या है पुरानी और नई पेंशन स्कीम?
केंद्र सरकार ने साल 2004 में पुरानी पेशन योजना को खत्म करके उसके बदले राष्ट्रीय पेंशन योजना (National Pension System) शुरू किया था. दोनों पेंशन के कुछ फायदे और कुछ नुकसान भी हैं. पुरानी पेंशन स्कीम का सबसे बड़ा फायदा यह है कि यह आखिरी ड्रॉन सैलरी के आधार पर बनती है. साथ ही इसमें महंगाई दर बढ़ने के साथ ही DA में भी इजाफा होता है. जब सरकार नया वेतन आयोग लागू करती है तो भी इससे पेंशन में इजाफा होता है.
पुरानी पेंशन स्कीम में पेंशन के लिए कर्मचारियों के वेतन से कोई पैसा कटने का प्रावधान नहीं है. साथ ही पुरानी पेंशन योजना में भुगतान सरकार की ट्रेजरी के जरिए होता है. पुरानी पेंशन स्कीम में रिटायरमेंट के समय की सैलरी की करीब आधी राशि पेंशन के रूप में मिलती थी, जबकि नई पेंशन योजना में निश्चित पेंशन की कोई गारंटी नहीं है. पुरानी पेंशन एक सुरक्षित योजना है, जिसका भुगतान सरकारी खजाने से किया जाता है. वहीं, नई पेंशन योजना शेयर बाजार पर आधारित है, जिसमें बाजार की चाल के अनुसार भुगतान किया जाता है.