
असम के मुख्यमंत्री हेमंत बिस्वा सरमा ने शनिवार को एक होमगार्ड को पुलिस कांस्टेबल पद पर नियुक्त किया है. होमगार्ड को ड्रग तस्कर रिश्वत दे रहे थे, जिसे लेने से उसने इनकार कर दिया था. होमगार्ड की मदद से पुलिस ने प्रतिबंधित दवा क्रिस्टल मेथामफेटामाइन को बरामद किया था, जिसकी अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत करीब 12 करोड़ रुपये है.
मुख्यमंत्री ने शनिवार को 35 वर्षीय बोर्सिंग बे को बधाई दी और नियुक्ति पत्र दिया. बोर्सिंग बे अपने काम की वजह से अब राज्य में हीरो के तौर पर उभरे हैं. लोग उन्हें नायक कह रहे हैं. उनकी मदद से प्रतिबंधित दवाइयों की बड़ी खेप पकड़ी गई है.
दरअसल 24 जून को असम कैबिनेट ने बोर्सिंग बे को असम पुलिस में कांस्टेबल नियुक्त करने का फैसला किया था. असम के डीजीपी भास्कर ज्योति महंत ने 21 जून को पुलिस को 3 किलो मेथामफेटामाइन जब्त करने में मदद करने के बाद बोर्सिंग बे को 1 लाख के चेक से नवाजा था. बोर्सिंग बे कार्बी आंगलोंग जिले के डिल्लई पुलिस स्टेशन से जुड़े हैं.
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ड्रग तस्करों ने की थी रिश्वत देने की कोशिश
रिपोर्ट्स के मुताबिक, 21 जून को पुलिस ने मणिपुर से आ रहे एक ट्रक को कार्बी आंगलोंग जिले के डिल्लई चेक पोस्ट पर रोका था. चेकिंग के दौरान बोर्सिंग बे ने ट्रक से 3 किलो मेथामफेटामाइन की गोलियां बरामद की थीं.
तलाशी के दौरान ड्रग तस्करों ने उसे एक बड़ी रिश्वत देने की कोशिश की लेकिन बोर्सिंग बे ने इसे लेने से इनकार कर दिया और पुलिस की 12 करोड़ रुपये की मेथामफेटामाइन की गोलियां जब्त करने में मदद की. बाद में तमिलनाडु की दो महिलाओं और मणिपुर के एक शख्स को गिरफ्तार किया गया, जिन्होंने बे को एक बड़ी रिश्वत देने की पेशकश की थी.