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'कुछ नहीं मिला तो क्या प्रधानमंत्री...', घर के रेनोवेशन मामले की CBI जांच पर केजरीवाल की चुनौती

दिल्ली सीएम आवास में कथित घोटाले की सीबीआई जांच के गृह मंत्रालय ने आदेश दिए हैं. सीबीआई जांच के आदेश के बाद मुख्यमंत्री केजरीवाल ने पहली बार प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि अब तक पचास से ज्यादा जांच हो गई है. हम पर 33 से ज्यादा केस दर्ज किए गए हैं. लेकिन कुछ नहीं मिला.

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल
पंकज जैन
  • नई दिल्ली,
  • 28 सितंबर 2023,
  • अपडेटेड 5:30 PM IST

दिल्ली सीएम आवास में कथित घोटाले मामले में सीबीआई ने केस दर्ज कर लिया है. इस मामले में सीबीआई जांच के आदेश दे दिए गए हैं. ऐसे में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पहली बार सीबीआई जांच पर प्रतिक्रिया दी है. 

केजरीवाल ने कहा है कि ये पहली बार नहीं है. प्रधानमंत्री घबराए हुए हैं, अब तक पचास से ज्यादा जांच हो गई है. हम पर 33 से ज्यादा केस दर्ज किए गए हैं. सभी तरह की जांच कर ली गई लेकिन उन्हें कुछ नहीं मिला. 

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केजरीवाल ने कहा कि हम इस जांच का स्वागत करते हैं. लेकिन उन्हें कुछ मिलने वाला नहीं है. वे काम करते नहीं है, कोरी भाषणबाजी करते हैं. केजरीवाल झुकने वाला नहीं है, जितनी मर्जी फर्जी जांच करवा लें. मेरी चौथी पास राजा को चुनौती है. अगर इस जांच में कुछ नहीं मिला तो क्या प्रधानमंत्री इस्तीफा देंगे?

बता दें कि दिल्ली के मुख्य सचिव द्वारा की गई जांच के बाद सामने में आईं कथित अनियमितताओं के सभी पहलुओं की जांच अब सीबीआई करेगी. इस मामले में गृह मंत्रालय द्वारा पहले ही सीएजी द्वारा एक विशेष ऑडिट का आदेश दिया जा चुका है. 

45 करोड़ खर्च करने का आरोप

बता दें कि दिल्ली बीजेपी ने भी आरोप लगाए हैं. कहा गया है कि कोविड के दौर में 1 सितम्बर 2020 से लेकर 30 दिसम्बर 2021 तक के 16 माह का वक्त ऐसा था जब बड़े से बड़ा उघोग व्यापार भी मंदी की मार झेल रहा था. दिल्ली सरकार का राजस्व आधे से भी कम पर आ गया था और दिल्ली सरकार ने विकास कार्य ही नहीं अनेक राहत कार्य तक धन अभाव में रोक दिये थे. कोविड काल के पीक के 16 माह के दौर में अरविन्द केजरीवाल द्वारा अपने घर और ऑफिस पर लगभग 45 करोड़ रुपये खर्च करना उनकी संवेदनहीनता का एक बड़ा प्रमाण है.

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बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा था कि आवास के लिए खरीदे गए आठ नए पर्दों में से एक की कीमत 7.94 लाख रुपये से अधिक है जबकि सबसे सस्ता पर्दा 3.57 लाख रुपये का है. दस्तावेजों का हवाला देते हुए, पात्रा ने कहा कि 1.15 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य के संगमरमर वियतनाम से लाए गए थे, जबकि पूर्व-निर्मित लकड़ी की दीवारों पर 4 करोड़ रुपये खर्च किए गए थे.

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