
असम के मुख्यमंत्री डॉक्टर हिमंत बिस्व सरमा ने कहा है कि उनकी सरकार भारतीय संविधान के दायरे में रहकर राज्य में गाय की रक्षा के लिए जो कुछ भी संभव होगा, वो करेगी. साथ ही लोगों से अनुरोध किया कि जहां पर गाय की पूजा होती है वहां पर बीफ नहीं खाया जाए.
मुख्यमंत्री बिस्वा सरमा सोमवार को 15वीं असम विधानसभा के पहले सत्र के आखिरी दिन सदन को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि गाय हमारी मां है और उसके असम में संरक्षण के लिए हमारे संविधान के दायरे में हर कदम उठाया जाएगा.
मुख्यमंत्री ने कहा, 'हमारा विश्वास है कि गाय हमारी माता है. हम पश्चिम बंगाल से गायों को नहीं आने देंगे. जिन स्थानों पर गाय की पूजा की जाती है, उन स्थानों पर बीफ (गो-मांस) न खाया जाए.'
अगले सत्र में गाय संरक्षण बिल लाने की योजना
बता दें कि असम के राज्यपाल जगदीश मुखी ने पिछले शुक्रवार को सत्र के पहले दिन कहा था कि असम सरकार की अगले सत्र में गाय संरक्षण बिल लाने और पास कराने की योजना है.
मुख्यमंत्री बिस्वा सरमा ने कहा, 'मैं ये नहीं कह रहा कि सभी लोगों को अपनी आदतें अचानक बदल लेनी चाहिए. मैंने कई बार लखनऊ के दारूल उलूम के ऐसे बयान देखे हैं कि हिन्दू बहुल इलाकों में बीफ की खपत पर रोक लगाई जानी चाहिए. गुवाहाटी के फैंसी बाजार क्षेत्र या गांधीबस्ती या शांतिपुर में होटल मदीना की जरूरत नहीं है क्योंकि ये क्षेत्र के लोगों की भावनाओं से जुड़ा मामला है. जिन स्थानों पर ऐसी स्थिति नहीं है वहां ऐसी बातें जारी रहेंगी. हालांकि जिन स्थानों पर भावनाओं से जुड़ी बात नहीं है, वहां हम लोगों से ऐसा करना छोड़ने की अपील करेंगे.'
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असम के मुख्यमंत्री ने आगे कहा, 'गोवध पर अवश्य रूप से रोक लगनी चाहिए और हम संविधान की स्टेट पॉलिसी के नीति निर्देशक तत्वों के तहत गोवध पर रोक की अपील करना जारी रखेंगे.'
बिस्वा सरमा ने कहा, 'हम जहां संवेदनशीलता है वहां अपना काम जारी रखेंगे. जब ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (AIDUF) के विधायक गाय संरक्षण बिल का समर्थन करेंगे उस दिन नया असम बनेगा. आज AIDUF के विधायक करीमुद्दीन बरभुइया ने संस्कृत में अल्लाह के नाम पर शपथ ली. ये संस्कृत भाषा और सभ्यता की प्रतीक है. ये अच्छा संकेत है. '
क्या कहा था राज्यपाल मुखी ने
मुख्यमंत्री ने राज्य के विकास के लिए विपक्षी दलों से भी समर्थन देने और सरकार के साथ हाथ मिलाने की अपील की.
इससे पहले शुक्रवार को असम के राज्यपाल जगदीश मुखी ने विधानसभा सत्र में गाय संरक्षण बिल को लेकर कहा था, 'हम जीरो टॉलरेंस पॉलिसी अपनाएंगे और उल्लंघन करने वालों पर सख्त दंड लगाएंगे. हम सभी गायों की पूजा करते हैं. गाय पवित्र है जो पूरा जीवन हमें दूध देती है. असल में, ये धरती की दैविक प्रचुरता की प्रतीक है.'
राज्यपाल मुखी ने कहा था, 'मुझे बताते हुए खुशी है मेरी सरकार अगले विधानसभा सत्र में गाय संरक्षण बिल लाने जा रही है. प्रस्तावित बिल राज्य के बाहर से मवेशियों को लाने पर पूरी तरह रोक का प्रावधान है. जब ये पास हो जाएगा तो असम देश के उन राज्यों में शामिल हो जाएगा, जहां पहले से ऐसे बिल पास हैं.'