
असम में बाल विवाह के खिलाफ हिमंता सरकार का जबरदस्त एक्शन चल रहा है. अबतक 2200 से ज्यादा गिरफ्तारियां हो चुकी हैं. ये कार्रवाई अभी भी जारी है. राज्य सरकार के एक्शन के खिलाफ लोग सड़कों पर हैं. वहीं विपक्षी पार्टियां इसको लेकर बीजेपी सरकार पर निशाना साध रही हैं. इस बीच एक बार फिर असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा का बयान आया है., जिसमें उन्होंने कहा कि पिछले साल असम में 6.2 लाख से अधिक गर्भवती महिलाओं में से करीब 17 प्रतिशत किशोरी (कम उम्र) थीं.
दरअसल, सोमवार को सीएम सरमा ने प्रजनन और बाल स्वास्थ्य (आरसीएच) पोर्टल के आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि 2022 में 6,20,867 पंजीकृत गर्भवती महिलाएं थीं. मुख्यमंत्री द्वारा साझा किए गए आरसीएच पोर्टल के आंकड़ों के मुताबिक, कुल गर्भवती महिलाओं में से 1,04,264 महिलाएं 19 साल या उससे कम उम्र की थीं, जिनमें 16.79 फीसदी गर्भवती महिलाएं शामिल थीं.
उन्होंने ट्वीट किया, "बाल विवाह के खिलाफ हमारा अभियान सार्वजनिक स्वास्थ्य और जन कल्याण के लिए है क्योंकि असम में किशोर गर्भावस्था अनुपात काफी खतरनाक है. हम अपने उद्देश्य को पूरा करने तक इस अभियान को जारी रखने का संकल्प लेते हैं."
बता दें कि बराक घाटी, मोरीगांव और धुबरी में विरोध के बीच असम में बाल विवाह पर कार्रवाई सोमवार को भी जारी रही. राज्य भर में दर्ज 4,074 एफआईआर के बाद गिरफ्तारियों की संख्या बढ़कर 2,441 हो गई है. मुख्यमंत्री ने राज्य के लोगों से इसको नियंत्रित करने में प्रशासन का सहयोग करने का भी आग्रह किया.
न्यूज एजेंसी के मुताबिक आरसीएच पोर्टल के आंकड़ों से पता चलता है कि दक्षिण सलमारा सहित अविभाजित धुबरी जिले में सबसे अधिक 14,438 किशोर गर्भवती महिलाएं हैं, इसके बाद नागांव में 12,188 किशोर गर्भवती महिलाएं और बारपेटा में 11,658 किशोर गर्भवती महिलाएं हैं.
2022 में उच्च किशोर गर्भावस्था दर्ज करने वाले अन्य जिलों में गोलपारा (6,250), कामरूप (4,773), दारंग (4,584), मोरीगांव (4,254) और कछार (4,049) हैं. मुख्यमंत्री ने आंकड़ों के हवाले से कहा कि पहाड़ी जिले दीमा हसन ने 2022 में 431 महिलाओं में सबसे कम किशोर गर्भावस्था दर्ज की.