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Pinaka Rocket: डिफेंस एक्सपो में बड़ी डील... भारत को आर्मेनिया से मिला एक्सपोर्ट ऑर्डर, इंडोनेशिया-नाइजीरिया को भी पसंद

भारत में बना एक घातक रॉकेट सिस्टम को खरीदने के लिए आर्मेनिया ने एक्सपोर्ट ऑर्डर दे दिया है. इसके अलावा यह रॉकेट इंडोनेशिया और नाइजीरिया को भी पसंद है. इसे बनाने वाली कंपनी सोलार इंडस्ट्रीज ने डिफेंस एक्सपो में यह बात बताई कि उन्हें जो ऑर्डर मिला है वो दो साल में पूरा हो जाएगा. जानिए पिनाका रॉकेट की ताकत...

ये है पिनाका रॉकेट सिस्टम जिसके पिछले कुछ महीनों में दो दर्जन से ज्यादा बार परीक्षण हो चुका है. (फोटोः DRDO) ये है पिनाका रॉकेट सिस्टम जिसके पिछले कुछ महीनों में दो दर्जन से ज्यादा बार परीक्षण हो चुका है. (फोटोः DRDO)
ऋचीक मिश्रा
  • गांधीनगर,
  • 18 अक्टूबर 2022,
  • अपडेटेड 5:58 PM IST

भारत में बने एक घातक रॉकेट सिस्टम को खरीदने के लिए आर्मेनिया ने एक्सपोर्ट ऑर्डर दे दिया है. इसके अलावा इस रॉकेट को नाइजीरिया और इंडोनेशिया भी पसंद कर रहे हैं. इस सिस्टम का नाम है पिनाका (Pinaka). इसे बनाती है सोलार इंडस्ट्रीज (Solar Industries). इसके चेयरमैन सत्यनारायण नुवाल ने aajtak.in को बताया कि पिनाका रॉकेट्स की लाइफ और रेंज में सुधार किया गया है. अब ये ज्यादा घातक हो चुकी हैं. 

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सत्यनारायण नुवाल ने बताया कि हमें दो साल में कुल मिलाकर आर्मेनिया को 375 रॉकेट्स देने हैं. यह डील करीब 300 करोड़ रुपये की है. हमें पूरा भरोसा है कि हम इस टारगेट को आसानी से पूरा कर लेंगे. वो हमारे तीनों वैरिएंट के रॉकेट्स ले रहे हैं. एनहैंस्ड-एमके-1, एडीएम और गाइडेड. तीनों रॉकेट स्वदेशी तकनीक से बने हैं. ये बेहद घातक रॉकेट हैं. इनके आगे दुश्मन की हालत पस्त हो जाती है.

भारतीय सेना और डीआरडीओ ने देश के अलग-अलग इलाकों और मौसमों में इस रॉकेट सिस्टम का दो दर्जन से ज्यादा परीक्षण कर चुके हैं. हर बार इसने सटीक गति, घातक मारकक्षमता का प्रदर्शन किया. पिनाका एमके-1 एनहैंस्ड रॉकेट सिस्टम (Pinaka Mk-1 Enhanced Rocket System) और पिनाका एरिया डिनायल म्यूनिशन (Pinaka Area Denial Munition - ADM) रॉकेट सिस्टम का सफल परीक्षण किया गया. यह दोनों ही तकनीक पिनाका मिसाइल सिस्टम का नया वर्जन है. ये ज्यादा आधुनिक, सटीक, तेज और घातक हैं. 

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पिनाका को लॉन्च करने से लेकर लक्ष्य भेदने तक राडार, इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल टारगेटिंग सिस्टम और टेलीमेट्री सिस्टम आदि की निगरानी की गई. इस रॉकेट का नाम भगवान शिव के धनुष 'पिनाक' के नाम पर रखा गया है. पिनाका सिस्टम 44 सेकेंड में 12 रॉकेट लॉन्च करता है. यानी हर 4 सेकेंड में एक रॉकेट. 214 कैलिबर के लॉन्चर से ये रॉकेट दागे जाते हैं. रॉकेट की रेंज 7 से 90 किलोमीटर है. 

रॉकेट के तीन वैरिएंट्स हैं. MK-1 से 40 KM, MK-2 से 90 KM और MK-3 से 120 KM तक हमला किया जा सकता है. लॉन्चर की लंबाई 16.3 फीट से लेकर 23.7 फीट तक है.  पिनाका रॉकेट के ऊपर हाई एक्सप्लोसिव फ्रैगमेंटेशन (HMX), क्लस्टर बम, एंटी-पर्सनल, एंटी-टैंक और बारूदी सुरंग उड़ाने वाले हथियार लग सकते हैं. यह रॉकेट 100 KG वजन का हथियार उठाने में सक्षम है. इसकी गति 5757.70 KM प्रतिघंटा है. यानी एक सेकेंड में 1.61 KM की स्पीड से हमला. दुश्मन को मौका नहीं मिलेगा कि वह टारगेट एरिया से दूर भाग पाए. पिनाका रॉकेट मल्टी बैरल रॉकेट लॉन्चर (MBRL) है.   

पिनाका रेजीमेंट को सैन्य बलों की संचालन तैयारियां बढ़ाने के लिए चीन और पाकिस्तान की सीमा के साथ तैनात किया जाएगा. बीईएमएल ऐसे वाहनों की आपूर्ति करेगी जिस पर रॉकेट लॉन्चर को रखा जाएगा. 6 पिनाका रेजीमेंट में ‘ऑटोमेटेड गन एमिंग एंड पोजिशनिंग सिस्टम’के साथ 114 लॉन्चर, 45 कमान पोस्ट भी होंगे. करगिल युद्ध के दौरान इस मिसाइल को टट्रा ट्रक पर लोड करके ऊंचाई वाले इलाकों में भेजा गया था. वहां पर इस रॉकेट ने दुश्मन के ठिकानों की धज्जियां उड़ा दी थीं. 

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