
देश के राष्ट्रीय प्रतीक चिह्न अशोक स्तंभ पर एक विवाद खड़ा हो गया है. इस विवाद की शुरुआत तब हुई, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नए संसद भवन की छत पर स्थापित अशोक स्तंभ का अनावरण किया. कांग्रेस का आरोप है कि नए संसद भवन की छत पर जो अशोक स्तंभ लगाया गया है, उसमें शेर आक्रामक दिखाई दे रहे हैं, जबकि सारनाथ में जो ओरिजिनल अशोक स्तंभ है, उसमें शेर शांत हैं. कांग्रेस का आरोप है कि ऐसा करके सरकार ने अशोक स्तंभ का अपमान किया है.
अशोक स्तंभ पर जारी विवाद के बीच मूल प्रतीक चिह्न डिजाइन करने वाले दीनानाथ भार्गव के परिवार ने बताया कि वो शेर देखने के लिए तीन महीने तक चिड़ियाघर जाते रहे थे.
दीनानाथ भार्गव उस टीम के सदस्य थे, जिसने भारतीय संविधान की पांडुलिपि पर लगाए गए मूल राष्ट्रीय प्रतीक चिह्न को डिजाइन किया था. इसे उत्तर प्रदेश के सारनाथ में पाई 250 ईसा पूर्व की एक प्राचीन मूर्तिकला के आधार पर डिजाइन किया गया था. सारनाथ में 1905 में खुदाई के दौरान असली अशोक स्तंभ मिला था, जिसकी ऊंचाई 7 फीट है. अभी ये स्तंभ सारनाथ के म्यूजियम में रखा है.
दीनानाथ भार्गव मध्य प्रदेश के बैतूल जिले के रहने वाले थे. उन्होंने 89 साल की उम्र में 24 दिसंबर 2016 में आखिरी सांस ली थी.
शेरों के हाव-भाव देखने जाते थे चिड़ियाघर
दीनानाथ भार्गव की पत्नी प्रभा ने न्यूज एजेंसी को बताया, 'भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ने संविधान की मूल पांडुलिपि को डिजाइन करने का काम रविंद्रनाथ टैगोर के शांतिनिकेतन के कला भवन के प्रिंसिपल और जाने-माने चित्रकार नंदलाल बोस को दिया था.'
उन्होंने बताया कि बोस ने उनके पति को अशोक स्तंभ की पिक्चर डिजाइन करने का काम दे दिया था. उस समय उनके पति शांति निकेतन में आर्ट्स की पढ़ाई कर रहे थे.
उन्होंने आगे बताया, 'अपने गुरु के निर्देश पर मेरे पति कोलकाता के एक चिड़ियाघर में तीन महीने तक जाते रहे थे. वो वहां शेरों के हाव-भाव देखते थे और ये देखते थे कि शेर कैसे बैठते हैं और कैसे खड़े होते हैं.'
उनके परिवार ने दावा किया है कि भार्गव की डिजाइन की गई अशोक स्तंभ की मूल कलाकृति उनके पास अभी भी है, क्योंकि उन्होंने इसे 1985 में पूरा किया था. दीनानाथ भार्गव की डिजाइन की गई कलाकृति में तीन शेर हैं, जिनके मुंह थोड़े खुले हुए हैं और उनके दांत भी दिखाई दे रहे हैं. इसके नीचे सुनहरे अक्षरों में 'सत्यमेव जयते' लिखा हुआ है.
बहू बोली- मूर्ति में अंतर होना स्वाभाविक
अशोक स्तंभ की मूर्ति को लेकर जारी विवाद पर दीनानाथ भार्गव की बहू ने कुछ भी कमेंट करने से मना कर दिया. हालांकि, उन्होंने ये जरूर कहा कि किसी भी मूर्ति या तस्वीर में थोड़ा बहुत अंतर होना स्वाभाविक है.
उन्होंने मांग की कि मध्य प्रदेश में कोई आर्ट गैलरी या म्यूजियम दीनानाथ भार्गव के नाम पर होना चाहिए, जहां संविधान के लिए डिजाइन किए गए उनके आर्टवर्क को संरक्षित रखा जा सके. उन्होंने दावा किया कि कई नेता उनसे इस बाता का वादा कर चुके हैं, लेकिन अभी तक उनकी मांग नहीं मानी गई है.