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'आपकी कथनी और करनी में फर्क', शराब नीति पर अन्ना हजारे की केजरीवाल को चिट्ठी

अन्ना ने अपने पत्र में लिखा कि जब 10 साल पहले 18 सितंबर 2012 को दिल्ली में टीम अन्ना के सदस्यों की मीटिंग हुई थी, उस वक्त आप ने राजनीतिक रास्ता अपनाने की बात रखी थी. लेकिन आप भूल गए कि राजनीतिक पार्टी बनाना यह हमारे आंदोलन का उद्देश्य नहीं था.

अन्ना हजारे ने दिल्ली के सीएम केजरीवाल को लिखा पत्र (फाइल फोटो) अन्ना हजारे ने दिल्ली के सीएम केजरीवाल को लिखा पत्र (फाइल फोटो)
आशुतोष मिश्रा
  • नई दिल्ली,
  • 30 अगस्त 2022,
  • अपडेटेड 2:26 PM IST

सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने दिल्ली की शराब नीति में घोटालों की खबरों के बीच मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को पत्र लिखा है. इस पत्र में अन्ना हजारे ने शराब नीति को लेकर केजरीवाल को फटकार लगाई है. अन्ना हजारे ने कहा कि आपकी सरकार ने लोगों के जीवन को बर्बाद करनेवाली, महिलाओं को प्रभावित करने वाली शराब नीति बनाई है. आपकी कथनी और करनी में फर्क है. 

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अन्ना ने अपने पत्र में लिखा कि जब 10 साल पहले 18 सितंबर 2012 को दिल्ली में टीम अन्ना के सदस्यों की मीटिंग हुई थी, उस वक्त आप ने राजनीतिक रास्ता अपनाने की बात रखी थी. लेकिन आप भूल गए कि राजनीतिक पार्टी बनाना यह हमारे आंदोलन का उद्देश्य नहीं था. उस वक्त टीम अन्ना के बारे में जनता के मन में विश्वास पैदा हुआ था. इसलिए उस वक्त मेरी सोच थी कि टीम अन्ना देशभर में घूमकर लोकशिक्षण, लोकजागृति का काम करना जरूरी था. अगर इस दिशा में काम होता तो कही पर भी शराब की ऐसी गलत नीति नहीं बनती. 

AAP भी दूसरी पार्टियों की तरह- अन्ना

अन्ना हजारे ने कहा, सरकार किसी भी पार्टी की हो, सरकार को जनहित मे काम करने पर मजबूर करने के लिए समान विचारधारा वाले लोगों का एक प्रेशर ग्रुप होना जरूरी था. अगर ऐसा होता, तो देश में अलग स्थिति होती और गरीबों को लाभ मिलता. लेकिन दुर्भाग्य से ऐसा नहीं हो पाया. उसके बाद आप, मनीष सुसोदिया और आपके अन्य साथियों ने मिलकर पार्टी बनाई. एक ऐतिहासिक आंदोलन को नुकसान करके जो पार्टी बन गई, वह भी बाकी पार्टियों के रास्ते पर चलने लगी. यह बहुत ही दुख की बात है. 
 

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'आपने मंच से बड़े बड़े भाषण दिए'

अन्ना ने कहा, भ्रष्टाचार मुक्त भारत के लिए जो ऐतिहासिक और लोकायुक्त आंदोलन हुआ. उसमें लाखों की संख्या में लोग आए. उस वक्त आपने लोकायुक्त की जरूरत के बारे में मंच से बड़े बड़े भाषण दिए. आदर्श राजनीति और व्यवस्था के बारे में विचार रखते थे. लेकिन दिल्ली के सीएम  बनने के बाद आप लोकपाल और लोकायुक्त कानून को भूल गए. आपकी सरकार ने लोगों का जीवन बर्बाद करने वाली, महिलाओं को प्रभावित करने वाली शराब नीति बनाई. इससे स्पष्ट होता है कि आपकी कथनी और करनी में फर्क है. 
 

 

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