
Assam Child Marriage Crackdown: असम में बाल विवाह मामलों के खिलाफ चल रहे अभियान से हड़कंप मचा हुआ है. अब खबर है कि पुलिस के खौफ से धुबरी जिले से लगे मानकाचर में पिता के घर रहने वाली 27 साल की विधवा महिला ने फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली. आत्महत्या करने वाली महिला का नाम सीमा खातून है. वह शादी के वक्त नाबालिग थी.
जानकारी के अनुसार, बाल्यावस्था में ही सीमा खातून की उसके पिता ने शादी कर दी थी. दो साल पहले ही उसके पति मनोज मियां की कोरोना से मौत हो गई थी. तभी से सीमा अपने 2 बच्चों के साथ मायके यानी पिता के घर में ही रहती थी.
मृतका के परिजनों के मुताबिक, जब से राज्य में बाल विवाह मामलों में पुलिस प्रशासन की कार्रवाई चल रही है, तभी से सीमा को डर था कि इस मामले में उसके पिता गिरफ्तार हो सकते हैं. इसी चिंता में उसने अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली.
महिलाओं का प्रदर्शन
सीमा खातून की आत्महत्या के बाद ही पूरे अंचल के लोगों मे गुस्सा पैदा हो गया. शनिवार को ही इसके विरोध में गुस्साए लोगों ने हाटशिंगिमारी जिला उपायुक्त कार्यालय के बाहर धरना प्रदर्शन किया. असम के दक्षिण शालमारा मानकाचर जिले के नगर में हुए प्रदर्शन के दौरान हजारों महिलाएं मौजूद थीं.
वहीं, धुबरी जिले के तमरहाट में भी बाल विवाह के मामलों में कार्रवाई के खिलाफ महिला संगठनों में विरोध करते हुए पुलिस स्टेशन का घेराव किया. इसके चलते हालात तनावपूर्ण बन गए.
असर सरकार का सख्त अभियान
मुख्यमंत्री हिमंत बिश्व शर्मा के निर्देश के बाद असम पुलिस 3 फरवरी से बाल विवाह करने वालों के खिलाफ व्यापक अभियान छेड़ दिया है. इसके तहत 14 साल से कम उम्र के बच्चे से शादी करने के दोषी पाए जाने पर दोषी पर पॉक्सो एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी. मालूम हो कि गिरफ्तारी का अभियान आगामी सात दिनों तक जारी रहेगा.
57 काजी और पुरोहित भी गिरफ्तार
असम पुलिस के महानिदेशक (डीजीपी) जीपी सिंह ने बताया कि अब तक पूरे असम में बाल विवाह से संबंधित 4074 मामले दर्ज़ किए गए जबकि 8,134 लोगों की पहचान आरोपी के रूप में की गई है. अब तक 2258 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है. हमें लगभग 3500 लोगों को गिरफ्तार करना होगा. वहीं, बाल विवाह में शामिल हुए 57 काजी और पुरोहित को भी गिरफ्तार किया गया है.
फिलहाल आगे की कानूनी प्रक्रिया शुरू की जाएगी और गिरफ्तार आरोपियों को अदालत में पेश किया जाएगा. अभियान के चलते कई लोग अपना घर-बार छोड़कर फरार हो गए हैं, जिसके तहत इनकी गिरफ्तारी के लिए कुछ समय की आवश्यकता होगी.
कांग्रेस ने हिमंत सरकार को घेरा
उधर, असम में बाल विवाह के खिलाफ चल रहे अभियान पर सांसद गौरव गोगोई ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की. कांग्रेस सांसद भाजपा सरकार को अपराधियों को सुरक्षा देने वाली सरकार बताया. साथ ही उन्होंने कहा कि बाल विवाह के खिलाफ जारी अभियान की आड़ में सरकार के गृह विभाग की विफलता को छिपाने का प्रयास किया जा रहा है. मौजूदा सरकार के दिनों में अपराधों की संख्या में काफी वृद्धि हुई है. इसके साथ ही इन सब मामलों पीड़ितों को इंसाफ नहीं मिल पाता है. पुलिस अपराधियों को पकड़ने और उचित कार्रवाई में विफल हैं. साथ ही सांसद गोगोई ने कहा कि हिमंत सरकार पिछले छह सात महीनों से पूरी तरह से विफल साबित हुई है. बाल विवाह के खिलाफ चलाया गया अभियान बिना किसी परिकल्पना के शुरू की गई है. सरकार ने इसके परिणामों के बारे में पहले ही चर्चा कर लेनी चाहिए थी.
(असम से अजय मोर और पूर्ण बिकास का इनपुट)