
केंद्र सरकार की तरफ से सोमवार को जारी किए गए जीडीपी के आंकड़ों को लेकर सत्ता और विपक्ष के बीच सियासी बयानबाजी तेज हो गई है. पूर्व वित्त मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम के बयान को लेकर केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने जवाब दिया है.
उन्होंने चिदंबरम पर निशाना साधते हुए पूछा कि क्या भारतीय अर्थव्यवस्था आइसोलेटेड द्वीप है? कोरोना महामारी के संकट के दौरान क्या विश्व की अन्य प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं को आर्थिक नुकसान नहीं हुआ है. आपको पता नहीं है कि फ्रांस, जर्मनी, इटली, यूके में क्रमश: 8.2 फीसदी, 4.9 फीसदी, 8.9 फीसदी और 9.9 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई.
अनुराग ने एक अन्य ट्वीट में कहा है कि, लगातार सुधारों और मजबूत बुनियादी बातों ने सुनिश्चित किया कि वित्त वर्ष 2020-21 की पहली तिमाही में भारत में 24.4% के संकुचन से वित्त वर्ष 2020-21 की चौथी तिमाही में 1.6 प्रतिशत की वृद्धि हुई है.
अनुराग ने कहा कि आप भारतीय उद्यमियों, छोटे व्यवसायों, व्यापारियों और एमएसएमई के खुद के रिवाइवल पर संदेह जताते हैं. जबकि कई इंटरनेशनल एजेंसियों ने विभिन्न अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों ने भारत को वित्त वर्ष 2021-22 में 12.5% बढ़ने का अनुमान लगाया है, जिससे हम अनुमानित दोहरे अंकों की विकास दर वाली एकमात्र प्रमुख अर्थव्यवस्था बन गए हैं. अनुराग ठाकुर ने ट्विटर पर लिखा है, मैं आपसे आग्रह करता हूं कि आप निराशा और बुरे दिन की भविष्यवाणी से गियर शिफ्ट करें. लॉकडाउन से लोगों की जान बची है और धीरे-धीरे अनलॉकिंग से सकारात्मक नतीजे मिल रहे हैं.
उन्होंने कहा कि रिकॉर्ड 1.44 लाख करोड़ रुपये का जीएसटी संग्रह किया गया है. यह अब तक का सबसे अधिक है. साथ ही यह इसकी पुष्टि करता है. हमने यात्री वाहनों, दोपहिया वाहनों की बिक्री, तेल की खपत, इस्पात उत्पादन, सीमेंट उत्पादन, अंतर्राष्ट्रीय एयर कार्गो सहित अन्य क्षेत्रों में वृद्धि हासिल की है.
गौरतलब है कि केंद्र की तरफ से जीडीपी के आंकड़े जारी किए जाने के बाद पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने कहा था कि 2020-2021 में जीडीपी के आंकड़े 2018-19 से भी कम हैं. यह साल पिछले चार दशकों में अर्थव्यवस्था के लिए यह साल सबसे बुरा साबित हुआ है. देश की अर्थव्यवस्था की इस स्थिति के लिए कोरोना से ज्यादा भाजपा जिम्मेदार है.
वैक्सीन को लेकर भी चिदंबरम का निशाना
चिदंबरम ने कहा कि हमारा अंदाजा सही निकला कि केंद्र सरकार ने कोविशील्ड, कोवैक्सीन और स्पुतनिक के अलावा अन्य किसी वैक्सीन को मंजूरी नहीं दी थी. भारत सरकार ने अन्य वैक्सीन को मंजूरी देने में आठ से नौ महीने क्यों लगा दिए जबकि अमेरिका ने इन वैक्सीन को मंजूरी दे दी है. सरकार ने फाइजर और मॉडर्न के साथ उनके टीकों को आपातकालीन उपयोग की मंजूरी (ईयूए) से पहले ही मात्रा को लेकर चर्चा क्यों की.