
खालिस्तानी समर्थक अमृतपाल सिंह के 7 साथियों को असम के डिब्रूगढ़ की जेल में रखा गया है. इनमें अमृतपाल का चाचा भी शामिल है. डिब्रूगढ़ की जिस जेल में इन लोगों को रखा गया है, वहीं सुरक्षा की चाक चौबंद व्यवस्था की गई है. इतना ही नहीं अमृतपाल के साथियों को 3 इंच का कृपाण रखने की इजाजत भी दी गई है. इसके अलावा कैदियों द्वारा जो धार्मिक पुस्तकें मांगी गई थी, वे भी उपलब्ध कराई गई हैं.
असम सीएम से ली गई कृपाण रखने की इजाजत- डीजीपी
असम डीजीपी जीपी सिंह ने आजतक से खास बातचीत में ये जानकारी दी. उन्होंने बताया, मैंने जेल की सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया है. अंदर जेल का स्टाफ सुरक्षा में तैनात है, जबकि जेल के बाहर कमांडोज की तैनाती की गई है. जो लोग इनसे मिलने आ रहे हैं, उनपर भी कड़ी नजर रखी जा रही है.
उन्होंने बताया कि असम की जेल का मैनुअल पंजाब से अलग है. ऐसे में असम के सीएम के आदेश पर अप्रूवल लेकर सभी 7 कैदियों को 3 इंच से छोटा कृपाण रखने दिया गया है. उन्होंने जो धार्मिक पुस्तकें मांगी थीं, उन्हें भी दिया गया है.
पहले 4, फिर 3 कैदी किए गए शिफ्ट
पंजाब में 18 मार्च को पुलिस ने अमृतपाल सिंह के खिलाफ ताबड़तोड़ कार्रवाई की थी. उसके कई साथियों और समर्थकों को गिरफ्तार किया गया था. लेकिन अमृतपाल पुलिस को चकमा देकर भागने में कामयाब हो गया था. इस दौरान पकड़े गए 7 सहयोगियों को सुरक्षा व्यवस्था के चलते डिब्रूगढ़ की जेल में शिफ्ट किया गया है. जेल में मल्टी लेयर सिक्योरिटी व्यवस्था की गई है.
डिब्रूगढ़ के डिप्टी कमिश्नर बिस्वजीत पेगू के मुताबिक, पंजाब पुलिस ने 19 मार्च को अमृतपाल के 4 साथियों को यहां शिफ्ट किया था. इसके बाद मंगलवार को उसके चाचा समेत 3 लोगों को पंजाब से करीब 2500 किलोमीटर दूर NSA के तहत यहां लाया गया था. उन्होंने बताया कि वारिस पंजाब दे के 7 सदस्यों को जेल में रखा गया है. जिन्हें NSA के तहत गिरफ्तार किया गया है, उनकी सुरक्षा अन्य कैदियों से अलग है.
मल्टी लेयर सिक्योरिटी में रखे गए कैदी
जेल सूत्रों के मुताबिक, ब्लैक पैंथर असम पुलिस कमांडो की एक टीम को जेल की बाहरी बाउंड्री को सुरक्षित रखने का जिम्मा सौंपा गया है, जबकि सीआरपीएफ, असम पुलिस कर्मियों और जेल प्रहरियों को आंतरिक सुरक्षा की जिम्मेदारी मिली है. जेल की बाहरी बाउंड्री में CCTV लगाए गए हैं. डिब्रूगढ़ जेल में अमृतपाल के चाचा हरजीत सिंह के अलावा दलजीत कल्सी, बसंत सिंह, गुरमीत सिंह, भगवंत सिंह, कुलवंत सिंह धालीवाल, गुरिंदर पाल सिंह को रखा गया है.
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कौन है अमृतपाल सिंह?
अमृतपाल सिंह वारिस पंजाब दे संगठन का प्रमुख है. इसे अभिनेता दीप सिद्धू ने बनाया था. दीप सिद्धू की पिछले साल फरवरी में सड़क हादसे में मौत हो गई थी. दीप सिद्धू लाल किला हिंसा का आरोपी भी था. दीप सिद्धू की मौत के बाद दुबई से लौटे अमृतपाल सिंह ने संगठन की कमान संभाली. दीप सिद्धू की मौत के बाद 'वारिस पंजाब दे' वेबसाइट बनाई और लोगों को जोड़ना शुरू कर दिया था.