
राजधानी दिल्ली में हिजबुल मुजाहिदीन के एक मोस्ट वांटेड आतंकी को गिरफ्तार किया गया है. आतंकी पर 10 लाख का इनाम घोषित था. वह जम्मू-कश्मीर में कई आतंकी घटनाओं में वांछित था.
पाकिस्तान भी जा चुका है मट्टू
जानकारी के मुताबिक, दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने राजधानी दिल्ली में गुरुवार शाम एक मोस्ट वांटेड आतंकी को गिरफ्तार किया. बाद में आतंकी की पहचान हिजबुल कमांडर के तौर पर हुई. सामने आया है कि पकड़ा गया आतंकी, हिजबुल का कमांडर जावेद अहमद मट्टू है. मट्टू पाकिस्तान भी जा चुका है और वह सोपोर का रहने वाला है. हाल ही में सोपोर में उसके भाई ने घर में तिरंगा लहराया था जो काफी वायरल हुआ था.
A++ ग्रेड का आतंकी है मट्टू
सामने आया है कि, जावेद मट्टू A++ ग्रेड का आतंकी है साथ ही ये हिजबुल का ये लास्ट A++ ग्रेड का आतंकी है और खूंखार आतंकियों का कमांडर है. इसके पास से एक पिस्टल, मैगजीन और चोरी की गाड़ी बरामद हुई है. जावेद मट्टू ने 5 ग्रेनेड अटैक किए और 5 पुलिस वालों की हत्या में भी शामिल रहा है. इसके कई साथी पाकिस्तान में हैं.
कई दिनों से था अंडरग्राउंड
पुलिस के मुताबिक, कश्मीर में कई आतंकी वारदातों को अंजाम देने के बाद वह अंडरग्राउंड हो गया था. गुरुवार को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने आतंकी को गिरफ्तार किया है.
इसी आतंकी के भाई ने घर पर फहराया था तिरंगा
बता दें कि, इसी साल अगस्त 2023 में हिजबुल मुजाहिदीन आतंकी संगठन के दो वांटेड आतंकवादियों के परिवारों ने देश के 77वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर जम्मू-कश्मीर के सोपोर और किश्तवाड़ जिलों में अपने-अपने घरों पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया था. उत्तरी-कश्मीर के उग्रवादग्रस्त सोपोर शहर में, वांटेड हिजबुल कमांडर जावेद मट्टू के भाई रईस मट्टू ने स्वतंत्रता दिवस से पहले रविवार को अपने घर पर तिरंगा फहराया था.
रईस मट्टू ने कहा था- हिंदुस्तान हमारा है
रईस ने कहा था कि हम सब भारतीय हैं, हिंदुस्तान हमारा है और हम सब हिंदुस्तानी हैं. उनके भाई ने गलत रास्ता चुना लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि वह अपने देश से नफरत करते हैं. उन्होंने देशभक्ति और प्यार के साथ तिरंगा फहराया था. रईस को इस बात का अफसोस है कि उसके भाई जावेद ने विनाश का रास्ता चुना और घाटी के युवाओं से अपील की कि वे वैसी गलती न करें जो उनके भाई ने की. साथ ही, उन्होंने कहा था कि यहां (कश्मीर) के लोग पाकिस्तान की नापाक रणनीति को समझ गए हैं और उनका घाटी में न सिर्फ बहिष्कार कर रहे हैं बल्कि सक्रिय रूप से उन्हें घाटी में दाखिल करने से रोक रहे हैं.