
मैसूरु के मूर्तिकार अरुण योगीराज सुभाष चंद्र बोस की 30 फुट ऊंची प्रतिमा को तैयार करेंगे, जिसे इंडिया गेट पर अमर जवान ज्योति स्थल के पीछे भव्य छतरी के नीचे स्थापित किया जाएगा. केदारनाथ में आदि शंकराचार्य की 12 फुट ऊंची प्रतिमा भी योगीराज ने ही तैयार की थी, जिसका अनावरण पिछले साल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था. नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती से पहले प्रधानमंत्री ने घोषणा की थी कि स्वतंत्रता आंदोलन में बोस के योगदान का सम्मान करने के लिए इंडिया गेट पर उनकी प्रतिमा स्थापित की जाएगी.
नेशनल गैलरी ऑफ मॉडर्न आर्ट के तहत डिजाइन
इंडिया गेट पर तत्कालीन अमर जवान ज्योति के पीछे ग्रैंड कैनोपी के नीचे बोस की 30 फुट की मूर्ति रखी जानी है. प्रतिमा के लिए एक बड़े काले जेड ग्रेनाइट पत्थर का चयन किया गया है, जिसे नक्काशी का काम पूरा होने से पहले दिल्ली ले जाया जाएगा. प्रतिमा का डिजाइन संस्कृति मंत्रालय के तहत नेशनल गैलरी ऑफ मॉडर्न आर्ट (NGMA) की एक टीम कर रही है.
अप्रैल में पीएम मोदी से की थी मुलाकात
अप्रैल में योगीराज ने पीएम मोदी से मुलाकात की थी और उन्हें बोस की दो फीट की मूर्ति भेंट की थी. पीएम ने बैठक के बारे में ट्वीट किया था और योगीराज को नेताजी बोस की असाधारण मूर्ति को शेयर करने के लिए धन्यवाद दिया था. योगीराज NGMA टीम के साथ मिलकर काम करेंगे और विशेष रूप से प्रतिमा के चेहरे की विशेषताओं पर काम करेंगे. क्योंकि वह चित्र मूर्तियां बनाने में माहिर हैं. योगिराज 1 जून को दिल्ली आएंगे और बोस की प्रतिमा पर काम 15 अगस्त की समय सीमा से पहले पूरा होने की उम्मीद है.
इन प्रतिमाओं का श्रेय भी योगीराज को
केदारनाथ में स्थापित आदि शंकराचार्य की प्रतिमा के निर्माण के अलावा, योगीराज के अन्य कार्यों में मैसूरु में महाराजा जयचामराजेंद्र वडेयार की 14.5 फुट की सफेद संगमरमर की प्रतिमा और स्वामी रामकृष्ण परमहंस की आदमकद सफेद संगमरमर की प्रतिमा शामिल है.
MBA करने के बाद कुछ दिन प्राइवेट नौकरी
प्रसिद्ध मूर्तिकार योगीराज शिल्पी मैसूर महल के कलाकारों के परिवार से आते हैं. MBA करने के बाद उन्होंने कुछ दिनों तक प्राइवेट नौकरी की फिर 2008 में पूर्णकालिक रूप से मूर्तिकला के क्षेत्र में आ गए. केदारनाथ के लिए शंकराचार्य की मूर्ति बनाने से पहले योगीराज ने पीएमओ सहित संबंधित अधिकारियों से अनुमोदन के लिए दो फीट का मॉडल बनाया था.