Advertisement

370 पर फैसले के दौरान जस्टिस कौल ने किया कश्मीरी पंडितों का जिक्र, बोले-स्थिति इतनी खराब हो गई कि...

आर्टिकल 370 पर अपना फैसला सुनाते हुए जस्टिस कौल ने कहा, आतंकवाद के दूसरे दौर की उत्पत्ति 1980 के दशक में हुई. तब जमीनी स्तर पर परेशान करने वाली स्थितियां थीं, जिनका स्पष्ट रूप से समाधान नहीं किया गया था, इसकी असर 1989-90 में हुआ, जब राज्य की आबादी के एक हिस्से (कश्मीरी पंडितों) के पलायन के रूप में हुई.

जस्टिस संजय किशन कौल (फाइल फोटो) जस्टिस संजय किशन कौल (फाइल फोटो)
सृष्टि ओझा
  • नई दिल्ली,
  • 11 दिसंबर 2023,
  • अपडेटेड 2:24 PM IST

सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाने के मोदी सरकार के फैसले को वैध माना है. सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस संजय किशन कौल, जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस सूर्यकांत की बेंच ने तीन फैसले सुनाए. जस्टिस संजय किशन कौल ने अपने अलग फैसले में कश्मीरी पंडितों के पलायन और आतंकवाद का भी जिक्र किया. जस्टिस संजय किशन कौल ने 1980 के दशक से जम्मू-कश्मीर में मानवाधिकारों के हनन की निष्पक्ष जांच की बात कही. उन्होंने कहा, एक फैक्ट फाइंडिंग कमेटी की आवश्यकता है. अगर सरकार इस दिशा में बढ़ती है तो यह कश्मीरी पंडितों के अधिकारों को लेकर एक महत्वपूर्ण कदम होगा.

Advertisement

जस्टिस कौल ने कहा, आतंकवाद के दूसरे दौर की उत्पत्ति 1980 के दशक में हुई. तब जमीनी स्तर पर परेशान करने वाली स्थितियां थीं, जिनका स्पष्ट रूप से समाधान नहीं किया गया था, इसकी असर 1989-90 में हुआ, जब राज्य की आबादी के एक हिस्से (कश्मीरी पंडितों) के पलायन के रूप में हुई.

यह स्वैच्छिक पलायन नहीं था- जस्टिस कौल

जस्टिस कौल ने कहा, यह कुछ ऐसा है जिसके साथ हमारे देश को रहना पड़ा है, और बिना किसी निवारण के जिन लोगों को अपना घर छोड़ना पड़ा, यह स्वैच्छिक पलायन नहीं था. स्थिति इतनी बिगड़ गई थी कि हमारे देश की संप्रभुता और अखंडता खतरे में पड़ गई और सेना बुलानी पड़ी. 

जस्टिस कौल ने अपना फैसला सुनाते हुए कहा, सेनाएं राज्य के दुश्मनों के साथ लड़ाई लड़ने के लिए होती हैं, न कि वास्तव में राज्य के भीतर कानून और व्यवस्था की स्थिति को नियंत्रित करने के लिए, लेकिन तब ये अजीब समय था. सेना के प्रवेश ने विदेशी घुसपैठ के खिलाफ राज्य और राष्ट्र की अखंडता को बनाए रखने के उनके प्रयास में अपनी जमीनी हकीकत पैदा की. राज्य के पुरुषों, महिलाओं और बच्चों ने इसकी भारी कीमत चुकाई है. 

Advertisement

जस्टिस कौल ने कमेटी बनाने की भी कही बात

जस्टिस संजय किशन कौल ने कश्मीर के लोगों के विस्थापन और उसके बाद आतंकवाद का भी अपने फैसले में जिक्र किया. कोर्ट ने इसे लेकर फैक्ट फाइंडिंग कमेटी बनाने की बात की है. अदालत ने अपने फैसले में कश्मीरी पंडितों के साथ हुए अन्याय और क्रूरता को लेकर कहा कि इसके लिए एक फैक्ट फाइंडिंग कमेटी की आवश्यकता है. जस्टिस कौल ने कहा कि कश्मीर घाटी पर 'ऐतिहासिक बोझ' है और वहां रहने वाले लोग कई दशकों से चले आ रहे संघर्षों के शिकार रहे हैं. 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement