
कांग्रेस पार्टी नॉर्थ से लेकर नार्थ-ईस्ट तक संकट में घिरी नजर आ रही है. हिमाचल में जहां एक ओर सुक्खू सरकार पर संकट छाया हुआ है, तो वहीं दूसरी ओर पार्टी के लिए असम से भी अच्छे संकेत नहीं आ रहे हैं.
असम कांग्रेस के सबसे वरिष्ठ और प्रमुख नेताओं में से एक राणा गोस्वामी ने आज बुधवार को पार्टी से इस्तीफा दे दिया. अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव के.सी. वेणुगोपाल को भेजे गए अपने इस्तीफे में राणा गोस्वामी ने कहा कि वह पार्टी के "कार्यकारी अध्यक्ष और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के एक सक्रिय सदस्य के रूप में" अपना इस्तीफा दे रहे हैं.
हालांकि उन्होंने अपने इस्तीफे का कोई कारण नहीं बताया. अब राणा गोस्वामी के भाजपा में शामिल होने की संभावना जताई जा रही है.
राणा गोस्वामी कांग्रेस पार्टी से काफी लंबे समय से जुड़े हुए थे. वो राज्य के वरिष्ठ और प्रमुख नेताओं में से एक थे. साथ ही वो इस्तीफा देने से पहले तक असम कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष भी थे.
सूत्रों के मुताबिक इस डेवलपमेंट के बाद भारतीय जनता पार्टी के असम प्रदेश अध्यक्ष भाबेश कलिता राजधानी दिल्ली स्थित असम भवन पहुंच गए हैं. पूर्व कांग्रेस नेता राणा गोस्वामी और भारतीय जनता पार्टी के नेता जी.आर. रविंद्र राजू, असम के राज्य महासचिव (संगठन) पवन शर्मा, असम भाजपा के सह-प्रभारी और प्रदेश अध्यक्ष भाबेश कलिता के बीच एक बैठक हुई है.
इस मीटिंग को काफी अहम माना जा रहा है. क्योंकि यह बैठक ऐसे समय में हो रही है जब इसके ठीक बाद भारतीय जनता पार्टी की कोर कमेटी की हाई लेवल मीटिंग भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ होनी है.
हालांकि, इससे पहले 25 फरवरी को असम कांग्रेस के प्रमुख भूपेन बोरा को लिखे त्याग पत्र में राणा गोस्वामी ने ऊपरी असम के संगठनात्मक प्रभारी के रूप में अपना इस्तीफा दे दिया था. इसमें राणा ने कहा था कि उन्होंने अपना इस्तीफा "विभिन्न राजनीतिक आक्रोश के कारण" दिया है.
आपको बता दें कि राणा गोस्वामी असम के सबसे प्रभावशाली कांग्रेस नेताओं में से एक रहे हैं. वो राज्य के जोरहाट लोकसभा क्षेत्र से संसद रह चुके हैं.
राणा गोस्वामी के पार्टी से इस्तीफा देने पर प्रतिक्रिया देते हुए असम के नेता प्रतिपक्ष देबब्रत सैकिया ने कहा कि उन्होंने इस्तीफे का कोई कारण नहीं बताया. उन्होंने कहा कि पार्टी ने उन्हें पंचायत जिला परिषद, दो बार विधायक, संसदीय सचिव, एआईसीसी सचिव और कई अन्य पदों पर बिठाया. सैकिया ने कहा कि उन्हें स्पष्ट करना चाहिए कि उन्होंने पार्टी क्यों छोड़ी. पार्टी में पद पर रहना और बिना किसी कारण के इस्तीफा देने को सैकिया ने पार्टी को धोखा देना बताया है.
चुनाव से पहले असम कांग्रेस नेताओं के बीजेपी में शामिल होने पर सैकिया ने कहा कि आजकल ED और CBI का डर हमेशा बना रहता है. उन्होंने कहा कि अगर किसी के खिलफ कोई कानूनी मामला चल रहा हो और अगर गिरफ्तारी का डर हो, तो बचने के लिए लोग बीजेपी में चले जाते हैं.