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Ruthless Approach के साथ मांद में जाकर नक्सलवाद को चैलेंज, अब 45 लाख के इनामी हिडमा का होगा हिसाब, रडार पर 125 गांव

नक्सली कमांडर हिडमा के क्रिमिनल बायोडाटा में कई ऐसे कांड है जिसे सुनकर ही सिहरन पैदा हो जाती है. छत्तीसगढ़, ओडिशा, तेलंगाना, महाराष्ट्र के घने जंगलों छिप-छिपकर रहने वाला माडवी हिडमा ने सुरक्षा बलों पर कई हमले किए हैं. छत्तीसगढ़ सरकार ने हिडमा के ऊपर 45 लाख का इनाम रखा है. अगर आपको 25 मई 2013 की खूनी नक्सली वारदात याद है तो आपको झीरम घाटी की घटना भी याद होगी.

नक्सलियों से जब्त हथियार, ध्वस्त कैंप और हिडमा की फाइल फोटो. नक्सलियों से जब्त हथियार, ध्वस्त कैंप और हिडमा की फाइल फोटो.
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 21 मार्च 2025,
  • अपडेटेड 2:27 PM IST

गुरुवार को गृह मंत्री अमित शाह ने एक्स पर पोस्ट किया, "मोदी सरकार नक्सलियों के विरुद्ध रुथलेस अप्रोच से आगे बढ़ रही है." गृह मंत्री का ये पोस्ट तब आया जब सुरक्षा बलों ने एक विशेष ऑपरेशन में गुरुवार को छत्तीसगढ़ में 30 नक्सलियों को ढेर कर दिया. गृह मंत्री ने मुख्यधारा से भटके माओवादियों को समाज में लौटने का आह्वान करते हुए कहा कि 'समर्पण से लेकर समावेशन की तमाम सुविधाओं के बावजूद जो नक्सली आत्मसमर्पण नहीं कर रहे, उनके खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपना रही है.' 

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होम मिनिस्टर ने ऐलान कर दिया है कि अगले साल 31 मार्च से पहले देश नक्सलमुक्त होने वाला है. इस मिशन पर अमल करते हुए अब सुरक्षा एजेंसियां उस नक्सली कमांडर की तलाश में निकल पड़ी हैं जो देश का मोस्ट वांटेड है. नाम है माडवी हिडमा. NIA की वेबसाइट के अनुसार इसके कई नाम हैं- जैसे- हिडमन्ना उर्फ माडवी हिडमा उर्फ हिडमालू उर्फ संतोष. 

एनआईए के अनुसार लगभग 51 साल का हिडमा छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले के पुवराती गांव का रहने वाला है. आजादी के 77 साल बाद कुछ ही दिन पहले हिडमा के गांव को BSNL का मोबाइल नेटवर्क मिला है. इससे इस इलाके में मौजूद सुरक्षा बलों को कनेक्टिविटी मिली है. 

हिडमा का क्रिमिनल बायोडाटा 

हिडमा के क्रिमिनल बायोडाटा में कई ऐसे कांड है जिसे सुनकर ही सिहरन पैदा हो जाती है. छत्तीसगढ़, ओडिशा, तेलंगाना, महाराष्ट्र के घने जंगलों छिप-छिपकर रहने वाला माडवी हिडमा ने सुरक्षा बलों पर कई हमले किए हैं. इस नक्सली कमांडर पर दर्जनों सुरक्षा बलों की जान लेने का आरोप है. 

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हिडमा नक्सलियों की बटालियन को लीड करता है. हिडमा के ऊपर 45 लाख का इनाम रखा गया है. अगर आपको 25 मई 2013 की खूनी नक्सली वारदात याद है तो आपको झीरम घाटी की घटना भी याद होगी. इस दिन बस्तर के झीरम घाटी नक्सलियों ने छत्तीसगढ़ कांग्रेस की टॉप लीडरशिप समेत 33 लोगों की हत्या कर दी थी. इस कांड में माडवी हिडमा का नाम प्रमुख रूप से आता है. छत्तीसगढ़ पुलिस समेत कई एजेंसियां इस मामले में हिडमा की तलाश कर रही है. 

हिडमा पर 60 जवानों की हत्या का भी आरोप है. हिड़मा नक्सलियों की बटालियन को लीड करता है. छत्तीसगढ़ सरकार ने हिड़मा के ऊपर 25 लाख का इनाम रखा है. जबकि दूसरी एजेंसियों ने उसके बारे में जानकारी देने वाले को 20 देने की घोषणा की है. 

सिर्फ झीरम घाटी ही नहीं इससे पहले कई बड़े बड़े कांड में हिडमा का नाम आया है. 

हिडमा की बटालियन दक्षिण बस्तर, बीजापुर, सुकमा और दंतेवाड़ा जिलों में काम करती है. ये इलाका कभी माओवादियों और सुरक्षा बलों के बीच संघर्ष का केंद्र रहा करता था. हालांकि अब हालात सुरक्षा बलों के पक्ष में आए हैं. 

छ्तीसगढ़ में जहां भी बड़े वारदात हुए इस माओवादी का नाम सामने आया. 2010 की ताड़मेटला की घटना हो जहां 76 CRPF जवान बलिदान हुए थे या फिर झीरम घाटी या फिर दूसरी घटनाएं. पुलिस का कहना है कि इन सभी वारदातों में हिडमा मौजूद था और उसने लगभग हर हमले का नेतृत्व किया. 

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दैनिक भास्कर ने हिडमा को नक्सल अभियान में भर्ती करने वाले एक सरेंडर कर चुके नक्सली बदरना से बातचीत के आधार पर लिखा है कि माडवी हिडमा मात्र 16 साल की उम्र में नक्सल संगठन में भर्ती हुआ था. गोंड समाज से आने वाले हिडमा की शादी माओवादी संगठन में आने से पहले हो चुकी थी. 

बदरना ने कहा था कि 'दुबली पतली, लेकिन चुस्त कद काठी वाला हिडमा बहुत तेज-तर्रार था और चीजों को बहुत तेजी से सीखता था' 

माओवादियों का अपना परंपरागत एजुकेशन सिस्टम और कल्चरल कमेटी होता है. यहीं पर हिडमा ने पढ़ाई करने के साथ गाना-बजाना सीखा. माओवादी कमांडरों ने उसे बरगलाया, उसका ब्रेनवॉश किया और सरकारी तंत्र के खिलाफ उसके मन में नफरत भरा. इस दौरान वह खूंखार होता चला गया. 

बदरना ने कहा था कि,'हिडमा जितना अच्छी तरह घात लगाकर हमला करता था, उतना ही अच्छा वह वाद्ययंत्रों को बजाने में भी था.' ट्रेनिंग के बाद उसे पहली बार नक्सलियों के मांद गढ़चिरौली में भेजा गया. बदरना का कहना है कि हिडमा ने ही झीरम घाटी हमले की साजिश रची थी. 

मांद में जाकर चुनौती

सुरक्षा एजेंसियों और रणनीतिकारों का मानना है कि नक्सल मूवमेंट के समूल विनाश के लिए हिडमा का खात्मा अपरिहार्य है. इसलिए केंद्रीय एजेंसियों ने हिडमा को उसके मांद में जाकर घेरने की रणनीति बनाई है. इसके लिए एजेंसियां सभी अद्यतन तकनीक का इस्तेमाल कर रही है.

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हिडमा की तलाश के लिए 125 से ज्यादा गांवों की टेक्निकल मैपिंग की जा रही है. सिक्योरिटी फोर्स छत्तीसगढ़, ओडिशा और आंध्र प्रदेश के बॉर्डर पर स्थित करीब 125 गांव का थर्मल इमेजिंग करवा रही है.गौरतलब है कि बीजापुर और सुकमा का बॉर्डर ही हिडमा का गांव है. सिक्योरिटी फोर्स थर्मल मैपिंग के लिए  NTRO (National Technical Research Organisation) की मदद ले रही है. इसका सबसे बड़ा फायदा ये होगा कि जब भी सिक्योरिटी फोर्स इन इलाकों में ऑपरेशन के लिए निकलेंगे, तो उन्हें सारे रास्तों की जानकारी भी होगी.

इस घेराबंदी के बाद सुरक्षा बल इन इलाकों में कभी भी हिडमा की तलाश में अपना ऑपरेशन शुरू कर सकते हैं. 

नक्सलवाद के खिलाफ आखिरी प्रहार 

गुरुवार को 30 नक्सलियों को ढेर करने ताजा कार्रवाई के साथ ही इस साल अब तक छत्तीसगढ़ में मुठभेड़ों में 113 नक्सली मारे जा चुके हैं. इनमें से 97 बस्तर संभाग में बीजापुर और कांकेर समेत सात जिलों में मारे गए.

केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से नई दिल्ली में जारी बयान के मुताबिक, 2025 में अब तक देश के अलग-अलग हिस्सों में 104 नक्सलियों को गिरफ्तार किया गया और 164 ने आत्मसमर्पण किया है.

2024 में 290 नक्सलियों को मार गिराया गया, 1,090 को गिरफ्तार किया गया और 881 ने आत्मसमर्पण किया. अब तक कुल 15 शीर्ष नक्सली नेताओं को ढेर किया जा चुका है. केंद्र सरकार कह चुकी है कि अगले साल 31 मार्च तक देश को नक्सलवाद के दंश से मुक्त कर दिया जाएगा. 

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