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CM हिमंता ने मिजोरम MP के खिलाफ केस वापस लेने का दिया आदेश, बॉर्डर पर शांति की पहल

इससे पहले मिजोरम के मुख्य सचिव ने इंडिया टुडे से बातचीत में कहा कि मिजोरम के सीएम चाहते हैं कि असम के सीएम के खिलाफ एफआईआर पर दोबारा गौर किया जाए. उधर, हिमंता बिस्वा सरमा ने मिजोरम के सांसद के खिलाफ एफआईआर वापस लेने का आदेश दिया.

 असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा
आशुतोष मिश्रा
  • गुवाहाटी,
  • 02 अगस्त 2021,
  • अपडेटेड 8:37 AM IST
  • 26 जुलाई को बॉर्डर पर हुई थी फायरिंग
  • मिजोरम ने सीएम हिमंता के खिलाफ केस वापस लेने के दिए संकेत

26 जुलाई को असम-मिजोरम पुलिस के बीच हुई हिंसक झड़प के करीब 1 हफ्ते बाद अब दोनों राज्यों के बीच विवाद कुछ कम होता नजर आ रहा है. दरअसल, असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने मिजोरम के राज्यसभा सांसद के खिलाफ दर्ज केस वापस लेने के आदेश दे दिए हैं. 

इससे पहले मिजोरम के मुख्य सचिव ने इंडिया टुडे से बातचीत में कहा कि मिजोरम के सीएम चाहते हैं कि असम के सीएम के खिलाफ एफआईआर पर दोबारा गौर किया जाए.

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उत्तर पूर्व की भावना को जीवित रखना चाहता है असम

असम सीएम ने ट्वीट कर कहा, मैंने मीडिया में मिजोरम के मुख्यमंत्री जोरमथंगा के बयानों को सुना है, जिसमें उन्होंने सीमा विवाद को सौहार्दपूर्ण ढंग से निपटाने की इच्छा व्यक्त की है. असम हमेशा उत्तर पूर्व की भावना को जीवित रखना चाहता है. हम अपनी सीमाओं पर शांति सुनिश्चित करने के लिए भी प्रतिबद्ध हैं. 

उन्होंने कहा, इस सद्भावना को आगे बढ़ाने के लिए, मैंने असम पुलिस को मिजोरम से राज्यसभा के माननीय सांसद के. वनलालवेना के खिलाफ दर्ज केस वापस लेने का निर्देश दिया है. हालांकि, अन्य आरोपी पुलिस अफसरों पर कार्रवाई जारी रहेगी. उधर, मिजोरम में भी असम के अधिकारियों के खिलाफ केस दर्ज हुआ है. 

1 इंच जमीन नहीं छोड़ेंगे- असम मंत्री

उधर, मिजोरम सरकार की ओर से आए औपचारिक बयान के बाद असम सरकार में मंत्री अशोक सिंघल ने जवाब दिया. आज तक से बातचीत में उन्होंने कहा, हम 1 इंच और जमीन नहीं छोड़ेंगे, जान देंगे लेकिन जमीन नहीं देंगे. उन्होंने कहा, हम असम की जमीन का इस्तेमाल ड्रग्स की तस्करी और माफियों को नहीं करने देंगे. इतना ही नहीं उन्होंने कहा, सरकार ने ब्लॉकेड नहीं किए हैं, बल्कि पुलिसकर्मियों की मौत के बाद नाराज लोगों ने ब्लॉकेड लगाए हैं. हम उन्हें समझा रहे हैं. 

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अशोक सिंघल ने कहा, मिजोरम को सच्चाई स्वीकारनी होगी. उन्होंने गोली चलाई और हमारे पुलिसवाले मारे गए. क्या मिजोरम के मुख्यमंत्री की जानकारी के बिना उनका प्रशासन चल रहा है?  क्या सीएम की जानकारी के बिना उन्होंने असम के मुख्यमंत्री के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर दी. उन्होंने कहा, मिजोरम पुलिसकर्मियों पर फायरिंग की जांच करे और अपने पुलिस अधीक्षक के खिलाफ कानूनी कार्यवाही करे. उन्हें विश्वास बहाल करने के लिए कदम उठाने चाहिए. 

मिजोरम छोटा भाई- सिंघल

सिंघल ने कहा, हम बहुत मधुर रिश्ता चाहते हैं. मिजोरम हमारा छोटा भाई है और बिना मिजोरम के उत्तर पूर्वांचल की प्रगति की यात्रा संपूर्ण नहीं हो सकती. हमारे मुख्यमंत्री ने कहा है कि 1 अप्रैल 2020 को जो जमीन आप के कब्जे में है, वह जमीन आप ले लीजिए, क्योंकि आप आगे आए हैं और बहुत आगे आए हैं, फिर भी जो हो गया सो हो गया उसका पोस्टमार्टम करके कोई फायदा नहीं है आगे के लिए सीमा का निर्धारण कर लीजिए.
 

मिजोरम में दर्ज हुई असम सीएम के खिलाफ एफआईआर

इससे पहले मिजोरम पुलिस ने असम के सीएम के खिलाफ 26 जुलाई को हुई झड़प को लेकर हत्या का प्रयास, आपराधिक साजिश के आरोप में मामला दर्ज किया. हिमंता बिस्वा सरमा के अलावा मिजोरम पुलिस ने असम के चार पुलिस अफसरों और 2 नौकरशाहों के नाम भी एफआईआर में शामिल किए हैं. इसके अलावा 200 अज्ञात पुलिसकर्मियों के नाम भी मामला दर्ज किया गया है.

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6 जुलाई को हुई थी झड़प 26 जुलाई को असम और मिजोरम पुलिस के बीच हिंसक झड़प हो गई थी. इस घटना में असम के सात पुलिसकर्मी शहीद हुए थे. संघर्ष के बाद से ही आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है. 

 

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