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एआईएमआईएम (AIMIM) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने चीन का मसला उठाते हुए केंद्र सरकार पर सवाल दागे हैं. उन्होंने कुछ ट्वीट किए हैं जिनमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर तीखा कटाक्ष किया है.
ओवैसी ने लिखा- 2014 से पहले मोदी कहते थे कि समस्या सरहदों पर नहीं है, समस्या दिल्ली में है. यह पहले से कहीं ज्यादा सच है. तब गुजरात के सीएम मोदी राष्ट्रीय सुरक्षा की बड़ी-बड़ी बातें करते थे लेकिन अब पीएम मोदी चीन का नाम तक नहीं लेते. क्या हुआ? यह हिचकिचाहट क्यों?
ओवैसी ने कहा कि हम चीन-भारत संबंधों और सीमा पर स्थिति पर पूर्ण संसदीय बहस की मांग करते हैं. सांसदों के सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल को सभी विवादित सीमावर्ती इलाकों में भी ले जाया जाए. यह हमें अपनी संप्रभुता को फिर से स्थापित करने और जनता को सूचित रखने की अनुमति देगा.
उन्होंने आगे कहा यदि आवश्यक हो, तो लोकसभा नियम 248 के तहत सदन की गुप्त बैठक आयोजित की जा सकती है. चीन पर मोदी की चुप्पी, इनकार और आक्षेप की रणनीति खुद से हार है. यह बीजिंग को हमारी कमजोरी का संदेश देता है. हमारे सहयोगियों के लिए, यह सच्चाई का सामना करने में हमारी अक्षमता को बताता है.
एक अन्य ट्वीट में ओवैसी ने कहा- अफसोस की बात है कि यह सरकार भारतीयों का ध्रुवीकरण और विभाजन करके हमें आंतरिक रूप से कमजोर कर रही है. घरेलू स्तर पर यह विभाजन उस पड़ोस में हमारे संबंधों की कीमत पर आया है जहां चीन लाभ कमा रहा है.