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पाकिस्तान की जेल में एक और भारतीय नागरिक की मौत, तीन की हालत गंभीर

अब तक कुल चार भारतीय मछुआरे की पाकिस्तान की जेलों में मौत हो चुकी है. इनमें बिचन कुमार उर्फ विपन कुमार (मृत्यु 4.4.23), जुल्फिकार (मृत्यु 6.5.23), सोमा देवा (मृत्यु 8.5.23) और बालू जेठा (मृत्यु 28.05.23) शामिल हैं. पिछले दो महीनों में बालू जेठा चौथा कैदी था, जिसकी पाकिस्तानी जेल में मौत हुई है.

पाकिस्तान की जेल में एक और मौत पाकिस्तान की जेल में एक और मौत
गीता मोहन
  • नई दिल्ली,
  • 30 मई 2023,
  • अपडेटेड 3:58 AM IST

पाकिस्तान की जेल में एक और भारतीय मछुआरे की मौत का मामला सामने आया है. एक महीने में ये तीसरा और दो महीने में चौथा ऐसा मामला है. मृतक मछुआरे का नाम बालू जेठा है, जिसकी 28 मई 2023 को पाकिस्तान की एक जेल में मौत हो गई. मृतक ने अपनी सजा पूरी कर ली थी और उसे रिहाई का इंतजार था, लेकिन इससे पहले ही उसकी मौत हो गई. सूत्रों के मुताबिक, पाकिस्तान जानबूझकर पकड़े गए सैकड़ों भारतीय मछुआरों को रिहा करने में देरी कर रहा है.

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सीमा के दोनों ओर ऐसे मछुआरों की कहानियों पर नज़र रखने वाले वरिष्ठ पत्रकार जतिन देसाई ने आजतक को बताया, “यह दुखद स्थिति है. पाकिस्तान की गिरफ्त में आए भारतीय मछुआरों के परिवार वाले चिंतित हैं. कम्यूनिकेशन के अभाव में ऐसे परिवार हमेशा अपने लोगों के लिए चिंतित रहते हैं, जो पाकिस्तान की जेल में बंद हैं."

उन्होंने आगे बताया, “भारत और पाकिस्तान को अपने देश के कैदियों की जांच के लिए डॉक्टरों की टीम को एक-दूसरे देश जाने की अनुमति देनी चाहिए. इससे परिवार के सदस्यों को भी कुछ भरोसा मिलेगा.

इन चार लोगों की हो चुकी मौत

बता दें कि अब तक कुल चार भारतीय मछुआरे की पाकिस्तान की जेलों में मौत हो चुकी है. इनमें बिचन कुमार उर्फ विपन कुमार (मृत्यु 4.4.23), जुल्फिकार (मृत्यु 6.5.23), सोमा देवा (मृत्यु 8.5.23) और बालू जेठा (मृत्यु 28.05.23) शामिल हैं. पिछले दो महीनों में बालू जेठा चौथा कैदी था, जिसकी पाकिस्तानी जेल में मौत हुई है. सूत्रों के मुताबिक पाकिस्तान में तीन अन्य भारतीय मछुआरों की भी हालत गंभीर है.

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'ये कॉन्सुलर एक्सेस समझौते का उल्लंघन'

पत्रकार देसाई ने बताया, "यह बहुत ही भयानक है. सजा पूरी होने और राष्ट्रीयता की पुष्टि के बाद भी उन्हें जेल में रखना कॉन्सुलर एक्सेस, 2008 के समझौते का उल्लंघन है. इसे सही तरीके से लागू किया जाना चाहिए.”

क्या है कॉन्सुलर एक्सेस समझौता? 

गौरतलब है कि कॉन्सुलर एक्सेस, 2008 पर समझौते की धारा 5 कहती है, "दोनों सरकारें राष्ट्रीय स्थिति की पुष्टि और सजा पूरी होने के एक महीने के भीतर व्यक्तियों को रिहा करने और वापस भेजने के लिए सहमत हैं."

सूत्रों ने बताया कि कैदियों द्वारा अपनी सजा पूरी करने के बाद भी पाकिस्तान ने अपनी जेलों में 400 से अधिक भारतीयों को अवैध रूप से हिरासत में रखा हुआ है.

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