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स्वामी अग्निवेश नहीं रहे, दिल्ली के अस्पताल में हार्ट अटैक से निधन

जाने-माने आर्य समाज के नेता, स्वामी अग्निवेश ने आज नई दिल्ली के इंस्टीट्यूट ऑफ लिवर एंड बायिलरी साइंसेज में अंतिम सांस ली. वह लिवर सिरोसिस से पीड़ित थे और गंभीर रूप से बीमार थे. मल्टीपल फेल्योर के कारण मंगलवार से वो वेंटिलेटर सपोर्ट पर भी थे.

अस्पताल में भर्ती थे स्वामी अग्निवेश अस्पताल में भर्ती थे स्वामी अग्निवेश
कुमार कुणाल
  • नई दिल्ली,
  • 11 सितंबर 2020,
  • अपडेटेड 8:23 PM IST
  • स्वामी अग्निवेश का निधन
  • शाम 6:30 पर ली अंतिम सांस
  • लीवर सिरोसिस से थे पीड़ित

जाने-माने आर्य समाज के नेता, स्वामी अग्निवेश ने आज नई दिल्ली के इंस्टीट्यूट ऑफ लिवर एंड बायिलरी साइंसेज में अंतिम सांस ली. वह लीवर सिरोसिस से पीड़ित थे और गंभीर रूप से बीमार थे. मल्टीपल फेल्योर के कारण मंगलवार से वो वेंटिलेटर सपोर्ट पर भी थे.

शुक्रवार 11 सितंबर को उनकी हालत बिगड़ गई और शाम 6:00 बजे कार्डियक अरेस्ट भी आया. जिसके बाद डॉक्टरों ने उन्हें बचाने की तमाम कोशिश की, लेकिन शाम 6:30 बजे उनका निधन हो गया. यह जानकारी आईएलबीएस की तरफ से जारी की गई है.

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स्वामी अग्निवेश समाजिक मुद्दों पर खुलकर अपनी राय रखते थे. उन्होंने रियलिटी शो बिग बॉस में भी हिस्सा लिया था. इस दौरान बिग बॉस के घर पर  उनका काफी मजाक बना था. बिग बॉस सीजन-5 के घर में पहली बार कोई संन्यासी नजर आया था. स्वामी अग्निवेश ने साल 2011 में अन्ना हजारे की अगुवाई वाले भ्रष्टाचार-विरोधी आंदोलन में भी हिस्सा लिया था. हालांकि बाद में वो आंदोलन से दूर हो गए थे.    

स्वामी अग्निवेश का जन्म 21 सितंबर 1939 आंध्र प्रदश के श्रीकाकुलम में हुआ था. जब वह चार साल के थे तो उनके पिता की मौत हो गई थी. लॉ और कॉमर्स में डिग्री लेने के बाद स्वामी अग्निवेश कोलकाता के प्रसिद्ध सेंट जेवियर्स कॉलेज में मैनेजमेंट के लेक्‍चरर रहे. इसके साथ ही सब्‍यसाची मुखर्जी के अंडर उन्होंने वकालत भी की. स्वामी अग्निवेश आर्य समाज में शामिल होने 1968 में हरियाणा गए थे. 25 मार्च 1970 को स्वामी अग्निवेश ने संन्यास ले लिया था. 

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1968 में ही अग्निवेश ने आर्य सभा नाम की राजनीति पार्टी बनाई थी. 1977 में वह हरियाणा विधासनभा में विधायक चुने गए और हरियाणा सरकार में शिक्षा मंत्री भी रहे. मजदूरों पर लाठीचार्ज की एक घटना के बाद उन्होंने मंत्रीपद से इस्तीफ़ा दे दिया और राजनीति को अलविदा कह दिया.1981 में उन्होंने बंधुआ मुक्ति मोर्चा नाम के संगठन की स्थापनी की. इसमें उनके साथ नोबेल व‍िजेता कैलाश सत्यार्थी भी थे. 

वहीं जनवरी 2012 में दिल्ली सरकार ने स्वामी अग्निवेश के एनजीओ  बंधुआ मुक्ति मोर्चा को दिए गए फंड को लेकर एक कारण बताओ नोटिस जारी किया था. आरोप था कि 2012 से तकरीबन पांच साल पहले सरकार के जरिए उन्हें एक सर्वे के लिए दिए गए 18 लाख रुपए के हिसाब किताब में हेरा-फेरी का.

2010 में गृहमंत्री पी चिदंबरम ने स्वामी अग्निवेश से नक्सल‍ियों के साथ बातचीत शुरू करने का अनुरोध किया था. बीबीसी के अनुसार इसके बाद मानवाधिकार कार्यकर्ता स्वामी अग्निवेश नेसरकार के साथ संघर्षविराम के लिए नक्सल‍ियों के साथ कई दौर की बातचीत की थी.

वहीं 2011 में छत्तीसगढ़ की सरकार ने सामाजिक कार्यकर्ता स्वामी अग्निवेश पर निगरानी रखने के आदेश जारी किए थे. गृह मंत्री ननकीराम कंवर के जारी आदेश के अनुसार आरोप था कि बिनायक सेन के साथ-साथ स्वामी अग्निवेश भी नक्सलियों  के शहरी नेटवर्क का हिस्सा हैं.

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आपको बता दें कि नक्सली  प्रवक्ता आज़ाद की पुलिस मुठभेड़ में मारे जाने पर अग्न‍िवेश ने सरकार पर सवाल भी उठाए थे.  
 

 

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