
आर्मी चीफ मनोज मुकुंद नवरणे ने कहा है कि चीनी सेना हर साल तिब्बत के पठारों में ट्रेनिंग के लिए आती है. सोमवार को जो रिपोर्ट आई है कि चीन की सेना के 10 हजार सैनिक वापस चले गए हैं ये वही सैनिक थे जो ट्रेनिंग एक्सरसाइज के बाद वापस चले गए हैं.
आर्मी चीफ ने कहा कि पूर्वी लद्दाख में जहां भारत और चीन के बीच के टकराव के बिंदु हैं वहां से चीन ने सेना में कोई कटौती नहीं की है.
आर्मी चीफ ने मंगलवार को सेना की वार्षिक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि चीन की सेना हर साल पारंपरिक क्षेत्रों में ट्रेनिंग के लिए आती है. इस साल तिब्बत के पठारों में चीन की सेना की जो टुकड़ी ट्रेनिंग के लिए आई थी वो वापस चली गई है.
एमएम नरवणे ने कहा कि टकराव के बिंदुओं पर दोनों देशों की तरफ से यथास्थिति में कोई बदलाव नहीं हुआ है. यहां पर अभी भी वैसी ही स्थिति है जैसी की पिछले साथ थी. जहां जहां टकराव के इलाके हैं वहां से सेनाओं की वापसी की प्रक्रिया चल ही रही है. हमें उम्मीद है कि आगे चलकर लद्दाख से सेना की पूरी तरह से वापसी होगी.
आर्मी चीफ ने कहा कि पूर्वी लद्दाख में चीनी सैनिकों ने कुछ निर्माण किया है, हमें इसकी जानकारी है. आर्मी चीफ के मुताबिक चीनियों ने अपनी सीमा में सड़क और बैरक का निर्माण किया है.
आर्मी चीफ नरवणे ने देश को भरोसा दिलाते हुए कहा कि हमारी सेना वहां तक मुस्तैद रहेगी जब तक कि हमारा राष्ट्रीय लक्ष्य पूरा नहीं हो जाता है.
इससे पहले आर्मी चीफ ने कहा कि चीन और पाकिस्तान की साजिशन जुगलबंदी हमारे देश के सामने एक चुनौती पेश करती है, लेकिन हम ऐसे किसी भी हालात का सामना करने के लिए पूरी तरह तैयार हैं.