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दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को राउज एवेन्यू कोर्ट ने 15 दिनों की न्यायिक हिरासत में तिहाड़ भेज दिया है. उन्हें 15 अप्रैल तक दिल्ली की तिहाड़ जेल में रखा जाएगा. ऐसे में केजरीवाल ने तिहाड़ ले जाने के लिए तीन किताबों की मांग की है.
केजरीवाल ने अपने वकीलों के जरिए कोर्ट में एक याचिका दायर की है, जिसमें उन्होंने मांग की है कि उन्हें जेल में तीन किताबें ले जाने की मंजूरी दी जाए. इन किताबों में भगवदगीता, रामायण और वरिष्ठ पत्रकार नीरजा चौधरी की किताब 'हाउ प्राइम मिनिस्टर डिसाइड' शामिल हैं. इसके साथ ही उन्होंने जेल में जरूरी दवाओं की भी मांग की है.
इसके साथ केजरीवाल ने जो धार्मिक लॉकेट पहन रखा है, उसे भी अपने साथ जेल ले जाने की कोर्ट से मंजूरी मांगी है. साथ ही विशेष डाइट की भी मांग की है. उन्होंने कोर्ट से जेल में मेज और कुर्सी दिए जाने की भी इजाजत मांगी है.
केजरीवाल को तिहाड़ में किस सेल में रखा जाएगा?
सूत्रों का कहना है कि तिहाड़ जेल में हलचल तेज हो गई है. तिहाड़ की जेल नंबर तीन में हलचल सबसे ज्यादा तेज है. इसी जेल में डिस्पेंसरी है. तिहाड़ की जेल नंबर दो, नंबर तीन और नंबर पांच के सभी जेल सुपरिटेंडेंट को अलर्ट पर रखा गया है.
तिहाड़ जेल सूत्रों के मुताबिक, अभी यह तय नहीं है कि केजरीवाल को तिहाड़ के किस बैरक में रखा जाएगा. कुछ दिन पहले आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह को दो नंबर जेल से पांच नंबर जेल में शिफ्ट किया गया है. मनीष सिसोदिया को जेल नंबर एक में रखा गया है. वहीं, सतेंद्र जैन को तिहाड़ जेल की सात नंबर जेल में रखा गया है. के. कविता को लेडी जेल नंबर 6 में रखा गया है.
बता दें कि तिहाड़ जेल में कुल नौ जेल हैं, जिनमें लगभग 12 हजार कैदी हैं. इस जेल में ईडी और सीबीआई से संबंधित कैदियों को रखा जाता है.
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क्या है जेल की दिनचर्या?
जेल में सभी कैदियों के लिए समान दिनचर्या है. सूरज निकलते ही कैदियों की सेल और बैरक को खोल दिया जाता है. इसके बाद सुबह लगभग 6.40 बजे नाश्ते में चाय और ब्रेड दिया जाता है. नहाने के बाद अगर कोर्ट जाना है या फिर किसी से मुलाकात करनी है तो उसके लिए तैयार किया जाता है. सुबह साढ़े दस और 11 बजे के आसपास दाल, एक सब्जी और पांच रोटी खाने में दी जाती है. जिस कैदी को रोटी नहीं खानी है, उसे चावल दिए जाते हैं.
इसके बाद कैदियों को दोपहर 12 बजे से तीन बजे तक बैरक में बंद कर दिया जाता है. फिर तीन बजे कैदियों को बैरक से बाहर निकाला जाता है. उन्हें 3.30 बजे चाय और दो बिस्किट दिए जाते हैं. फिर शाम लगभग चार बजे अगर कोई वकील मिलना चाहे तो मिल सकता है. शाम 5.30 बजे कैदियों को रात का खाना दिया जाता है, जिसमें दाल, एक सब्जी और पांच रोटी होती हैं. फिर 6.30 बजे या 7 बजे सूरज ढल जाने पर सभी कैदियों को सेल में बंद कर दिया जाता है.
बता दें कि कैदियों को जेल में सुबह पांच बजे से रात 11 बजे तक टीवी देखने की मंजूरी भी दी जाती है. इस दौरान 18 से 20 चैनल ही देखने दिए जाते हैं, जिनमें न्यूज से लेकर खेल और मनोरंजन चैनल शामिल हैं.
कोर्ट में ED ने क्या कहा?
ईडी ने राउज एवेन्यू कोर्ट में कहा कि अरविंद केजरीवाल जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं. वे सीधे-सीधे जवाब नहीं दे रहे हैं. ईडी की ओर से एडिशनल सॉलिसिटर एसवी राजू ने कहा कि कोर्ट को ये सब बताने का मकसद है कि हम आगे भी केजरीवाल की कस्टडी की मांग कर सकते हैं. केजरीवाल ने अब तक मोबाइल का पासवर्ड शेयर नहीं किया है. वे बार-बार कह रहे हैं कि उन्हें नहीं पता है.
ईडी ने कहा कि केजरीवाल जाबूझकर जांच को भटकाने की कोशिश कर रहे हैं.
तिहाड़ जेल में हुई थी हाईलेवल मीटिंग
बीते दिनों तिहाड़ जेल में हाईलेवल मीटिंग हुई थी. आज 11 बजे भी एक हाई लेवल मीटिंग हुई है. पिछली मीटिंग में इस बात पर चर्चा की गई थी कि अगर केजरीवाल को न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल भेजा जाता है तो उन्हें किस नंबर की जेल में रखा जाएगा. साथ ही उनकी सुरक्षा व्यवस्था को लेकर भी चर्चा हुई थी.
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शराब घोटाले में गिरफ्तार हुए थे केजरीवाल
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को ईडी ने लगभग दो घंटे की पूछताछ के बाद 21 मार्च को उनके आधिकारिक आवास से गिरफ्तार किया था. दिल्ली शराब घोटाले में उन्हें राउज एवेन्यू कोर्ट ने 28 मार्च तक ईडी की हिरासत में भेज दिया था. अपनी गिरफ्तारी के बाद भी अरविंद केजरीवाल ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा नहीं दिया है. आम आदमी पार्टी के नेताओं का कहना है कि वह दिल्ली के मुख्यमंत्री बने रहेंगे और जरूरत पड़ने पर जेल से सरकार चलाएंगे.
क्या थी नई शराब नीति?
- 22 मार्च 2021 को मनीष सिसोदिया ने नई शराब नीति का ऐलान किया था. 17 नवंबर 2021 को नई शराब नीति यानी एक्साइज पॉलिसी 2021-22 लागू कर दी गई.
- नई शराब नीति आने के बाद सरकार शराब के कारोबार से बाहर आ गई. और पूरी शराब की दुकानें निजी हाथों में चली गई.
- नई नीति लाने के पीछे सरकार का तर्क था कि इससे माफिया राज खत्म होगा और सरकार के रेवेन्यू में बढ़ोतरी होगी.
- हालांकि, नई नीति शुरू से ही विवादों में रही. जब बवाल ज्यादा बढ़ गया, तब 28 जुलाई 2022 को सरकार ने नई शराब नीति रद्द कर फिर पुरानी पॉलिसी लागू कर दी.